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Bablu; kabul to bokaro: काबुल से बोकारो पहुंचे बबलू ने सुनाई आपबीती, 10 मिनट की दूरी तय करने में लगे 20 घंटे

Bablu; kabul to bokaro: घर पहुंचने पर पत्नी लाखो देवी की आंखों में खुशी के आंसू चमक रहे थे। साथ ही उनका चेहरा प्रसन्नता से दमक भी रहा था।

रिपोर्ट: शैलेश रावल
रांची, 23 अगस्त:
Bablu; kabul to bokaro: तालिबानियों के अफगानिस्तान पर कब्जे के बाद काबुल में बोकारो के फंसे बबलू के वतन वापसी के संदेश से खुशी छा गई थी। शनिवार की देर शाम ही बबलू ने काबुल से फोन कर स्वजनों को बता दिया था कि वह स्थानीय एयरपोर्ट पर अपने वतन भारत लौटने के लिए इंडियन एयरफोर्स के विमान सी-17 पर कुल 168 भारतीयों समेत सवार हाे चुका है। घर पहुंचने पर पत्नी लाखो देवी की आंखों में खुशी के आंसू चमक रहे थे। साथ ही उनका चेहरा प्रसन्नता से दमक भी रहा था।

पूछने पर उन्होंने कहा कि इससे बड़ी खुशी की और क्या बात हो सकती है कि उसके (Bablu; kabul to bokaro) पति सही-सलामत घर वापस आ गए। वहीं, बहन शोभा देवी ने खुशी के आंसू बहाते हुए कहा कि भाई के काबुल से सकुशल अपने वतन लौटने से उन्हें जो प्रसन्नता हुई, उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता।

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Bablu; kabul to bokaro: बबूल कुमार ने वहां की आंखो-देखी, वहां के हालात के बारे में बताया। उन्होंने बताया चार दिनों से नहाया नहीं। जो कपड़े पहने थे, उसे भी बदल नहीं सका। अफगानिस्तान में स्थितियां इतनी खराब हैं कि ब्यां करना मुश्किल है। बबलू ने बताया कि जिस होटल में उन्हें ठहराया गया था, वहां से काबुल एयरपोर्ट की दूरी महज 10 मिनट की है। लेकिन चार दिनों तक इंतजार करना पड़ा।

यही नहीं, बस में कल ही बिठाया दिया गया था। (Bablu; kabul to bokaro) लेकिन 10 मिनट की दूरी तय करने में 20 घंटे लग गए। 20 घंटे बस में ही बैठे रहना पड़ा। बस से बाहर भी नहीं निकल सकते थे। रह-रहकर तालिबान के लड़ाके फायरिंग कर रहे थे। बबलू छह जून को काबुल पहुंचा था, जहां स्थित अफगान राणा फैक्ट्री में बैटरी की प्लेट बनाने का काम करने के दौरान 15 अगस्त को तालिबानियों ने काबुल पर कब्जा कर लिया था। तब 16 अगस्त को बबलू ने सर्वप्रथम अपने घर फोन कर अपनी व्यथा बताई थी।

साथ ही कहा था कि वह वहां फैक्ट्री के कमरे में अपनी जान तालिबानियों की फायरिंग से बचाते हुए रह रहा है। वहां से भारतीय दूतावास की टीम उन्हें 19 अगस्त को पास स्थित होटल ले गई, जहां अन्य भारतीयों को भी ठहराया गया था।

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