Shivraj singh

MP night curfew: ओमिक्रॉन के कहर से सतर्क हुए शिवराज, मध्यप्रदेश में लगाया रात्रि कर्फ्यू

MP night curfew: मध्यप्रदेश में ओमिक्रॉन का एक भी मामला सामने नहीं आया हैं इसके बावजूद मध्य प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला पहला राज्य बन गया हैं

नई दिल्ली, 23 दिसंबरः MP night curfew: देश में ओमिक्रॉन के मामले काफी तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच मध्यप्रदेश में शिवराज चौहान की सरकार ने राज्य में रात्रि कर्फ्यू (MP night curfew) लगाने की घोषणा की हैं। इसके साथ ही ओमिक्रॉन की बढ़ते मामलों की वजह से रात्रि कर्फ्यू (MP night curfew) लगानेवाला मध्यप्रदेश पहला राज्य बन गया हैं। अब यहां रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक रात्रि कर्फ्यू जारी कर दिया गया हैं।

उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश में ओमिक्रॉन का एक भी मामला सामने नहीं आया हैं। इसके बावजूद मध्य प्रदेश ऐसा कदम उठाने वाला पहला राज्य बन गया हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि संभव है मध्यप्रदेश में ओमिक्रॉन के मामले सामने आ सकते हैं। इसलिए हम रात्रि कर्फ्यू जारी कर रहे हैं। आवश्यकता पड़ने पर अन्य और भी उपाय किये जाएंगे।

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बता दें कि भारत में अब तक ओमिक्रॉन के 323 मामले सामने आ चुके हैं। सबसे ज्यादा केस महाराष्ट्र में आए हैं। यहां 65 केस मिले हैं। दिल्ली में 57, तेलंगाना में 38, तमिलनाडु में 34, गुजरात में 30, केरल में 29, राजस्थान में 23, ओडिशा में 4, जम्मू-कश्मीर में 3, उत्तरप्रदेश में 2, पश्चिम बंगाल में 2, आंध्रप्रदेश में 2, चंडीगढ़, लद्दाख और हरियाणा में 1-1 मामले सामने आये हैं।

ओमिक्रॉन से बचने के लिए केंद्र ने राज्यों को दिए यह 5 सुझाव

  • नाइट कर्फ्यू लगाएं, जमावड़ों पर रोक लगाई जाए, खासकर आने वाले त्योहारों के मद्देनजर। कोरोना के केस बढ़ने पर कंटेनमेंट और बफर जोन का निर्धारण करें।
  • टेस्टिंग और सर्वेलांस पर विशेष ध्यान दिया जाए। आईसीएमआर के स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, टेस्ट कराए जाएं। डोर टू डोर केस सर्च और आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए।
  • अस्पतालों में बेड, एंबुलेंस और स्वास्थ्य उपकरण बढ़ाने पर फोकस किया जाए। ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाया जाए। 30 दिन की दवाओं का स्टॉक बनाएं।
  • लगातार जानकारी दी जाए, ताकि अफवाह न फैले, राज्य रोजाना प्रेस ब्रीफिंग करें।
  • राज्य 100 प्रतिशत वैक्सीनेशन पर फोकस करें। सभी वयस्कों को दोनों डोज सुनिश्चित करने के लिए डोर टू डोर अभियान चलाया जाए।
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