Stambheshwar Mahadev

Stambheshwar Mahadev: दिन में दो बार समुद्र में डूब जाता है यह शिव मंदिर, जानें गुजरात के इस मंदिर के बारे में

Stambheshwar Mahadev: भक्तों को भगवान के दर्शन के लिए समुद्र तल के घटने का इंतजार करना पड़ता है

धर्म डेस्क, 16 अगस्तः Stambheshwar Mahadev: आज श्रावण मास का दूसरा सोमवार है। आज सोमवार के दिन बात करते हैं एक ऐसे शिव मंदिर के बारे में जो दिन में दो बार समुद्र में डूब जाता है। मंदिर के डूबने और डूबने के बाद फिर से उभरता हुआ देखने के लिए विदेशों से भी पर्यटक आते हैं। यह मंदिर गुजरात के वडोदरा शहर के पावे कवि-कंबोई गांव में स्थित है।

इस प्राचीन मंदिर में आने वाले भक्तों को भगवान के दर्शन के लिए समुद्र तल के घटने का इंतजार करना पड़ता है। दो बार उच्च ज्वार के दौरान मंदिर अपने पानी में डूब जाता है और थोड़ी देर बाद शिवलिंग फिर से दिखाई देता है। यह मंदिर अरब सागर में केम्बे तट पर बना है।

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स्तंभेश्वर महादेव (Stambheshwar Mahadev) मंदिर के नाम से प्रसिद्ध इस प्रसिद्ध तीर्थ का उल्लेख महाशिवपुराण की रुद्र संहिता में मिलता है। उनके अनुसार इस मंदिर का निर्माण भगवान शिव के कार्तिकेय ने करवाया था। शिव भक्त ताड़करसुर का वध कर जब कार्तिकेय बेचैन थे, तब उन्होंने अपने पिता के अनुरोध पर ताड़कासुर के वध के स्थान पर इस मंदिर का निर्माण कराया। इस मंदिर का शिवलिंग लगभग 4 फीट ऊंचा और 2 फीट चौड़ा है।

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