National Space Day: आईआईटी (बीएचयू) में तीन दिवसीय नेशनल स्पेस दिवस का शुभारंभ
National Space Day: भारतीय भौतिक विज्ञानी पद्मश्री प्रोफेसर एचसी वर्मा ने दिया व्याख्यान
रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 22 अगस्त: National Space Day: जब किसी विषय के साथ लगाव हो जाता है तब उसे हम ध्यान से पढ़ते हैं. सिर्फ एग्जाम देने के लिए नहीं, तभी उस विषय में हम आगे बढ़ पाते हैं। अंतरिक्ष सभी को आकर्षित करता है। जो धरती पर से आसमां दिखता है, सिर्फ खड़े होकर देखने में काफी चीजें दिखती हैं। हमारे पूर्वजों ने सिर्फ आंखों से देख कर ग्रहों की चालों को समझा, पूरा कैलेंडर बना दिया, अपने आप में बहुत यह बहुत नायाब है। यह बातें पद्मश्री भारतीय भौतिक विज्ञानी और आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर हरिश चंद्र वर्मा ने बतौर मुुुख्य अतिथि कहीं। वे संस्थान में बुधवार को एबीएलटी परिसर में आयोजित तीन दिवसीय नेशनल स्पेस दिवस के शुभारंभ के अवसर पर आमंत्रित थे।
अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षा बोर्ड के साथ मिलकर क्लास 6, 7 और 8 के लिए स्पेस साइंस को अच्छे से कहानी के माध्यम से परिचय कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिससे छात्रों को स्पेस के प्रति रुचि बढ़े। उन्होंने बताया कि महर्षि वाल्मिकी को नक्षत्र, राशियों, ग्रहों की अच्छी जानकारी थी, जिससे उन्होंने रामायण में भगवान राम के समय घटित घटनाओं की संस्कृत श्लोकों में सभी जानकारी दी। हमें अपनी संस्कृति को पहचाने और अपनी विरासत को समझने की जरूरत है।
उन्होंने आगे कहा कि यूरोप में रोमन लिपि चलती थी। उनको उस समय गुणा-भाग करने में बहुत तकलीफ थी। जब भारत से डेसीमल सिस्टम यूरोप पहुंचता था तब वो तेजी से विकास करते हैं और हमारी इतनी समृद्ध विरासत होने के बाद भी हम उनसे पिछड़ते चले जाते हैं। क्योंकि हम अब परीक्षा में नंबर पाने की होड़ में लग गए हैं, हमने सोचना कम कर दिया है। सवाल करना बंद कर दिया है। बहस करना बंद कर दिया है।
उन्होंने कह दिया हमने मान लिया यह नहीं होना चाहिए। अपने गुरुजनों से सवाल करिये। सवाल उठाने और श्रद्धा नहीं होने का कोई संबंध नहीं है। जितने भी अनुसंधान हुए हैं उन्होंने स्वयं से सोचा है। पहले सवाल मन में उपजे ऐसी आदत डालनी होगी। उसके लिए आपको हर चीज को पैनी नजर से देखना होगा। साइंस में डूबना होगा, तभी अपनी पांच हजार साल की परंपरा और समृद्ध होगी और हमारा देश आगे बढ़ेगा।
यह भी पढ़ें:- 104th Convocation of BHU: काशी हिन्दू विश्वविद्यालय का 104वाँ दीक्षान्त समारोह 14 दिसम्बर को
इस अवसर पर उन्होंने छात्रों के सवालों के जवाब दिये। इसके पहले उद्घाटन समारोह का आयेाजन किया गया। निदेशक प्रोफेसर अमित पात्रा ने मुख्य अतिथि प्रोफेसर एचसी वर्मा का स्वागत करते हुए कहा कि देश ने पिछले 50 वर्षों में अंतरिक्ष अनुसंधान में बहुत अच्छे कार्य किये हैं। हम सभी के लिए यह जागरुक रहने का समय है। जब कभी भी संभव हो, हमें देश के लिए अपना योगदान देने के लिए तैयार रहना होगा।
स्वागत उद्बोधन डीन स्टूडेंट अफेयर्स प्रोफेसर राजेश कुमार ने किया। उन्होंने बताया कि 23 अगस्त को नई दिल्ली भारतमंडपम में आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण भी किया जाएगा। धन्यवाद ज्ञापन स्कूल ऑफ बॉयोकेमिकल इंजीनियरिंग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ संजय कुमार ने किया। उद्घाटन समारोह में छात्रों ने कुलगीत गाया और मुख्य अतिथियों ने पंडित मदन मोहन मालवीय जी प्रतिमा पर माल्यापर्ण किया।
देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें