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Ganesh Chaturthi 2021: गणेश चतुर्थी आज, जानें शुभ मुहूर्त और सब कुछ

Ganesh Chaturthi 2021: कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं

धर्म डेस्क, 10 अगस्तः Ganesh Chaturthi 2021: देशभर में आज गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा हैं। 10 दिनों तक चलनेवाले गणेशोत्सव में अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाएगा। कोरोना महामारी के कारण सरकार द्वारा कई तरह के प्रतिबंध भी लगाए गए हैं। सरकार ने लोगों से अपील की कि कोरोना नियमों का पूरी तरह से पालन करें।

Ganesh Chaturthi 2021: इस खास दिन भगवान गणेश की पूरी विधि-विधान से पूजा की जाती हैं। गणेश चतुर्थी पर पूजन का शुभ मुहूर्त 12 बजकर 17 मिनट पर अभिजीत मुहूर्त से शुरू होकर रात 10 बजे तक शुभ रहेगा। इस खास दिन गणेशजी को पूजने से कृपा संग सुख-शांति और सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।

Ganesh Chaturthi 2021: भक्त गणेश की पूजा करते समय छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते हैं ताकि उनसे कोई गलती ना हो जाएं। लेकिन अक्सर जानकारी न होने के अभाव में वे गणेशजी को ये कुछ चीजें चढ़ाना भूल जाते हैं। पहला मोदक का भोग और दूसरा दूर्वा और तीसरा घी। ये तीनों चीज भगवान गणेश को बेहद प्रिय हैं।

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जानें क्यों चढ़ाते हैं प्रसाद में मोदक

कहा जाता है कि गणपति को मोदक बहुत पसंद हैं। लेकिन इसके पीछे पौराणिक मान्यताएं छिपी हुई हैं। पुराणों के अनुसार गणपति और परशुराम के बीच युद्ध चल रहा था इस दौरान गणपति का एक दांत टूट गया। इसके चलते उन्हें खाने में काफी परेशानी होने लगी। उनके कष्ट को देखते हुए कुछ ऐसे पकवान बनाए गए जिसे खाने में आसानी हो और उससे दांतों में दर्द भी ना हो। उन्हीं पकवानों में से एक मोदक था। गणेश को मोदक बहुत पसंद आया था और तभी से वो उनका पसंदीदा मिष्ठान बन गया था।

गणेश चतुर्थी व्रत व पूजन विधि

  • व्रती को चाहिए कि सुबह स्नान करने के बाद सोने, तांबे, मिट्टी की गणेश प्रतिमा लें।
  • चौकी में लाल आसन के ऊपर गणेश जी को विराजमान करें।
  • गणेशजी को सिंदूर व दूर्वा अपति कर 21 लड्डूओं का भोग लगाएं। इनमें से 5 लड्डू गणेश जी को अर्पित करके गरीबों या ब्राह्मणों को बांट दें।
  • सांयकाल के समय गणेश जी का पूजना करना चाहिए। गणेश चतुर्थी की कथा, गणेश चालीसा व आरती पढ़ने के बाद अपनी दृष्टि को नीचे रखते हुए चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।
  • इस दिन भगवान गणेश जी के सिद्धिविनायक रूप की पूजा व व्रत किया जाता हैं।
  • ध्यान रहे कि तुलसी के पत्ते गणेश पूजा में इस्तेमाल नहीं हो। तुलसी को छोड़कर बाकी सब पत्र-पुष्प गणेश जी को प्रिय हैं।
  • गणेश पूजन में गणेश जी की एक परिक्रमा करने का विधान है। मतान्तर से गणेश जी की तीन परिक्रमा भी की जाती हैं।
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