Jagdeep Dhankhar

Jagdeep Dhankhar statement: धारा 370 का हटना कश्मीर के लिए बड़ी उपलब्धि- उपराष्ट्रपति

Jagdeep Dhankhar statement: काशी में प्रतिज्ञा करें कि भारत माता के लिए दिन-रात काम करेंगे- उपराष्ट्रपति धनखड़

  • 2030 तक भारत तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था होगा- उपराष्ट्रपति
  • उपराष्ट्रपति ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन व पूजा अर्चना की

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 03 नवंबर: Jagdeep Dhankhar statement: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने दीनदयाल हस्तकला संकुल, ट्रेड सेंटर में 51वें राष्ट्रीय कंपनी सचिव सम्मेलन को संबोधित किया। मुख्य अतिथि के रूप में सम्मेलन को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा सचिव सम्मेलन के लिए काशी को चुना गया, यह एक महान उपलब्धि है। उन्होंने कहा प्रधानमंत्री ने काशी का काया पलट कर दिया है।

उपराष्ट्रपति ने कहा धारा 370 की वजह से कश्मीर ने बहुत कुछ सहा है वह अस्थायी धारा धीरे-धीरे स्थायी बन गई थी जिसका खत्मा किया गया। उन्होंने कहा वर्षों से लंबित राम मंदिर का फैसला आया और उसका निर्माण चल रहा है और हमें इंतजार है जनवरी 2024 का जब उसका भव्य उद्घाटन होगा।

उन्होंने देश की मजबूत आर्थिक स्थिति की प्रशंसा करते हुए कहा कि एक वह समय था जब हमारी आर्थिक साख को बचाने के लिए देश का सोना विदेश में गिरवी रखना पड़ा था। उन्होने कहा एक समय था जब एक दशक पहले भारत को दुनिया की पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में गिना जाता था और वहां से लेकर 2022 तक हमने जो यात्रा तय की वह देखने लायक है। 2022 में वह गर्व का क्षण आया जब भारत दुनिया की पांचवीं सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर विश्व फलक पर उभरा और हमने इस यात्रा में ग्रेट ब्रिटेन, जिसने हम पर सैकड़ो वर्ष शासन किया और फ्रांस जैसे देशों को पीछे छोड़ दिया।

उन्होंने कहा हमें कोई संदेह नहीं है कि इस दशक के अंत तक भारत जर्मनी और जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा। उपराष्ट्रपति ने कहा सत्ता के गलियारे जो पहले सत्ता के दलालों से भरे रहते थे नीतियों और निर्णयों को प्रभावित करते थे, देश को प्रभावित करते थे आज वह सब गायब हो गए हैं, कहीं दिखाई नहीं देते। सत्ता के गलियारों को दलालों से पूरी तरीके से मुक्त कर दिया गया है और अब शासन को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया गया है जिसने हमारी विकास यात्रा को गति दी है और भारत इस मुकाम तक पहुंचा है।

दूसरी चीज जिसने भारत को इस बुलंदी पर पहुंचाया है वह है सरकार की जनहितकारी नीतियां और देश को आगे ले जाने वाली दूरदर्शी सोच। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो मूलभूत परिवर्तन देश में हो रहे हैं इस परिवर्तन में कंपनी सचिवों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ेगी और वे निभा रहे हैं और मुझे पूरा विश्वास है कि आप ऐसे ही शानदार प्रयास भविष्य में भी जारी रखेंगे आप शासन के कस्टोडियन हैं। उन्होने कहा कि एक समय था, जब हमारे उद्योग कठिन समय से गुजर रहे थे और किसी के पास कोई तरीका नहीं था कि कैसे वहां से बाहर निकला जाए, आज स्थिति एक दम अलग है।

कभी किसी ने सोचा नहीं था कि हर घर में शौचालय होंगे और गैस कनेक्शंस होंगे, नल होंगे और नलों में जल होगा। इतने बड़े देश में और इतनी बड़ी जनसंख्या को यह सब उपलब्ध कराना एक चुनौती से कम नहीं था, लेकिन सरकार ने उसे हासिल किया। उपराष्ट्रपति ने युवाओं की प्रतिभा की प्रसंशा करते हुए कहा हम भारतीय जीनियस होते हैं और हम बहुत जल्दी सीखते हैं हमें कोई सिखाएं या ना सिखाएं हम सीख लेते हैं हर भारतीय में एक एकलव्य है।

