Vardha 1

Rural management and rural participation in wardha: ग्रामीण प्रबंधन और ग्रामीण भागीदारी पर दो दिवसीय कार्यशाला का समापन

Rural management and rural participation in wardha: गांवों में खेती के साथ कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत- प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल

वर्धा, 30 जुलाई: Rural management and rural participation in wardha: महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय में ग्रामीण प्रबंधन और ग्रामीण भागीदारी विषय पर दो दिवसीय (29- 30 जुलाई) राष्‍ट्रीय कार्यशाला के समापन समारोह की अध्‍यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल ने कहा कि गावों में खेती के साथ-साथ कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने की जरूरत है। कार्यशाला का समापन आज कस्‍तूरबा सभागार में किया गया।

इस अवसर पर महात्‍मा गांधी राष्‍ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद, हैदराबाद के अध्‍यक्ष डॉ. डब्‍ल्‍यू. जी. प्रसन्‍ना, ब्रीसबेन इंस्टीट्यूट ऑफ स्‍ट्रेंथ बैस प्रैक्टिस के फाउंडर प्रोफेसर डॉ. वेंकट पोल्‍ला, वर्धा समाज कार्य संस्‍थान के निदेशक प्रो. मनोज कुमार एवं दूर‍ शिक्षा निदेशालय के निदेशक डॉ. के. बालराजु मंचासीन थे। कुलपति प्रो. शुक्‍ल ने कहा कि गांधी की विचारधारा ग्रामीण विकास के संदर्भ में शिल्‍प और कृषि‍ पर बल देती है और व्‍यवहारिक लक्ष्‍य की बात करती है।

उन्‍होंने कहा कि गांधीजी ने किसान और कारीगर को एक साथ लाकर आश्रम तैयार किया जो एक आदर्श के रूप में उपस्थित है। कुशल और क्षमतावान लोगों को जोड़ने का आहवान करते हुए उन्‍होंने कहा कि कोरोना काल में शहरों से ग्रामों की ओर मजदूरों का जो स्‍थलांतर हुआ उससे साबित होता है कि भारत के गांव संकट के समय में बचाव के महत्‍वपूर्ण कारण बनते हैं।

क्या आपने यह पढ़ा….. Jammu-kashmir encounter: जम्मू-कश्मीर के बारामूला में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी की मौत, जानें पूरी डिटेल….

डॉ. वेंकट पोल्‍ला ने कहा कि बदलते परिदृश्‍य और आवश्‍यकता को देखते हुए अनुसंधान होना चाहिए। विद्यार्थियों को पाठ्यक्रमों के माध्‍यम से सृजनात्‍मकता और नवाचार के अवसर उपलब्‍ध कराने चाहिए। डॉ. डब्‍ल्‍यू. जी. प्रसन्‍ना ने कहा कि समाज की जरूरतों और स्‍थानीय आवश्‍यकताओं को ध्‍यान में रखकर पाठ्यक्रम का निर्माण करना चाहिए और शोध प्रक्रिया में दर्शन और भाषा विभागों की मदद ली जानी चाहिए।

कार्यशाला में शामिल प्रतिभागियों को कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्‍ल की ओर से प्रमाण पत्र प्रदान किये गये। कार्यशाला का प्रतिवेदन डॉ. के. बालराजु ने प्रस्‍तुत किया। कार्यक्रम का प्रारंभ कुलगीत से तथा समापन राष्‍ट्रगीत से किया गया।

कार्यक्रम का संचालन सहायक प्रोफेसर डॉ. मिथिलेश कुमार ने किया तथा आभार सहायक प्रोफेसर डॉ. शिव सिंह बघेल ने ज्ञापित किया। इस अवसर पर प्रतिकुलपति प्रोफेसर चंद्रकांत रागीट, प्रो. के.के.सिंह, प्रो. कृपाशंकर चौबे, डॉ. जयंत उपाध्‍याय सहित अधिष्‍ठातागण, विभागाध्‍यक्ष, अध्‍यापक, प्रतिभागी, शोधार्थी एवं विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Hindi banner 02