father’s day: जो बचपन से ही बच्चों की खुशी के लिए अपनी….
!! पिता !!(father’s day)

father’s day: जो बचपन से ही बच्चों
की खुशी के लिए अपनी
ख्वाईशें मार देता है
वो पिता होता है
आवारगी की
जिंदगी छोड़कर
जल्द ही जिम्मेदारियों
की चादर ओढ़ लेता है
वो पिता होता है
नौ महीने मुश्किल के
गर्भ में संभाल लेती है मां
पर ताउम्र जो तुम्हें
दिमाग में ढोता है
वो पिता होता है
उंगली पकड़ कर
चलना सिखाती है मां
पर कंधे पर बिठा कर
जो आसमान दिखाता है
वो पिता होता है
हां सच है सीने से लगाकर
सुला देती है मां
पर पीठ पर बिठाकर
जो मीलों की
दूरी तय करवाता है
वो पिता होता है
तुम्हें महंगे-महंगे वस्त्र
दिलाकर खुद फटी
बनियान टूटी चप्पल में
गुजर कर लेता है
वो पिता होता है
खुद रूखी सूखी खाकर
तुम्हें स्कूल कॉलेज पहुंचाकर
तुम्हारा भविष्य सुनिश्चित
करता है
वो पिता होता है
बीमार अगर हो जाए
तो घबराती है मां मगर
जो अंदर से लड़खड़ाता है
वो पिता होता है
लाड-प्यार
इज्जत-शोहरत
सिखा देती है मां
पर असल जिंदगी
और संस्कार जो सिखाता है
वो पिता होता है
बापू तेरी मूछा दी मैं शान नही जाने दूंगा
सर कटबा दूंगा पर ईमान नहीं जाने दूंगा
Love you Dad ❤️😘
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