शीतलता का एहसास प्राणायाम के साथ ! जानिए कब और कैसे?
शीतकारी प्राणायाम
शीतकारी प्राणायाम में सांस लेने के दौरान ‘सि’ या ‘सित’ की ध्वनि निकलती है। शीत का मतलब होता है ठंडकपन और शब्द ‘कारी’ का अर्थ होता है जो उत्पन्न हो। इस प्राणायाम के अभ्यास से शीतलता भी उत्पन्न होती है इसलिए इसे ‘शीतकारी कहा गया है। इस अभ्यास को सिसकी श्वास या सितकारी’ भी कहा जाता है। इस प्राणायाम का अभ्यास गर्मी में ज्यादा से ज्यादा करनी चाहिए और शर्दी के मौसम में नहीं के बराबर करनी चाहिए।
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