Annapurna: भूख केवल “पेट” में नहीं होती आँखों में भी होती हैं….!
Annapurna: भूख केवल पेट में नहीं होती आँखों में भी होती हैं….!
मेरी आँखों में एक बेहतर इंसान बनने की भूख…..,
ठीक मेरे सामने एक बच्ची जो महज सात साल की होंगी उसकी आँखों में मैंने मुझसे कई गुना ज्यादा भूख देखी…,
जो चीख चीख के बोल रही थी
मेरे पास बस साँसे हैं जीने लायक ज़िन्दगी नहीं…!
वो मेरे पास अपने कदम बढ़ा रही थी और मेरी आँखें बस उसके नंगे पाँव देख रही थी…,
दीदी कुछ रुपया दे दो मैंने दो दिन से कुछ खाया नहीं हैं…,
( मैंने पूछा तुम्हारा नाम क्या हैं….?
“अन्नपूर्णा” (Annapurna)
किसने रखा हैं ये नाम….!
बाबा ने, वो कहते हैं जब मैं हुई थी तो उस दिन बाबा के मालिक ने उन्हें अच्छे अच्छे पकवान खिलाये थे…)
वो ये सब बताते हुए बड़ी खुश नजर आ रही थी…,
मगर कितनी अचरज़ की बात हैं जो खुद अन्नपूर्णा हैं उसे दो वक्त खाने के लिए हाथ फैलाना पड़ रहा हैं…,
मैंने उसे उस वक़्त मेरे पास जो भी था मैंने दे दिया…!
उसके पापा के लिए भी मैंने उसे कुछ ख़रीद के दे दिया ,
वो बहुत खुश दिख रही थी खाना और सामान सबको लेके
और मैं उसके चेहरे की हँसी देख के खुश हो रही थी…..,
ये सोचते हुए इससे बेहतर ज़िन्दगी क्या होगी किसी की भूख कम करना….!!
सुकून वाली शाम…❤️ जीना इसी का नाम हैं…❤️🙏❤️ ~~दीपा चौधरी~~
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