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Posture: यह पांच आसन जिन्हें रोजाना करने से मिल सकते हैं लाभ, आइए जानें सबकुछ

Posture: जानें योग के कुछ ऐसे आसन के बारे में जो आपको फायदे दे सकते हैं

हेल्थ डेस्क, 29 जुलाईः Posture: हम अपने आप को स्वस्थ करने के लिए काफी कुछ करते हैं, जिसमें से एक है योग करना। योग का अर्थ होता है जीवात्मा का परमात्मा से मिल जाना और पूरी तरह से एक हो जाना। योग इंसान को स्वस्थ बनाने के साथ-साथ तंदुरुस्त भी बनाता हैं।

योग कई युगों से चला आ रहा है और अब पूरा विश्व हर साल 21 जून को विश्व योग दिवस मनाता हैं। तो आइए जानें योग के कुछ ऐसे आसन (Posture) के बारे में जो आपको फायदे दे सकते हैं। तो चलिए जानते हैं इनके बारे में।

गोमुखासन

इस आसान (Posture) को करने के लिए आपको अपने दोनों पैर फैलाकर बैठना है फिर बाएं पैर को मोड़र एंड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखना है। इसके बाद आपको दाएं पैर को मोड़ना है और उसे बाएं पैर के ऊपर इस प्रकार रखना है कि दोनों घुटने एक-दूसरे के ऊपर आ जाएं। फिर दाएं हाथ को ऊपर उठाकर पीठ की और मोड़ना है।

साथ ही हाथ को पीठ के पीछे नीचे से लाकर दाएं हाथ को पकड़ना हैं। इस दौरान गर्दन और कमर को सीधा रखना हैं। इस आसन से यकृत, गुर्दे और वक्ष स्थल को बल मिलता हैं।

गोरक्षासन

इस आसन (Posture) में आपको दोनों पैरों की एड़ी और पंजे आपस में मिलाकर सामने रखने हैं और फिर सीवनी नाड़ी को एडियों पर रखते हुए उस पर बैठ जाइए। इस दौरान दोनों घुटने जमीन पर लगे हुए होने चाहिए। वहीं हाथों का ज्ञान मुद्रा कि स्थिति में घुटनों पर रखेँ। इससे मांसपेशियों में रक्त संचार ठीक रूप से होकर वो स्वस्थ होती हैं।

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स्वस्तिकासन

इसमें आपको जमीन पर एक मैट बिछाकर उस पर पैर फैलाकर बैठना है। फिर बाएं पैर को घुटने से मोड़कर दाहिने जंघा और पिंडली के बीच इस प्रकार से स्थापित करना है कि बाएं पैर का निचला हिस्सा छुप जाएं।

इसके बाद दाहिने पैर के पंजे के तले को बाएं पैर के नीचे से जांघ और पिंडली के बीच स्थापित करने से स्वस्तिकासन बन जाता हैं। इससे आपके पैरों का दर्द, पसीना आना, पैरों का गर्म या ठंडापन दूर होने में मदद मिलती हैं।

योगमुद्रासन

इसमें आपको जमीन पर पैर सामने फैलाकर बैठने हैं। फिर बाएं पैर को उठाकर दाईं जांघ पर इस प्रकार लगाना है कि बाएं पैर की एडी नाभि के नीचे आ जाए। इसके बाद दाएं पैर को उठाकर इस तरह लाना है कि बाएं पैर की एडी के साथ नाभि के नीचे मिल जाए।

दोनों हाथ पीछे ले जाकर बाएं हाथ की कलाई को दाहिने हाथ से पकड़ना है और फिर श्वास छोड़ना है। इसके बाद सामने की तरफ झुकते हुए नाक को जमीन से लगाने का प्रयास करें। इसे करने से स्वभावन विनम्र और चेहरा सुंदर होने में मदद मिलती हैं।

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