mallikarjun kharge and shashi tharoor

Congress president election: कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मतदान शुरु, जानें किसकी दावेदारी अधिक मजबूत…

Congress president election: दोनों प्रत्याशियों में से किसके जीत की संभावना अधिक, यहां जानें इसका जवाब…

नई दिल्ली, 17 अक्टूबरः Congress president election: कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन हेतु आज चुनाव हो रहे हैं। 9800 से अधिक मतदाता मल्लिकार्जुन खरगे या शशि थरूर में से किसी एक को वोट करेंगे। किंतु इससे पहले चुनाव की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। सवाल खुद अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार शशि थरूर ने खड़े किए हैं।

दरअसल उन्होंने आरोप लगाया है कि मल्लिकार्जुन खरगे से कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता आसानी से मुलाकात करते हैं, उनका स्वागत करते हैं। हालांकि ऐसा थरूर के साथ नहीं होता हैं। उनसे मुलाकात करने में कांग्रेस के नेता हिचकते हैं। ऐसे में सवाल यह उठते हैं कि दोनों प्रत्याशियों में से किसका पलड़ा भारी है। किसके जीत की संभावना अधिक हैं। कौन कांग्रेस का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष होगा। आइए इन सभी सवालों के जवाब जानते हैं…

पहले चुनाव के बारे में जान लीजिए

कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए वोटिंग शुरू हो गई हैं। चार बजे तक वोटिंग का समय निर्धारित किया गया है। देश भर में 40 केंद्रों पर इसके लिए 68 बूथ बनाए गए हैं। करीब 9800 मतदाता इसमें हिस्सा लेंगे जो अलग-अलग प्रदेशों के प्रतिनिधि हैं। सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, प्रियंका गांधी समेत अन्य सीडब्ल्यूसी के सदस्य कांग्रेस मुख्यालय में बने बूथ में मतदान करेंगे।

वहीं एक बूथ भारत जोड़ो यात्रा कैंप में भी बनाया गया हैं। जहां राहुल गांधी मतदान करेंगे। जबकि मल्लिकार्जुन बेंगलुरु और थरूर तिरुवनंतपुरम स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में वोटिंग करेंगे। मतदान के बाद मतपेटियों को दिल्ली लाया जाएगा, जहां पार्टी मुख्यालय में 19 अक्टूबर को मतगणना होगी और नतीजे घोषित होंगे। 

थरूर की दावेदारी कितनी मजबूत?

1. केरल व अन्य दक्षिण राज्यों से वोट मिलने की संभावना

शशि थरूर 13 साल से केरल के तिरुवनंतपुरम से कांग्रेस के सांसद हैं। दक्षिण के राज्यों में कांग्रेस को मजबूत करने में भी थरूर काफी आगे रहे हैं। वह केवल दक्षिण नहीं, बल्कि उत्तर भारत में भी काफी चर्चित हैं। ऐसे में थरूर के अध्यक्ष बनने से कांग्रेस को काफी फायदा हो सकता है। थरूर को दक्षिण राज्यों के अलावा उत्तर भारत से भी वोट मिलने की संभावना है। 

2. कांग्रेस में अंदरूनी उठापटक का फायदा 

कांग्रेस में बदलाव चाहने वाले युवाओं के बीच थरूर की लोकप्रियता पहले से ज्यादा है। कुछ राज्यों में भले ही कांग्रेस नेताओं ने खुलकर थरूर का समर्थन नहीं किया है, लेकिन अंदर तौर पर वह जरूर चाहते हैं कि पार्टी में बदलाव हो। ऐसे में पार्टी के अंदर बदलाव चाहने वाले नेता जरूर थरूर का साथ दे सकते हैं।

3. देशभर में जबरदस्त फैन फॉलोइंग

शशि थरूर के पास भले ही मल्लिकाअर्जुन खरगे जितना संगठन का अनुभव न हो, लेकिन आम लोगों में थरूर खरगे से ज्यादा लोकप्रिय चेहरा हैं। शशि थरूर एक पैन इंडिया पॉपुलर नेता हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर थरूर की फॉलोइंग कांग्रेस के अधिकतर नेताओं से ज्यादा ही रही है। 

खरगे की दावेदारी कितनी मजबूत? 

1. पार्टी का समर्थन, वरिष्ठ नेताओं का भी मिला साथ: 

थरूर के मुकाबले मल्लिकार्जुन खरगे के साथ ज्यादा कांग्रेसी नेता खड़े दिखाई दे रहे हैं। खासतौर पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का साथ खरगे को मिला हुआ है। कहा जाता है कि खरगे को पार्टी की तरफ से पूरा समर्थन दिया गया है। गांधी परिवार भी खरगे को ही अध्यक्ष बनाना चाहता है।

2. दक्षिण से नाता, जमीन से जुड़े नेता रहे: 

खरगे का जन्म कर्नाटक के बीदर जिले के वारावत्ती इलाके में एक किसान परिवार में हुआ था। गुलबर्गा के नूतन विद्यालय से उन्होंने स्कूली शिक्षा पूरी की और फिर यहां सरकारी कॉलेज से स्नातक की डिग्री ली। यहां वह स्टूडेंट यूनियन के महासचिव भी रहे। गुलबर्गा के ही सेठ शंकरलाल लाहोटी लॉ कॉलेज से एलएलबी करने के बाद वकालत करने लगे। 1969 में वह एमकेएस मील्स कर्मचारी संघ के विधिक सलाहकार बन गए। तब उन्होंने मजदूरों के लिए लड़ाई लड़ी। वह संयुक्त मजदूर संघ के प्रभावशाली नेता रहे। 

3.विपक्ष के नेताओं से अच्छे संबंध: 

मल्लिकार्जुन खरगे गांधी परिवार के करीबी तो हैं हीं, विपक्ष के अन्य नेताओं से भी उनके अच्छे संबंध हैं। खरगे का राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार और माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी जैसे विपक्ष के नेताओं के साथ अच्छे संबंध हैं। 

4. कर्नाटक, महाराष्ट्र में दिला सकते फायदा: 

आने वाले समय में कर्नाटक और फिर महाराष्ट्र में भी चुनाव होंगे। ऐसे में खरगे इन दोनों राज्यों के अलावा दक्षिण के अन्य राज्यों में कांग्रेस को अच्छा फायदा दिला सकते हैं। संगठन और प्रशासनिक कार्यों में माहिर खरगे को प्लानिंग का मास्टर कहा जाता है।

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