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Ganesh Chaturthi: गणेश चतुर्थी की बचपन से जुड़ी यादें..

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गणेश चतुर्थी -2021 (Ganesh Chaturthi)

पिछले वर्ष से कोरोना महामारी के वजह से मंदिर में भी धूम धाम से आयोजन नहीं हो सका सब लोग अपने अपने घर में ही पूजा अर्चना कर रहे हैं तथा गणपति बप्पा का से यही प्रार्थना है कि आपसभी के जीवन सुखमय और आनंदमय हो

ममता कुशवाहा


Ganesh Chaturthi: आज कुछ पुराने लम्हें याद आ रहे हैं जैसा की आज गणेश चतुर्दशी यानी गणेश पूजा हैं और आज के दिन जगह- जगह मंदिर मंडप में पूजा का आयोजन किया जाता हैं। परंतु कोरोना के वजह से कुछ भी आयोजन धूम धाम से नहीं किया जा सकता हैं । एक दौर वो भी था जब हम स्कूल में थे तो हमारे स्कूल में जैसे सरस्वती पूजा किया जाता था वैसे गणेश पूजा का भी आयोजन किया जाता था और पूजा के दो तीन पूर्व से स्कूल में तैयारी शुरू हो जाती थी

शिक्षकगण हम छात्र- छात्रों को कुछ पूजा संबधी कार्य में सहयोग के लिए श्रमशील छात्र- छात्रा को जिम्मेदारी दिया करते थे और पूजा के लिए गणपति बप्पा का मूर्ति प्रसाद आदि खरीद कर लाया जाता था और पूरे स्कूल को सजाया जाता एवं उस दिन सभी इकट्ठा होते हैं और गणपति बप्पा (Ganesh Chaturthi) का पूजा किया जाता था सभी शिक्षक एवं विद्यार्थी धूम धाम से गणेश उत्सव मनाते थे अतिथि सत्कार पूजा के बाद प्रसाद वितरण आदि हम विद्यार्थी से शिक्षक गण करवाते थे

ताकि हमे भी कुछ सीखने का नया अनुभव प्राप्त हो और शिक्षक के साथ साथ ,छात्र छात्रा भी नये नये कपड़े पहनकर सजा धज विद्यालय आते थे और उस समय की एक रोजक बात ये भी थी हम छात्राओं में अपने अपने सहपाठी के साथ जाकर स्टूडियो में फोटो खिंचवाना हा बड़ा आनंद आता था पूरा दिन आनंदमय होता अब तो उस फोटो को देखती हूँ तो बस काश वो पल वापस आ जाते स्कूल के बाद घर आकर शाम को मंदिर जाना………. इत्यादि ।

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और जब कालेज गए हम सभी पूराने सहपाठी से तो हम गणेश चतुर्थी के दिन सुबह सबसे पहले मंदिर जाने के बाद अपना अपना क्लास खत्म करके जरूर स्कूल में पूजा के समय पहुँच तो नहीं पाते थे परन्तु प्रसाद लेने और शिक्षक शिक्षिका से मिलकर आशिर्वाद लेने जाते थे वो दिन हमारे लिए थोड़ा खास होता था कुछ पुराने दोस्त मिलते थे स्कूल के लम्हें साझा करते थे , खैर अब तो कालेज भी खत्म हो गया और सभी सहपाठी अपने अपने जीवन के पथ में आगे बढ़ गये अब तो बस फोन पर बातें हो पाती है मिलना जुलना तो बहुत कम हो पाता है पर हमारी पूरानी लम्हें और दोस्ती बरकरार है।

पिछले वर्ष से कोरोना महामारी के वजह से मंदिर में भी धूम धाम से आयोजन नहीं हो सका सब लोग अपने अपने घर में ही पूजा अर्चना कर रहे हैं तथा गणपति बप्पा (Ganesh Chaturthi) का से यही प्रार्थना है कि आपसभी के जीवन सुखमय और आनंदमय हो

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