Vision Zero: नितिन गडकरी ने बेहतर सड़क सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया
नई दिल्ली में “विजन जीरो: (Vision Zero) सस्टेनेबल इंफ्राटेक एंड पॉलिसी फॉर सेफर रोड्स” विषय पर आयोजित दो-दिवसीय ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो

नई दिल्ली, 07 मार्च: Vision Zero: केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बेहतर सड़क सुरक्षा उपायों को लागू करने की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया और सड़क निर्माण उद्योग से नई प्रौद्योगिकियों एवं टिकाऊ पुनर्चक्रणीय निर्माण सामग्री को अपनाकर सड़क सुरक्षा को बढ़ाने हेतु रणनीतियां विकसित करने का आहवान किया।
नई दिल्ली में “विजन जीरो: (Vision Zero) सस्टेनेबल इंफ्राटेक एंड पॉलिसी फॉर सेफर रोड्स” विषय पर आयोजित दो-दिवसीय ग्लोबल रोड इंफ्राटेक समिट एंड एक्सपो (जीआरआईएस) का उद्घाटन करने के बाद बोलते हुए, गडकरी ने कहा कि इस देश में होने वाली अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं सड़कों के डिजाइन, निर्माण एवं प्रबंधन में सिविल इंजीनियरिंग से संबंधित खराब कार्यप्रणालियों तथा अनुचित सड़क संकेत एवं मार्किंग प्रणालियों के कारण होती हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन दोषों को स्पेन, ऑस्ट्रिया एवं स्विटजरलैंड जैसे देशों में अपनाए जा रहे उपायों का अनुकरण करके दूर किया जा सकता है।
भारत में कुल 4,80,000 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिनमें 1,80,000 लोगों की मृत्यु हुई है और लगभग 4,00,000 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इनमें से 1,40,000 दुर्घटना जनित मौतें 18-45 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की हुई हैं और इनसे अधिकतर दोपहिया वाहन चालक एवं पैदल यात्री प्रभावित हुए हैं। गडकरी ने कहा कि इन दुर्घटनाओं से सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 3 प्रतिशत की आर्थिक हानि होती है।
सड़कों की खराब योजना एवं डिजाइन के कारण सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि के लिए इंजीनियरों को मुख्य रूप से जिम्मेदार ठहराते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने घटिया विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) की ओर भी इशारा किया। उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए सरकार का लक्ष्य 2030 तक दुर्घटना दर को 50 प्रतिशत तक कम करना है।
सुरक्षित बुनियादी ढांचे के निर्माण में शिक्षा के महत्व और सुरक्षित ड्राइविंग से जुड़ी आदतों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए, गडकरी ने उद्योग जगत और सरकार से सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए समाधान खोजने में परस्पर सहयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कानून के सख्त प्रवर्तन और उत्तरदायी आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।
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अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ-भारत चैप्टर (आईआरएफ-आईसी) द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य नवाचार को प्रेरित करना, उद्योग प्रदाताओं के अत्याधुनिक समाधानों को प्रदर्शित करना, ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना तथा सरकारी निकायों एवं निजी संगठनों के विशेषज्ञों व निर्णयकर्ताओं के लिए नेटवर्किंग के मूल्यवान अवसरों का मार्ग प्रशस्त करना है।
अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) के अध्यक्ष एमेरिटस के. के. कपिला ने कहा, “गोष्ठी-सह-एक्सपो मोड में आयोजित इस शिखर सम्मेलन का उद्देश्य एक ऐसा समग्र अनुभव प्रदान करना है जो विभिन्न प्रारूपों को सहजता से मिश्रित करके इस उद्योग में शिक्षा, प्रेरणा और प्रगति को बढ़ावा दे।” आईआरएफ एक वैश्विक सड़क सुरक्षा निकाय है, जो दुनिया भर में बेहतर एवं सुरक्षित सड़कों के लिए काम कर रहा है।
इस अवसर पर आईआरएफ, जिनेवा की महानिदेशक सुजाना ज़म्माटारो, आईआरएफ-इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और आईआरएफ के उपाध्यक्ष अखिलेश श्रीवास्तव ने भी अपने विचार रखे।
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