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Study Of Patriotism: हमने 70 सालों में सारे विषय पढ़ाए, लेकिन देशभक्ति नहीं पढ़ाई, अब दिल्ली के स्कूलों में होगी देशभक्ति की पढ़ाई- अरविंद केजरीवाल

Study Of Patriotism: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस का जश्न अब प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि वास्तविक होगा- अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली, 14 अगस्तः Study Of Patriotism: दिल्ली में सरकारी स्कूलों के बच्चे अब देशभक्ति से ओतप्रोत होंगे। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 75वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आज देशभक्ति पाठ्यक्रम को हरी झंडी देते हुए कहा कि हमने पिछले 70 सालों में सारे विषय पढ़ाए, लेकिन देशभक्ति नहीं पढ़ाई। अब दिल्ली के स्कूलों में देशभक्ति की पढ़ाई होगी। भारत की आजादी की 75वीं वर्षगांठ पर अब हम हर दिन आजादी की भावना का जश्न मनाने के लिए खुद को प्रतिबद्ध करें।

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्वतंत्रता दिवस का जश्न अब प्रतीकात्मक नहीं, बल्कि वास्तविक होगा। पायलट के समय हमने काफी सीखा और समय के साथ आगे भी सीखेंगे, और लगातार इसमें सुधार करते रहेंगे। वहीं, डिप्टी सीएम एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम ‘देश प्रेम’ के मूल्यों को दैनिक जीवन के साथ जोड़ना चाहते हैं, यही देशभक्ति पाठ्यक्रम का सार है। आजादी की 75वीं वर्षगांठ की पूर्व संध्या से देशभक्ति दिल्ली सरकार के स्कूलों में टीचिंग-लर्निंग का मूल आधार बनेगी।

Study Of Patriotism: इससे पहले, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के नेतृत्व में शिक्षा निदेशालय व एससीईआरटी के वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षकों की टीम ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम के कार्यांवयन पर चर्चा की। इस दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दो साल पहले जब हमने शुरुआत की थी, तो तब पता नहीं था यह कैसा होगा और कैसे होगा? यह डायनेमिक और रिवॉल्विंग प्रक्रिया है।

इसके पायलट के समय हमने काफी सीखा है और समय के साथ आगे भी सीखेंगे और लगातार इसमें सुधार करते रहेंगे। इसी के साथ यह भी लगातार देखना है कि बच्चों के अंदर कितनी तेजी हम कर पा रहे हैं, उसको निष्पक्ष रूप से मूल्यांकन करना भी महत्वपूर्ण है। इसलिए हमें मूल्यांकन पर भी ध्यान देना होगा। एक प्रक्रिया के तहत इसका ध्यान रखना होगा कि निष्पक्ष रूप से मूल्यांकन हो। सीएम ने पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि आप सभी लोगों ने बहुत ही शानदार काम किया है। पिछले 70 साल में हम लोगों ने केमिट्री पढ़ाई, मैथ पढ़ाई और फिजिक्स भी पढ़ाई, लेकिन देशभक्ति नहीं पढ़ाई, लेकिन अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में देशभक्ति की पढ़ाई होगी।

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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘ आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर देशभक्ति पाठ्यक्रम दिल्ली के स्कूलों में लागू होने के लिए तैयार है। बच्चों के मन में देश के प्रति प्यार और देशभक्ति ही उनको आज़ादी के हमारे दिवानों के सपनों का भारत बनाने के लिए प्रेरित करेगी। सभी पैरेंट्स, बच्चों और टीम एजुकेशन को बधाई।’’

देशभक्ति करिकुलम फ्रेमवर्क मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा साझा किए गए तीन प्राथमिक लक्ष्यों पर आधारित है। मुख्यमंत्री ने 2019 में 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर इस करिकुलम के विज़न को साझा किया था। यह तीन लक्ष्य हैं-

1- छात्रों में अपने देश के प्रति गर्व की भावना पैदा करना।
2- देश के प्रति जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता पैदा करना।
3- देश के लिए बलिदान देने की प्रतिबद्धता।

देशभक्ति करिकुलम कमिटी ने पिछले दो सालों में टीचर्स, स्टूडेंट्स, पैरेंट्स, एजुकेटर्स, सिविल सोसाइटी ऑर्गेनाइजेशंस के साथ विस्तृत चर्चा और परामर्श के बाद करिकुलम की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसे 6 अगस्त 2021 को एससीईआरटी की गवर्निंग काउंसिल द्वारा मंजूरी दी गई।

एससीईआरटी दिल्ली के निदेशक ने आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देशभक्ति करिकुलम फ्रेमवर्क की एक प्रति भेंट की। इस दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, शिक्षा सचिव, शिक्षा निदेशक, शिक्षा सलाहकार सहित दिल्ली सरकार के स्कूलों के शिक्षक मौजूद रहे, जिन्हें देशभक्ति करिकुलम को अंतिम रूप देने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। टीम ने मुख्यमंत्री के समक्ष देशभक्ति पाठ्यक्रम ढांचे की मुख्य विशेषताओं को प्रस्तुत किया और इसके कार्यान्वयन योजना पर चर्चा की।

दिल्ली सरकार की देशभक्ति पाठ्यक्रम की रूपरेखा का उद्देश्य संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान की गहरी भावना विकसित करना और मूल्यों व कार्यों के बीच की खाई को पाटना है। यह पाठ्यक्रम, राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क 2005 के शैक्षणिक दिशानिर्देशों का पालन करता है और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क 2020 के बाल-केंद्रित और महत्वपूर्ण शैक्षणिक और विचारों पर केंद्रित है।

इस ढांचे में यह स्वीकार किया गया है कि छात्र अपने मौजूदा पाठ्यक्रम के हिस्से के रूप में भारतीय लोकतंत्र और संविधान के विभिन्न पहलुओं को सीखते हैं। यह वर्तमान में पाठ्यक्रम ढांचा, परीक्षाओं में सीखने और परीक्षण करने के लिए अकादमिक विषय होने तक सीमित हैं। समानता और बंधुत्व जैसे मूल्यों को उनके दैनिक जीवन से जोड़ने की बहुत कम गुंजाइश है। वहीं, देशभक्ति पाठ्यक्रम इन मूल्यों की गहरी समझ बनाने और इसे बच्चों के व्यवहार का हिस्सा बनाने का प्रयास करता है। इसलिए देशभक्ति करिकुलम में इन मूल्यों को किताबों तक सीमित न रखते हुए विद्यार्थियों की रोजमर्रा की जिंदगी में अपनाने पर फोकस किया गया है।

देशभक्ति करिकुलम फ्रेमवर्क का मूल- मूल्यों, दक्षताओं और व्यवहारों का एक मॉडल है, ताकि करिकुलम से सीखकर विद्यार्थी देश की लोकतांत्रिक संस्कृति को बेहतर ढंग से समझ कर अपने जीवन में अपना सकें।

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करिकुलम का उद्देश्य विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, जागरूकता, संवैधानिक मूल्यों के प्रति सम्मान और प्रॉब्लम सोल्विंग माइंडसेट विकसित करना और उन्हें चुनौतियों का सामना करने और देश की तरक्की के लिए बदलाव लाने के लिए सशक्त बनाना है। देशभक्ति करिकुलम के तीन थीम है-

  • नॉलेज- संवैधानिक मूल्यों, देश की अखंडता और विविधता, स्वतंत्रता संग्राम, देश की उपलब्धियां, सामाजिक समस्याओं आदि का ज्ञान
  • 2.वैल्यू – ईमानदारी, अखंडता, नम्रता, सहानुभूति, देश के प्रति प्रेम और सम्मान, करुणा, बलिदान, आदि।
  • 3.व्यवहार- अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना, साइंटिफिक माइंडसेट एंड रीजिनिंग, नागरिक के रूप में जिम्मेदारियां आदि।

देशभक्ति करिकुलम को टीचर और स्टूडेंट्स के बीच क्लासरूम डिस्कशन, स्टूडेंट्स के बीच डिस्कशन, क्लासरूम एक्टिविटी के रूप में ग्रुप वर्क, परिवार और सोसाइटी के साथ जुड़ने के लिए होमवर्क और स्वःचिंतन (सेल्फ- रिफ्लेक्शन) जैसे 5 बाल-केन्द्रित और क्रिटिकल पैडागोजिकल प्रोसेस द्वारा पढ़ाया जाएगा।

इस करिकुलम के माध्यम से 8 लर्निंग आउटकम को प्राप्त करने की कोशिश की जाएगी- इसमें सेल्फ-अवेयरनेस, सेल्फ-कॉन्फिडेंस, प्रोव्लेम सोल्विंग, संवैधानिक मूल्यों की समझ, बहुलवाद और विविधता, पर्यावरणीय स्थिरता, नैतिक सामाजिक व्यवहार, सहयोग और सामाजिक व नागरिक जिम्मेदारी शामिल है।

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