पति-बच्चे ही नहीं, बेटे की कमाई में माता-पिता का भी हिस्सा हैः कोर्ट (Court)
नई दिल्ली
पति-बच्चे ही नहीं, बेटे की कमाई में माता-पिता का भी हिस्सा हैः कोर्ट (Court)
नई दिल्ली, 06 मार्चः गुजाराभत्ते के मामले में अदालत (Court) ने महत्वपूर्ण फैसला दिया है अदालत ने कहा है कि किसी भी व्यक्ति की कमाई पर सिर्फ उसकी पत्नी या बच्चों का हक नहीं होता है बल्कि बुजुर्ग माता-पिता भी उसकी आय के हिस्सेदार होते हैं इस तरह अदालत ने साफ किया कि पति व बेटे के बराबर ही किसी भी व्यक्ति पर उसके माता-पिता का अधिकार होता है
तीस हजारी स्थित प्रिसिंपल जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरीष कथपालिया की अदालत ने इस मामले में वादी महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए प्रतिवादी पति से आय संबंधी हलफनामा पेश करने को कहा था महिला का कहना था कि उसके पति की मासिक आय 50 हजार रुपये से ज्यादा है जबकि उसे व उसके बच्चे को महज 10 हजार रुपये गुजाराभत्ता दिया जा रहा है
पति द्वारा पेश हलफनामे में कहा गया कि उसकी मासिक आय 37 हजार रूपये हैं और इसी रकम में से पत्नी व दो साल के बेटे की परवरिश के अलावा खुद का खर्च और बुजुर्ग माता-पिता की गुजर बसर भी करनी होती है अदालत ने पति के हलफनामे के बाबत सुरक्षा अधिकारी को रिपोर्ट पेश करने को कहा था
अधिकारी ने रिपोर्ट में बताया कि प्रतिवादी ने सही तथ्य पेश किये हैं उसका आयकर खाते के मुताबिक उसकी मासिक आय 37 हजार रूपये ही है साथ ही रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि माता-पिता के जीवन-यापन के अलावा उसकी बीमारी का खर्च भी प्रतिवादी ही उठाता है अदालत ने इस तथ्य को गंभीरता से लिया हालांकि पत्नी का कहना था कि पति की ज्यादा जिम्मेदारी उसके व उसके बच्चे के प्रति ही बनती है इसलिए उसका गुजाराभत्ता बढ़वाया जाये
अदालत (Court) ने इस मामले का निपटारा करते हुए प्रतिवादी पति की तनख्वाह को 6 हिस्सों में बांटा 2 हिस्सा प्रतिवादी को दिये इसके अलावा पत्नी, बेटे, माता और पिता को 1-1 हिस्सा दिया अदालत ने इस मामले में पत्नी की पति की आय की हिसाब से गुजाराभत्ता बढ़ाने की याचिका का निपटारा करते हुए यह निर्णय किया है अदालत ने कहा कि पत्नी व बेटे का हिस्सा 12,500 बैठता है इसलिए पति को अब प्रतिमाह की 10 तारीख को अपनी पत्नी व बेटे को गुजाराभत्ता रकम का भुगतान करना है
यह भी पढ़े.. अदालत ने दी हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को राज्य से बाहर जाने की अनुमति, पढ़ें पूरी खबर