Ek October Ek Hour: “एक अक्तूबर, एक घंटा, 10 बजे” बापू को देंगे स्वच्छांजलि!
Ek October Ek Hour: स्वच्छता पखवाड़ा- स्वच्छता ही सेवा के साथ-साथ मुंबई में गणेश पूजा का पर्व भी मनाया जा रहा था। मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े को भी उतने ही जोश के साथ मनाया जा रहा है जितने जोश और श्रद्धा के साथ गणेश पूजा का आयोजन किया जा रहा था।
दिल्ली, 30 सितम्बर: Ek October Ek Hour: देश भर में स्वच्छता पखवाड़ा-स्वच्छता ही सेवा- 2023 की जोर-शोर से चल रही तैयारी पूरी हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान “ एक अक्तूबर, एक घंटा, (Ek October Ek Hour) 10 बजे”बापू को स्वच्छांजलि देने के संकल्प को लोगों ने पूरा कर दिखाने का मन बना लिया है।आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन की प्रतिबद्धता शहरों को कचरा मुक्त बनाए रखना लक्ष्य का महत्वपूर्ण पहलू है। स्वच्छता पखवाड़ा- स्वच्छता ही सेवा के साथ-साथ मुंबई में गणेश पूजा का पर्व भी मनाया जा रहा था। मुंबई में स्वच्छता पखवाड़े को भी उतने ही जोश के साथ मनाया जा रहा है जितने जोश और श्रद्धा के साथ गणेश पूजा का आयोजन किया जा रहा था।
महाराष्ट्र में लोगों की बीते 17 सितंबर को आयोजित ISL 2.0 में भागीदारी बेहद रोचक और महत्वपूर्ण रही। लोगों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ पूरे स्वच्छता पखवाड़े में भाग लिया और शहर के कोने-कोने को साफ करने में अपना सहयोग दिया।पंद्रह दिन चलने वालेस्वच्छता ही सेवा अभियान के लिए महाराष्ट्र में राज्य स्तर पर हो रही तैयारियोंमें एक अक्तूबर कोआवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा दी गई वेबसाइट के जरिए लोग अपने घर, दफ्तर या अपनी मनपसंद लोकेशन पर जा कर भाग ले सकेंगे। इस अभियान में लोग समुद्रतल, धार्मिक स्थलों, निजी एवं सरकारी स्थलों, स्कूल, कॉलेज, हॉस्पिटल, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, जल निकयों आदि की सफाई कर अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकेंगे।
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हिंगोली नगर परिषद ने स्वच्छता अभियान (Ek October Ek Hour) के तहत जहां लोग खुले क्षेत्र में कचरा फेंकते हैं और कूड़ं का ढ़ेर बन जाता है उस जगह को साफ करने और कुछ सौंदर्यीकरण करने और वहां कुछ बैठने की बेंच लगाने का फैसला किया है। जिनमें प्रमुख जगह जिसे निगम द्वारा अंकित किया वह हनुमान मंदिर, पेनशन पुरा हिंगोली है। इसी प्रकार रत्नागिरी नगर परिषद के सभी चुनाव वार्डों में सफाई अभियान चलाया गया। शहर को एक अक्तूबर से पहले स्वच्छ बनाने के लिए एक घंटे की इस संकल्पना की शुरुआत की। लोगों ने इस अवधारणा की सराहना की ही नहीं की बल्कि इस आयोजन में लोग बढ़चढ़ कर भाग ले रहे हैं।
सतत विकास में स्वच्छ और हरित पर्यावरण एक बुनियादी विचारधारा है। स्वच्छता का महत्व अब सभी को पता है,लोग अपने घरों को साफ रखने की कोशिश करते हैं जबकि वे किसी तरह यह भूल जाते हैं कि वे पर्यावरण की स्वच्छता के लिए भी जिम्मेदार हैं। शिरोल शहर में इस तरह के अभियान का आयोजन युवाओं की भागीदारी के लिए एक अद्भुत अवसर की तरह रहा है। एक अक्तूबर के लिए शिरोल में श्री कल्लेश्वर झील,छत्रपति शिवाजी महाराज तख्त, पंचगंगा घाट और बुवाफन मंदिर में स्वच्छता का लक्ष्य निर्धारित किया है।
स्वच्छता के इस महापर्व पर लोगो को जोड़ने,राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को स्वच्छांजलि देने औरशहर के चुनिंदा प्रतिष्ठित विरासत, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थानों पर केंद्रित स्वच्छता करना एक महत्वपूर्ण पहल है।स्वच्छता ही सेवा अभियान से अब तक लगभग 30 लाख से अधिक लोगों ने पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर लिया है। साथ ही 8 लाख से ज्याद इवेंट अब तक पोर्टल पर बनाए जा चुके है।
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