Jammu Kashmir

Exodus of kashmiri pandits begins in jammu: जम्मू-कश्मीर में टार्गेट किलिंग के बीच कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू, पढ़ें पूरी खबर

Exodus of kashmiri pandits begins in jammu: अब तक 1800 कश्मीरी पंडितों समेत तीन हजार से अधिक सरकारी मुलाजिम घाटी छोड़ चुके

नई दिल्ली, 03 जूनः Exodus of kashmiri pandits begins in jammu: धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर तनाव का माहौल हैं। एक के बाद एक हो रहीं टार्गेट किलिंग की घटनाओं के चलते कश्मीरी हिंदुओं में खौफ है कि कहीं अगला नंबर उनका न हों। इस बीच कश्मीरी पंडित कर्मचारियों के एक समूह ने घाटी में गैर मुस्लिम कर्मचारियों की आतंकवादियों द्वारा लक्षित हत्या के खिलाफ सामूहिक पलायन की तैयारी शुरू कर दी। इन्हें समुदाय के लिए प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत नौकरियां दी गई हैं।

दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में 48 घंटे के भीतर हुई दूसरे हिंदू मुलाजिम की हत्या के बाद कश्मीरी पंडितों ने घाटी में सभी जगहों पर प्रदर्शन स्थगित कर दिया है। साथ ही आज जम्मू की ओर सामूहिक पलायन करने का फैसला लिया है। समूह ने कहा कि वे बुधवार को ट्रक-मालिकों से मिल रहे हैं जहां वे उनके सामान को ले जाने के भाड़े पर बातचीत करेंगे। अब तक 1800 कश्मीरी पंडितों समेत तीन हजार से अधिक सरकारी मुलाजिम घाटी छोड़ चुके हैं।

कुलगाम में बैंक मैनेजर की हत्या के बाद से दहशत और बढ़ गई है। एक कश्मीरी पंडित महिला कर्मचारी का एक वीडियो संदेश वायरल हो रहा है जिसमें महिला जम्मू की ओर रवाना होने की अपील करती नजर आ रही है। वह कह रही है कि अब बहुत हो गया। हम कई वर्षों से यहां रह रहे हैं लेकिन आज जो स्थिति बनी है वो पूरी तरह सरकार के नियंत्रण से बाहर है। इसलिए हम सभी कर्मचारियों ने फैसला किया है कि हम घाटी छोड़कर जा रहे हैं। अब सरकार पर निर्भर है कि वो हमें वहां नौकरियां दे या नहीं।

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Exodus of kashmiri pandits begins in jammu: इस बीच बारामुला जिले की वीरवन पंडित कॉलोनी के अवतार भट ने बताया कि अब हमने प्रदर्शन स्थगित करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि आये दिन हत्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। कश्मीर माइनॉरिटी फोरम की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि विजय कुमार की हत्या के बाद एक विशेष बैठक में फैसला लिया गया कि कश्मीर में हो रहे प्रदर्शन को स्थगित किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि अब अल्पसंख्यकों के पास कोई और विकल्प नहीं रहा है, इसलिए वह आज जम्मू की ओर पलायन करें। सभी को नवयुग टनल के पास एकत्रित होने की अपील की जाती है वहां से आगे की रणनीति तय की जाएगी। अनंतनाग के मट्टन से करीब 21 परिवार, बारामुला से 5, शेखपोरा से 12, श्रीनगर से 7 परिवार निकल चुके हैं। एक कश्मीरी पंडित ने बताया कि इससे ज्यादा निकले होंगे लेकिन जो कोई तड़के सुबह सवेरे निकला वो निकल पाया लेकिन उसके बाद से किसी को भी निकलने नहीं दिया गया।

सूत्रों के अनुसार, घाटी में करीब 8000 कर्मचारी हैं, जिनमें से करीबी 1800 ऐसे हैं जिनके साथ करीब 3 से 4 पारिवारिक सदस्य भी हैं। करीब 1300 को ट्रांजिट कैंप में आवासीय सुविधा मिली है जबकि बाकी के किराये के घरों में रह रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक 12 मई को राहुल भट की हत्या के बाद से करीब 1800 कश्मीरी पंडित घाटी से जम्मू की ओर पलायन कर चुके हैं। उनका कहना है कि अब जम्मू में प्रदर्शन जारी रहेंगे। हालात अनुकूल होंगे तो वापस आ जाएंगे।

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