आर्थिक राष्ट्रवाद के बारे में बात करते हुए धनखड़ ने कहा कि ट्रेड बिजनेस और इंडस्ट्री को एक साथ आना पड़ेगा तो हमारे देश की अर्थव्यवस्था और तेजी से बढ़ेगी। प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात में कहा था ‘वोकल फॉर लोकल’, अगर हम इस रास्ते पर चलते हैं तो हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य प्रदान करेंगे। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दुनिया की सबसे ज्यादा सुधारात्मक कर प्रणाली जीएसटी हमारे देश में लागू की और उसके अभूतपूर्व फायदे आज देश देख रहा है।

तकनीकी क्षेत्र में भारत के बढ़ते कदम का जिक्र करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा हम क्वांटम कंप्यूटिंग की ओर तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे देश दुनिया में बहुत कम हैं जो इस दिशा में काम कर रहे हैं। इससे बहुत बड़ी मात्रा में रोजगार सृजन होगा। उन्होंने कहा हम 6G में लीड ले रहे हैं।

ये बड़ी उपलब्धियां हैं हमें इन पर गर्व करना चाहिए। किसान सम्मान निधि का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा कि 110 मिलियन किसान साल में तीन बार अपने खातों में सीधे पैसा प्राप्त कर रहे हैं, इसमें महत्वपूर्ण यह नहीं है कि सरकार उन्हें पैसा भेज रही है, महत्वपूर्ण यह है कि हमारा किसान उस पैसे को सीधे अपने खाते में लेने में समर्थ बना है, तकनीकी सुधारों के कारण।

भारत आज तेजी से आगे बढ़ रहा है इतना तेज़ी से पहले कभी नहीं बढ़ा था और यह विकास यात्रा रुकने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत की साख की प्रशंसा करते हुए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के प्रेसिडेंट ने कहा कि भारत दुनिया में सबसे उपयुक्त निवेश करने वाले देश के रुप में उभरा है। उपराष्ट्रपति ने बताया कि विश्व बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को देखकर मैं आश्चर्यचकित हूं, भारत ने जो 6 साल में किया है वह 47 वर्षों में भी नहीं किया जा सकता था।

देश में कानून व्यवस्था का जिक्र करते हुए धनखड़ ने कहा आज कानून का राज है कोई भी व्यक्ति कानून के ऊपर नहीं हो सकता चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो। हम अमृत काल में हैं प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के कारण यह अमृत काल अब गौरव काल बन चुका है, आपने भारत के लिए दुनिया में इतना सम्मान पहले कभी नहीं देखा होगा जितना आज है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री का सम्मान आज विश्व स्तर पर जिस कद का है वैसा पहले कभी नहीं था आज जब भारत के प्रधानमंत्री बोलते हैं तो दुनिया उनको सुनती है। आज भारत दुनिया के लिए एजेंडा सेट करता है दुनिया ने देखा कैसे भारत ने पूरी दुनिया को योग दिया।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने वाराणसी के लालपुर स्थित पं दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल के कन्वेंशन हॉल में आयोजित कम्पनी सचिवों के 51वें राष्ट्रीय अधिवेशन के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर उन्होंने मुख्य अतिथि उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का हार्दिक स्वागत व अभिनन्दन किया करते हुए कहा कि देश की सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी काशी में कम्पनी सचिवों का राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होना हम सभी के लिये गौरव की बात है। कम्पनी सचिव सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र की कम्पनियों के लिये एक महत्वपूर्ण पद है। यह कॉरपोरेट की चेतना का रक्षक होता है।

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कम्पनी सचिव का दायित्व होता है कि वह दक्षतापूर्वक प्रबन्धन करने के साथ कम्पनी कानूनों का पालन कराते हुए अपनी संस्था को प्रगति के पथ पर आगे ले जाये। इसके लिये कम्पनी सचिव को सघन प्रशिक्षण की आवश्यकता होती है। इस दिशा में भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अगर यह कहा जाये कि भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान देश के लिये उच्चकोटि के सचिवों को तराशने का महत्वपूर्ण कार्य करता है, तो इसमें किसी प्रकार की कोई शंका नहीं है।

