Ahmedabad-Mehsana Line: पश्चिम रेलवे द्वारा अहमदाबाद-महेसाना गेज परिवर्तित लाइन के संपूर्ण खंड की शुरुआत

  Ahmedabad-Mehsana Line: नए गेज परिवर्तित खंड द्वारा मौजूदा सिंगल ब्रॉड गेज लाइन के लिए एक अतिरिक्त लाइन की सुविधा प्रदान फलस्‍वरूप अहमदाबाद और महेसाना के बीच यात्रा समय में कमी होगी

  • व्यस्त अहमदाबाद-दिल्ली मार्ग पर माल ढुलाई क्षमता में होगी वृद्धि, जिससे यह महत्वपूर्ण खंड डिकंजेस्‍ट होगा  
  • अहमदाबाद-महेसाना खंड का आमान परिवर्तन यूनी-गेज रेल प्रणाली नीति हेतु प्रेरणादायक है

अहमदाबाद, 09 मार्च: Ahmedabad-Mehsana Line: पश्चिम रेलवे गुजरात में रेलवे के बुनियादी ढांचे के विकास में अत्यधिक योगदान दे रहा है और पिछले कुछ वर्षों में यात्री सुविधाओं में वृद्धि के साथ-साथ नई लाइन, गेज परिवर्तन, विद्युतीकरण, दोहरीकरण और अन्य इंफ्रास्‍ट्रचरल अपग्रेडशन कार्य तेजी से पूर्ण किये गये हैं। इस दिशा में पश्चिम रेलवे ने अहमदाबाद मंडल पर जगुदन-महेसाना के बीच आमान परिवर्तन का कार्य पूरा कर लिया है और यातायात के लिए एक नई दोहरी लाइन खोल दी गई है।

पिछले साल प्रधानमंत्री ने इस खंड के साबरमती-जगुदन भाग को राष्‍ट्र को समर्पित किया था। जगुदन-महेसाना भाग के दोहरीकरण कार्य पूरा होने के साथ संपूर्ण अहमदाबाद-महेसाना आमान परिवर्तन परियोजना पूर्ण हो गई है तथा इसे अब शुरू कर दिया गया है।

पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी सुमित ठाकुर द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार जगुदन-महेसाना के बीच नई दोहरी लाइन को 90 किमी प्रति घंटे की गति से यातायात के लिए खोल दिया गया है। नए खंड में 1 बड़ा पुल, 16 छोटे पुल और ग्रेड विभाजक के रूप में 8 अंडरपास हैं। उल्लेखनीय है कि यह सेक्शन लेवल क्रॉसिंग से पूरी तरह मुक्त है जिससे रेल यात्रियों के साथ-साथ सड़क उपयोगकर्ताओं की सुरक्षा में भी वृद्धि हुई है। यह परियोजना 620 करोड़ रुपये की लागत से पूर्ण की गई है।

Ahmedabad-Mehsana Line

परियोजना कार्य की विस्तृत जानकारी देते हुए ठाकुर ने कहा कि महेसाना रेलवे स्टेशन पर 644 मीटर लम्बाई का एक अतिरिक्त प्लेटफार्म भी चालू किया गया है, जिससे लाइनों की संख्या 5 से बढ़कर 14 हो गई है। विरमगाम से पाटन के बीच डेडिकेटेड नई मुख्य लाइन जो पहले महेसाना यार्ड में नहीं थी, अब इस कार्य में उपलब्‍ध कराई गई है। इसके अलावा, प्लेटफॉर्म के साथ समर्पित 2 लूप लाइनें, 15 मीटर चौड़े आरसीसी प्लेटफॉर्म के साथ 750 मीटर लंबाई की एक गुड्स साइडिंग भी जोड़ी गई है।

बुकिंग कार्यालय के साथ एक नया स्टेशन भवन, शौचालय के साथ सामान्य प्रतीक्षालय, कॉनकोर्स, पीआरएस शुरू किया गया है। 10.84 किमी लंबी नई डाउन मेन लाइन, 2 किमी लंबी नई विरमगाम-पाटन नई मेन लाइन, 760 मीटर लंबी दो नई गुड्स साइडिंग और 375 मीटर लंबी ट्रैक मशीन साइडिंग और एक टावर वैगन साइडिंग भी जोड़ी गई है।

साथ ही, महेसाना रेलवे स्टेशन पर एक नया इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग (EI) सिस्टम चालू किया गया है, जिसमें 7 दिशाओं से आने वाली लाइनें हैं। अपग्रेडेड महेसाना यार्ड अब 380 मार्गों वाले इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग से सुसज्जित है। 85 इंच वीडीयू मॉनिटर की मदद से गियर का संचालन किया जाता है और अत्याधुनिक फायर अलार्म, एक्सल काउंटर, ब्लॉक और ब्लॉक सेक्शन मॉनिटरिंग के लिए एक्सल काउंटर भी प्रदान किया गया है।

ठाकुर ने आगे बताया कि अहमदाबाद के सर्वेक्षण और निर्माण विभाग की टीम ने कुशल योजना के साथ और बिना किसी सुरक्षा चूक के केवल 23 दिनों में महेसाना के यार्ड रीमॉडेलिंग के बड़े कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। यार्ड रीमॉडलिंग कार्य में दोनों सिरों पर 2000 मीटर मौजूदा यार्ड की मुख्य लाइनों की रिएलानमेंट, 58 नए टर्नआउट और केवल यार्ड में 8 किमी ट्रैक बिछाने के अलावा ट्रैक संरचना को अपग्रेड करके लूप को डाउन मेन लाइन में परिवर्तित करना एक जटिल कार्य शामिल था।

800 मीटर की नई आरटीआर लाइन के साथ मेहसाना से न्यू भांडू की तरफ डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (डीएफसीसीआईएल) को भारतीय रेल के साथ जोड़ने का काम भी पश्चिम रेलवे की निर्माण टीम द्वारा 8 फरवरी 2023 से 28 फरवरी 2023 के बीच ट्रैफिक वर्किंग ऑर्डर के ज़रिये पूरा किया गया है, जिसमें इंजीनियरिंग, सिगनलिंग और टेलीकॉम और इलेक्ट्रिकल (ट्रैक्शन) संयुक्त रूप से शामिल हैं।

परियोजना के लाभ इस प्रकार हैं:

  • इस मीटर गेज लाइन को अहमदाबाद से महेसाना के बीच भारतीय रेलवे की यूनी-गेज नीति के तहत ब्रॉड गेज लाइन में परिवर्तित किया गया है।
  • इस गेज परिवर्तित लाइन ने अहमदाबाद और महेसाना खंड के बीच एक अतिरिक्त लाइन की सुविधा प्रदान की है जिसके परिणामस्वरूप यात्रियों के लिए यात्रा समय कम हो जायेगी।
  • यह खंड अहमदाबाद और दिल्ली के बीच एक महत्वपूर्ण ब्रॉड गेज मार्ग का हिस्सा है जो पश्चिमी तट पर बंदरगाहों सहित पश्चिम भारत की सेवा करता है।
  • इस महत्वपूर्ण खंड की माल ढुलाई क्षमता में वृद्धि होगी, क्योंकि यह महेसाना में डीएफसीसीआईएल के पश्चिमी फ्रेट कॉरिडोर से जुड़ा हुआ है।
  • यह परियोजना ट्रेनों के आवागमन को सुगम बनाएगी और व्यस्त अहमदाबाद-दिल्ली मार्ग की सघनता को कम करने में मदद मिलेगी।

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