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Varanasi ropeway project: वाराणसी विकास प्राधिकरण ने रोपवे परियोजना की भ्रांतियों को किया दूर, जानें…

  • काशी विद्यापीठ में प्रस्तावित स्टेशन होगा अत्याधुनिक भवन में

Varanasi ropeway project: वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर क्रियान्वयन हेतु प्रस्तावित रोप-वे की पायलट परियोजना के बारे में कथित दुष्प्रचार को किया खारिज

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 16 जुलाईः Varanasi ropeway project: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में प्रस्तावित रोपवे परियोजना के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक कार्यवाही शुरू हो चुकी हैं। इसी बीच कतिपय भ्रांतियों को दूर करने हेतु वाराणसी विकास प्राधिकरण की ओर से स्पष्टीकरण की गई हैं। इस स्पष्टीकरण से यह बात साफ हो जाती है कि, रोपवे के निर्माण से न केवल वाराणसी में आवागमन की सुविधा सुगम होंगी बल्कि ऐतिहासिक महत्व के धरोहर भी पूर्ण रूप से संरक्षित होंगे।

Varanasi ropeway project: वीडीए के अनुसार वाराणसी रोप-वे परियोजना में 5 स्टेशन प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें प्रथम स्टेशन कैंट स्टेशन, उसके बाद विद्यापीठ स्टेशन, रथयात्रा स्टेशन, गिरजा घर क्रॉसिंग, जोकि टर्निंग स्टेशन होगा तथा अंतिम स्टेशन गोदौलिया चौक पर प्रस्तावित किया गया हैं। परियोजना में एलाइनमेंट की कुल लंबाई 3.750 किलोमीटर निर्धारित की गई हैं।

परियोजना के संबंध में परियोजना के Alignment में पड़ने वाले कुछ स्टेक होल्डर्स द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार के संबंध में प्राधिकरण द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि, परियोजना हेतु काशी विद्यापीठ में प्रस्तावित स्टेशन अत्याधुनिक भवन होगा। जिसमें आम-जनमानस की आगमन एवं प्रस्थान कैंट स्टेशन से साजन तिराहा तक जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग से सम्बद्ध होगा तथा किसी भी परिसर के आंतरिक आवागमन एवं भवनों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा।

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Varanasi ropeway project: स्टेशन भवन न्यूनतम क्षेत्रफल में खुले स्थान पर प्रस्तावित हैं, जिसको नियमानुसार सक्षम स्तर से अनुमोदन के उपरांत ही प्रयोग किया जाएगा। स्टेशन भवन के अतिरिक्त रोप-वे हेतु प्रस्तावित टावर्स के लिए न्यूनतम भूमि का प्रयोग किया जाएगा तथा रोप-वे परियोजना हेतु काशी विद्यापीठ के अंतर्गत किसी भी भवन के ध्वस्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।

प्रस्तावित टावर की ऊंचाई अत्यधिक होने के कारण मौजूद भवनों तथा अन्य प्रस्तावित भवनों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। बल्कि काशी विद्यापीठ के दूर दराज के छात्रों को स्टेशन से सीधा आवागमन की सुविधा प्रदान होगी। साथ ही भारत माता मंदिर परिसर में भी किसी पूर्व structure को ध्वस्त नहीं किया जा रहा हैं। अपितु बाहर खाली पड़े पार्किंग क्षेत्र का उपयोग किया जाएगा।

यह क्षेत्र मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़़ा हटके है, जिससे ना केवल मंदिर में आने वाले पर्यटकों को सुविधा होगी बल्कि मंदिर में आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि भी होगी। रोप-वे की परियोजना कैैंट स्टेशन से विद्यापीठ, रथयात्रा एवं गोदौलिया हेेतु कम समय में बेतर कनेक्टिविटी का माडल होगा, जिससे विद्यापीठ के छात्रों/पर्यटकों को एक बेहतर शहरी परिवहन का माध्यम उपलब्ध होगा।

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