Ishq: दो दिल मिले, एक राज़ हो गया सारा जहां।
“मुकम्मल इश्क”(Ishq)
मुकम्मल इश्क(Ishq) का सफर, सजता रहे आसमान,
दो दिल मिले, एक राज़ हो गया सारा जहां।
प्रेम की बातें, होती रहें अनगिनत,
बीते लम्हों की मिसाल, रहे ख़्वाबों के हीरे।
एक दूसरे के साथ, हर पल हो साथी,
जीवन का सफर, बने एक नया राही।
चाँदनी रातों में, हो रौंगत इश्क की,
हर बारिश में, हो बूंदें मुकम्मल प्यार की।
सवारी करते रहें हाथों में हाथ,
मुकम्मल इश्क, रहे सदैव साथ।
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