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Guru shishya ke rishte: गुरु पूर्णिमा का रुप भी बदल गया कहा गई वो स्लेट कलम

!! गुरु शिष्य के रिश्ते भी बदल गए !!(Guru shishya ke rishte)

Guru shishya ke rishte, Anuradha deshmukh

Guru shishya ke rishte: वक्त के साथ सब कुछ बदल गया
गुरु पूर्णिमा का रुप भी बदल गया कहा गई वो स्लेट कलम
जिस पर हम सरस्वती की आकृति बनाते थे
स्कूल जाकर पंक्तिबद्ध बैठकर
वह पट्टी पूजा करना
उसके लिए भी एक दिन पहले खास तैयारी होती थी
अपनी स्लेट को साफ करना और कलम की नोक को धारदार बनाना
फिर सरस्वती जी की आकृति उकेराना
अब तो स्कूल बैग में से स्लेट और कलम गायब ही हो गई
वह जमाना ही कुछ और था
अब इस दौर के साथ सब के मायने भी बदल गए
गुरु शिष्य के रिश्ते भी बदल गए
पहले छड़ी पड़े चांटा पड़े फर्क नहीं पड़ता था
अब तो शिक्षक एक चांटा भी मार दे तो,
बच्चों को इंसल्ट फील होता है
घुटना टेक ऊठक बैठक वाली सजा
जिसका भी था अपना एक अलग ही मजा
अब ना तो वह पहले जैसी सजा है और ना ही वह मज़ा है
अब तो बच्चों में इगो और एटीट्यूट है
काश वो छड़ी फिर से वापस आ जाए
तो भारत का भविष्य सुधर जाए
भारत का भविष्य सुधर जाए।।

गुरु पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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