Rajasthan Assembly

राजस्थान का स्वास्थ्य बजट (Health budget)- एक शांत क्रांति

health budget, Rajsthan

राजस्थान ने इस बजट में स्वास्थ्य (Health budget) क्षेत्र में कुल अनुमानित व्यय का 7.1% आवंटित किया गया है, जो सभी राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में औसत बजट आवंटन (5.3%) से अधिक है ।

रिपोर्ट: कृष्ण गोपाल
पाली, 05 मार्च: Health budget: कोविड-19 महामारी के इस काल में स्वास्थ्य क्षेत्र व्यक्ति, समाज, शासन एवं प्रशासन की प्राथमिकताओं में सर्वोच्च है । यह बात केंद्र और राजस्थान सरकार के बजट में परिलक्षित होती है । महामारी का श्रेष्ठ प्रबंधन और टीकाकरण की दौड़ में अग्रणी होने से विश्व में भारत एक मृदु शक्ती के रूप में अधिक सशक्तता से स्थापित हो रहा है । राजस्थान सरकार का हालिया जारी बजट स्वास्थ्य क्षेत्र (Health budget) में एक सकारात्मक क्रांती की क्षमता रखता है ।

राजस्थान ने इस बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र में कुल अनुमानित व्यय का 7.1% आवंटित किया गया है, जो सभी राज्यों द्वारा स्वास्थ्य के क्षेत्र में औसत बजट आवंटन (5.3%) से अधिक है ।

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वर्ष 2011 में गरीबों के स्वास्थ्य की चिंता मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना और इसके बाद मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच योजना में नजर आयी थी, जिसका देश के सभी राज्यों ने अनुकरण किया था। इन महत्वपूर्ण योजनाओं ने राज्य के निर्धन वर्ग की स्वास्थ्य चिंता (Health budget)को बहुत हद तक दूर किया। पिछ्ले बजट में पहला सुख निरोगी काया की अवधारणा पर कार्य करते हुए निरोगी राजस्थान और आयुष्मान भारत- महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना की भी सम्पूर्ण देश में प्रशंसा की गई। बजट 2021 में राजस्थान सरकार की कुछ पहलों ने एक बार फ़िर पूरे देश का ध्यान अपनी और खिंचा है ।

राजस्थान मॉडल ऑफ़ पब्लिक हेल्थ को लागू करने की घोषणा और इसके प्रभावी क्रियान्वयन हेतु राइट टू हेल्थ बिल ने देश में फ़िर इस बहस को स्थान दिया है, कि राइट टू हेल्थ एक संवैधानिक मूल अधिकार क्यों नहीं होना चाहिये।

3500 करोड़ रुपये की लागत से राजस्थान में युनिवर्सल हेल्थ (Health budget) कवरेज लागू करने की भी घोषणा की। हालांकी केंद्र की PMJAY व्यवहारिक रूप से इतनी प्रभावी नहीं रही, लेकिन राजस्थान में आयुष्मान भारत- महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का विस्तार कर राज्य के प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपये की चिकित्सा बीमा सुविधा उपलब्ध करवाने का सपना देखा है ।

Health budget, Ashok Gehlot

NFSA एवं SECC परिवारों के साथ-साथ समस्त संविदाकर्मीयों, लघु और सीमांत कृषकों को नि:शुल्क तथा अन्य परिवारों को बीमा प्रिमियम की 50% राशि पर (लगभग 850₹ प्रतिवर्ष खर्च पर) सरकारी एवं निजी चिकित्सा संस्थानों में कैश लेस इलाज हेतु 5 लाख रुपये तक की वार्षिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जायेगी। अगर प्रभावी क्रियान्वयन होता है, तो राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं में एक और मूलभूत परिवर्तन, थोड़ा अधिक स्पष्ट शब्दों में, एक क्रांति की भरपूर गुंजायश है । वस्तुतः केंद्रीय बजट 2021 में इस प्रकार की घोषणा की अपेक्षा की जा रही थी, लेकिन राजस्थान ने इस बार फ़िर एक उत्तम पहल कर सम्पूर्ण भारत के स्वास्थ्य क्षेत्र को एक राह दिखायी है ।

इसी कड़ी में एक बेहतरीन पहल जीवन रक्षक योजना की रचना की है, जो तमिलनाडु मॉडल पर आधारित योजना है। इस योजना द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष होने वाली 10000 से अधिक असामयिक मृत्यु पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया है। इस योजना के अनुसार गम्भीर घायल व्यक्तियों को समय से अस्पताल पहुंचाकर जीवन बचाने वाले भले व्यक्ति को 5000 ₹ एवं प्रशस्ति पत्र दिये जायेंगे।

घायल व्यक्ति का बिना किसी पहचान एवं पात्रता के, चाहे वह किसी भी राज्य का हो, प्रदेश के निजी एवं राजकिय चिकित्सालयों में नि:शुल्क इलाज़ करना सुनिश्चित किया जायेगा। वास्तव में यह सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की गम्भीर चिंता, उसका उचित समाधान एवं घायलों को तुरंत उचित स्थान पर परिवहन की समाजिक प्रेरणा भी प्रदान करती है ।

घोषणाओं के लिए धनाभाव एवं आय का उचित प्रबंध नहीं किया जाना बजट की आलोचना का कारण अवश्य है । इसके क्रियान्वयन की प्रभाविता का एवं सरकारी नियत का आकलन तो आगामी समय और आगामी आर्थिक समिक्षा में किया ही जायेगा, लेकिन राजस्थान सरकार का राज्य के स्वास्थ्य की उन्नति का दर्शन निस्संदेह सराहनीय है ।

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