Father’s day: इस दुनिया में मेरी पहचान है वो
!! पिता !! (father’s day)
Father’s day: इस दुनिया में मेरी पहचान है वो
कभी डगमगा के गिरने लगूं तो संबल है वो
इरादे कमजोर होने लगे तो ताकत है वो
आगे बढ़ते मेरे कदमों की हिम्मत है वो
मेरी आन बान शान और अभिमान है वो
मेरे घर की दरक दीवारें और छत हैं वो
मां की बिंदी चूड़ी और सिंदूर है वो
रोज थक कर चूर होते, फिर भी
जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हैं वो
बिना शर्त कर देते हैं हर ख्वाहिश पूरी
ऐसे जादूगर है वो
तिनका भी ना चुभने दे पैरो में,
ऐसी मखमल सी चादर है वो
थोड़े सख्त,थोड़े नर्म,घर की ढाल है वो
हर हसरत पूरी कर देंगे,ऐसा गुमान है वो
उनके होने से शहजादी सी रहती हूं
मेरा स्वाभिमान है वो
गलती पर सीख,उपलब्धि पर शाबाशी,
घर का अनुशासन है वो
अपनी ख्वाहिश को दफन कर,
बाकी सब की ज़रुरत पूरी करते है वो
जिन्दगी के संघर्ष की आधियों में
एक हौसला है वो
मेरा वजूद,मेरी धरा और मेरा आसमान है वो
हां मेरे पिता है वो,मेरे पिता है वो,मेरे पिता है वो
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