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Mahashivratri 2022: आज शिवरात्रि पर भूलकर भी ना करें यह काम, शिवलिंग पर ना चढ़ाएं यह चीजें

Mahashivratri 2022: हर साल देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं

धर्म डेस्क, 01 मार्चः Mahashivratri 2022: हर साल देश में महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस बार यह पर्व (Mahashivratri 2022) आज 1 मार्च को देश में मनाया जा रहा हैं। यह दिन भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च हैं। इस दिन व्रत रखने वाले लोगों को कुछ विशेष नियम और सावधानियों का पालन करना होगा। आइए जानें कि महाशिवरात्रि के व्रत में कौन से कार्य करने से बचना चाहिए।

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काले कपड़ों से बचें- महाशिवरात्रि पर स्नान किए बिना कुछ ना खाएं। अगर आपने व्रत नहीं रखा है फिर भी स्नान किए बिना भोजन ग्रहण ना करें। महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ माना जाता हैं। साथ ही साथ शिवलिंग पर चढ़ाएं जाने वाले प्रसाद को ग्रहण ना करें, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता हैं।

ना खाएं यह चीजेः शिवरात्रि के त्योहार पर दाल, चावल या गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें। व्रत में आप दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं। सूर्यास्त के बाद कुछ भी ना खाएं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने से तन और मन की शुद्धि होती है। इसलिए इसी काम के साथ दिन की शुरूआत करें।

शिवलिंग पर ना चढ़ाएं यह चीजें

तुलसी के पत्तेः शिवलिंग पर कभी भी तुलसी के पत्ते ना चढ़ाएं। शिवलिंग पर दूध चढ़ाने से पहले ध्यान रखें कि पाश्र्चुरीकृत या पैकेट वाले दूध का इस्तेमाल ना करें और शिवलिंग पर ठंडा दूध ही चढ़ाएं। अभिषेक के लिए कभी भी स्टील के बर्तनों का प्रयोग ना करें।

केतकी के फूल ना चढ़ाएं: भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं। कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था। केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में नहीं चढ़ाना चाहिए।

टूटे हुए चावलः भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है। इसलिए शिवजी को अक्षत चढ़ाते समय यह देख लें कि चावल टूटे हुए तो नहीं है। शिवरात्रि का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है। व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए, हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए।

टूटे हुए बलेपत्रः शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो। टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए।

महाशिवरात्रि पर पूजा की विधि

महाशिवरात्रि के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं और स्‍नान करके साफ कपड़े पहन लें। संभव हो तो महाशिवरात्रि पर व्रत रखें। इसके बाद शिवलिंग का पंचामृत से अभिषेक करें। शिवलिंग पर एक-एक करके जल, दूध, दही, शहद, घी आदि अर्पित करें। आखिर में जल चढ़ाएं। इसके बाद भगवान शिव को चंदन, भभूत का तिलक लगाकर बेलपत्र, शमीपत्र, भांग, धतूरा, फल, फूल, मिष्ठान, पान, सुपाड़ी, इलायची, लौंग, इत्र और कुछ दक्षिणा अर्पित करें।

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