एक सशक्त और समर्थ भारत के निर्माण में भारतीय कम्पनी सचिव संस्थान का योगदान सराहनीय है। इस संस्थान का आदर्श वाक्य ‘सत्यं वद, धर्म चर’ यानी ‘सत्य बोलो और नियम-कानून का पालन करो’ के अनुकूल कार्य करने का आह्वान करता है। कंपनी सचिवों द्वारा दी हुई सही या गलत सलाह देश के कॉरपोरेट गर्वेनेन्स को प्रभावित करता है। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कंपनी सचिवों को संबोधित करते हुए कहा कि कम्पनी सचिव के रूप में आप अनेक महत्वपूर्ण निर्णयों का हिस्सा होते हैं।

इसलिये यह जरूरी है कि आप यह सुनिश्चित करें कि जिस भी संगठन के साथ आप जुड़े हैं, वो आने वाली पीढ़ी की आवश्यकताओं से समझौता किये बिना, वर्तमान पीढ़ी की आवश्यकताओं को पूरा करे। इसके साथ ही देश में मौजूदा प्रत्येक कम्पनी कानून का पालन करें, अपने बहीखातों में गड़बड़ी न करें, पूरी पारदर्शिता रखें। आप अपनी जिम्मेदारी जिस तरह से निभाते हैं, उसी से देश के कॉरपोरेट संस्कृति का पता चलता है।

उन्होंने कहा कि कंपनी सचिवों का कार्य ऐसे होने चाहिए जो भारत को विश्व-पटल पर स्थापित कर सकें। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज भारत सभी क्षेत्रों में आगे बढ़ रहा है। वह चाहे आर्थिक क्षेत्र हो या सामाजिक सभी दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। हमारा भारत दुनिया में पांचवें नम्बर की अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य इसे टॉप तीन पर लाने का है। देश की ये अर्थव्यवस्था ग्रोथ हमारे युवाओं के लिए अपार अवसर लेकर आयेगी।

केन्द्र व राज्य सरकार निवेश बढ़ाने के और आर्थिक विकास को गति देने के लिए हर आवश्यक कदम उठा रही है। ये विकसित भारत के लक्ष्य को हासिल करने की दिशा में एक जरूरी कदम हैं। ऐसे में यह और भी महत्वपूर्ण हो जाता है कि हमारे प्रोफेशनल्स न केवल क्षमतावान और योग्य हों, बल्कि सहासी और सृजनशील भी हों। उन्होंने कहा कि कम्पनी सचिवों के इक्यानवें (51वें) राष्ट्रीय सम्मेलन का विषय एंपावरिंग ‘इंडिया@जी20: सस्टेनेबल फ्यूचर थ्रू गवर्नेंस एंड टेक्नोलॉजी (Empowering ‘India@G20: Sustainable Future Through Governance & Technology’ है, जो समसामयिक और सार्थक है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जिस प्रकार विकास के लिये, समावेशन के लिये, भ्रष्टाचार मिटाने के लिये, व्यापार को आसान बनाने के लिये, जीवन जीने में आसानी बढ़ाने के लिये डिजिटल तकनीकों का उपयोग किया है, वह विकासशील देशों के लिये मॉडल और टेम्पलेट है। एक बाजार के रूप में भारत न केवल आबाद हो रहा है, बल्कि प्रक्रियाओं का सरलीकरण भी किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने पिछले पांच वर्षों में व्यापार करने में आसानी, निवेश, विनिर्माण और निर्यात, रोजगार में अभूतपूर्व प्रगति, कृषि और सम्बद्ध क्षेत्रों में उत्पादन और खरीद, बुनियादी ढांचे, कनेक्टिविटी और पर्यटन के साथ सकल लाभ सुनिश्चित किया है। उत्तर प्रदेश सात सौ चौदह (714) सरकारी सेवाएं ऑनलाइन प्रदान कर रहा है।

नेशनल ई-गवर्नेस सर्विस डिलीवरी असेसमेंट 2021 इंडेक्स के अनुसार उत्तर प्रदेश में पिच्चासी प्रतिशत से अधिक के अनुपालन के साथ बड़े राज्यों के बीच पोर्टल और सेवा पोर्टल के मूल्यांकन में दूसरे स्थान पर है। वर्ष 2021 के मूल्यांकन में ‘निवेश मित्र’ नामक एकीकृत पोर्टल पर उत्तर प्रदेश की एक अनुकरणीय पहल को भी शामिल किया गया है।

