Meri kalam: मेरी कलम से निकले अल्फाज
“मेरी कलम”(Meri kalam)
Meri kalam: मेरी कलम से निकले अल्फाज,
बयां करते रहें रात-दिन का ताज।
इन उभरते शब्दों का रंग है सच,
कहानी बताएं, दिलों को छू जाए एक-एक।
सिर से लेकर हर दिल की धड़कन तक,
मेरी कलम में बसा है एक खास अंधकार और प्रकाश।
कहानियों का सफर, भावनाओं का संगम,
मेरी कलम है एक अद्वितीय कविता का रंग।
शब्दों की बौछार से हो रौंगतें खिलती,
सच्चाई की मिसालें, मेरी कलम से मिलती।
सफलता की कहानी, हार-जीत की गाथा,
मेरी कलम है इन सभी की साकार रूप से बयां।
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