Walnut

Walnut leaves for Bangalore: 2,000 किलोग्राम अखरोट को झंडी दिखाकर बेंगलुरू के लिए रवाना किया गया, पढ़ें….

Walnut leaves for Bangalore: कश्मीरी अखरोट की पहली खेप बडगाम से भेजी गई

नई दिल्ली, 04 अक्टूबरः Walnut leaves for Bangalore: कश्मीरी अखरोट की पहली खेप को हाल ही में बडगाम से झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय की ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) पहल के तहत 2,000 किलोग्राम अखरोट के साथ एक ट्रक कर्नाटक के बेंगलुरु के लिए रवाना किया गया।

Walnut leaves for Bangalore: भारत में अखरोट उत्पादन में कश्मीर का 90 प्रतिशत हिस्सा है। अपनी बेहतर गुणवत्ता और स्वाद के साथ, कश्मीरी अखरोट पोषक तत्वों का एक बड़ा स्रोत हैं और इसलिए दुनिया भर में इसकी व्यापक मांग है। इस उत्पाद के लिए स्थानीय और वैश्विक बाजारों में अपनी जगह बनाने की अपार संभावनाएं हैं।

Walnut leaves for Bangalore: डीपीआईआईटी की अपर सचिव सुमिता डावरा द्वारा 26 सितंबर, 2021 को झंडी दिखाकर इस व्यापार की सफल शुरूआत की गई थी। इसे जम्मू-कश्मीर व्यापार संवर्धन संगठन (जेकेटीपीओ) के सहयोग से आयोजित किया गया था। जम्मू-कश्मीर के सरकारी उद्योग एवं वाणिज्य के प्रधान सचिव रंजन प्रकाश ठाकुर, कश्‍मीर की उद्योग निदेशक ताजायुन मुख्तार, कश्मीर की बागवानी उप निदेशक खालिदा, जेकेटीपीओ की प्रबंध निदेशक अंकिता कार और इन्वेस्ट इंडिया टीम इस अवसर पर उपस्‍थित थे।

क्या आपने यह पढ़ा… NCB raids cruise: एनसीबी ने क्रूज पर एक बार फिर मारा छापा, भारी मात्रा में ड्रग्स बरामद

इस बात को ध्‍यान में रखते हुए कि कश्मीर अखरोट की उपलब्धता के बावजूद भारत में अखरोट का बड़े स्‍तर पर आयात किया जा रहा था, ‘ओडीओपी’ टीम ने कश्मीर में गहन बाजार विश्लेषण और हितधारक परामर्श शुरू किया। इसके अलावा, भारत में अखरोट के आयातकों से संपर्क किया गया और दोनों सिरों पर समर्पित सहयोग के माध्यम से, ओडीओपी टीम खरीद को सुविधाजनक बनाने में सक्षम हुई। इस तरह के प्रयास आत्मनिर्भर भारत अभियान को भी बढ़ावा देते हैं। उदाहरण के लिए, इस मामले में बैंगलुरू स्थित आयातक, जो पहले अमरीका से अखरोट खरीद रहे थे, अब आयात लागत के एक हिस्‍से के बल पर गुणवत्ता वाले अखरोट वितरित करने में सक्षम है।

झंडी दिखाकर रवाना करने के लिए आयोजित कार्यक्रम के साथ-साथ, बडगाम में एक गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें उद्योग जगत के प्रतिनिधियों से सुझाव मांगे गए। पीएचडीसीसीआई के क्षेत्रीय निदेशक इकबाल फ़याज़ जान, बलदेव सिंह, हिमायूँ वानी, बिलाल अहमद कावूसा, केसीसीआई के अध्‍यक्ष शेख आशिक, फारूक अमीन और एफसीआईके के अध्यक्ष शाहिद कामिली ने कश्मीर में व्यापार और निर्यात के वातावरण की प्रणाली के संबंध में अपने विचार और अनुभव साझा किए।

बागवानों और व्यापार प्रतिनिधियों ने सुझाव दिया कि आगे बढ़ने के तरीके में क्रेता-विक्रेता की मुलाकातों के माध्यम से घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय विपणन, अधिकाधिक कृषिगत तथा हस्तशिल्प/हथकरघा उत्पादों के ई-कॉमर्स ऑनबोर्डिंग के साथ-साथ प्रत्येक जिले के उत्पादों के लिए उत्पाद/योजना जागरूकता पैदा करना शामिल है, जिसका वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओडीओपी पहल के तहत समर्थन किया जाएगा।

Whatsapp Join Banner Eng