Har koi ulajha hai: हर कोई उलझा है अपनी ही उलझनों में: सिमरन स्वराज
Har koi ulajha hai: हर कोई उलझा है अपनी ही उलझनों मेंना किसी के जीवन को और उलझाएंऔरों के लिए षड्यंत्र रचने से भलास्वयं के लिए कुछ बेहतर कर दिखाएंअपनी … Read More
Har koi ulajha hai: हर कोई उलझा है अपनी ही उलझनों मेंना किसी के जीवन को और उलझाएंऔरों के लिए षड्यंत्र रचने से भलास्वयं के लिए कुछ बेहतर कर दिखाएंअपनी … Read More
बेटी वो आशीर्वाद हैजो मिलती है नसीबों सेमां के कामों में हाथ बटातीतो पापा के कंधे से कंधा मिलातीदुनियां के लिए सख़्त,मजबूत सीपरिवार के लिए भावनाओ की पोटली सीघर के … Read More
चक्रव्यूह रक्तोच्चार अँधेरे की लपटों छाया में घिराउजालों का आतम था न बिखराकिस – किस रन्ध्रों में ढूढ़ते थे कभी ?क्या , कभी , किसी को न मिला कभी ?बढ़ … Read More
बेटी दिवस(Daughter’s day) Daughter’s day: हर रिश्तों में खास होती हैं बेटियाँ,माँ बाप के दिल के पास होती हैं बेटियाँ.दो परिवारों को जो एक कर दें,ऐसी मजबूत कड़ी होती हैं … Read More
ये सुनहरा दिल मेरा (Ye dil mera)आखिर पत्थर बन ही गयाबात बात पर जो भावों से बहता थाआज बर्फ की सख़्त चादर बन ही गयाजिसकी जैसी जरूरत वैसा बहलाया उसनेना … Read More
“तेरी नज़र का गणित !” हमें एक ही बार में वो हाल बता गई।वो अपने आखों से फिर से आँख मार गई।।मोहब्बत का दरिया हद से पार हो जाएगा।नशीली आखों … Read More
“धूप”(Sunlight) आओ आज मुट्ठी में कैद कर लू ये धूपमन की सीलन से भरी दीवारों पे,फेक दू ये धूपठंडी निराश सी उम्मीदों पर,हौसले से भरी हथेली सी सेक दू ये … Read More
दिल कभी नहीं हारताएक बार टूटने के बाद भी फिरकोई उम्मीद जगा ही लेता हैबंद हो सारे दरवाज़े फिर भीएक रोशनदान बना ही लेता हैकल मिली हो करारी शिकस्तपर आज … Read More
बेवजह कुछ भी नहीं है…(Nothing is worthless) मिलना, बिछड़ना, साथ होकर, फिर तन्हा होनाबीती रात अश्कों में गुजार, सुबह चेहरे पर हसी होनागहरी नींद से जाग, जैसे अभी अपने आज … Read More
it’s raining in the cold ठंड में बारिश हो रहीये कैसी तबाही हो रहीजो मौसम इस तरह बदल रहीचारों ओर घनघोर घटा छा रहीठंड में बारिश हो रहीलगने लगी है … Read More