उन्होंने कहा कि छियान्नबे (96) लाख से अधिक एम०एस०एम०ई० वाले सभी राज्यों में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है। उत्तर प्रदेश में निर्यात लगातार बढ़ रहा है। जी०जी०आई० की वर्ष 2021 की रिपोर्ट में बताया भी गया है कि उत्तर प्रदेश में आशातीत वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश ने वाणिज्य और उद्योग में शीर्ष स्थान प्राप्त किया है और सामाजिक कल्याण तथा विकास और न्यायपालिका एवं सार्वजनिक सुरक्षा में भी वृद्धि हुई है। सम्पूर्ण देश में जी- 20 देशों की बैठकें हुईं।

वाराणसी में भी पहली बैठक 17 अप्रैल, 2023 को, दूसरी बैठक विकास मंत्रियों की 11 से 13 जून, 2023 तक तथा 17 से 20 अगस्त, 2023 तक यूथ- 20 शिखर सम्मेलन का आयोजन हुआ। जी-20 नई दिल्ली घोषणा में स्थानीय मूल्य निर्माण और एमएसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान करने और एमएसएमई को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ने का लक्ष्य शामिल था। उन्होंने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश जी-20 के लक्ष्यों के अनुरूप हमारी राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को आगे बढायेगा।

उत्तर प्रदेश में विकास के लिए और महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए जो काम हुआ है, वह पूरा देश देख रहा है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, आयुष्मान योजना, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, बैंक सखी और स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से प्रदेश की महिलाएं सशक्त और समृद्ध हो रही है। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने किसानों के हितार्थ कई ऐतिहासिक फैसले लिये हैं।

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत धनराशि डी०बी०टी० के माध्यम से किसानों के खाते में सीधे हस्तांतरित की गयी। इसी प्रकार प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना में लाभार्थियों को कार्ड उपलब्ध कराये जा रहे हैं। देश के विकास का रास्ता हमारे उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है। भारत के इस हृदय स्थल में कृषि हो, फूड प्रोसेसिंग हो या फिर डेयरी, स्टार्टअप, इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट, रक्षा उत्पादन आदि, ऐसा कोई सेक्टर नहीं है, जिसके लिए उत्तर प्रदेश में सम्भावनाएं न हो। प्रदेश सरकार ने राज्य में औद्योगिक निवेश को रोजगार सृजन से जोड़ते हुए अनेक नीतियां बनाई हैं।

यही कारण है कि यहां की सुदृढ़ कानून व्यवस्था और बेहतर उद्योग नीतियों को देखते हुए देश और विदेश के औद्योगिक समूह निवेश कर रहे हैं। उन्होने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के विचार ‘अपने विचारों को सकारात्मक रखें, क्योंकि आपके विचार ही आपके शब्द बनते हैं’ का उल्लेख करते हुए कार्यक्रम में उपस्थित लोगों से कहा कि अपना व्यवहार सकारात्मक रखें, अपनी आदतें सकारात्मक रखें और अपने मूल्यों को सकारात्मक रखें, क्योंकि यही आपकी नियति बनते हैं।

उन्होंने कहा कि कोई भी देश और प्रदेश समृद्धता और विकास के शिखर पर तभी पहुंच सकता है, जब वहां की हर इकाई अपना सर्वोच्च देश के लिए समर्पित करने को तत्पर हो।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, संस्थान के सचिव डा. मनोज गोयल, संस्थान के निदेशक मनीष गुप्ता, प्रेसिडेंट आशीष मोहन, सेक्रेटरी धनंजय शुक्ला, प्रोग्राम डायरेक्टर, सुनील गुप्ता उपराष्ट्रपति के सचिव, बड़ी संख्या में कंपनी सचिव व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

तत्पश्चात धनखड़ काशी विश्वनाथ मंदिर गए और वहां दर्शन और पूजा अर्चना की तथा देश की खुशहाली के लिए कामना की। दर्शन पूजन के दौरान उत्तर प्रदेश के राज्यपाल आनंदीबेन पटेल एवं मंत्री रविंद्र जायसवाल भी उपस्थित रहे।

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