Maa Katyayani

Shardiya navratri 2022: आज होगी मां कात्यायनी की पूजा, यहां जानें नवरात्रि के छठे दिन की विशेष बातें…

Shardiya navratri 2022: मां कात्यायनी सफलता और यश का प्रतीक हैं, जानें पूजा विधि…

धर्म डेस्क, 01 अक्टूबरः Shardiya navratri 2022: शारदीय नवरात्रि का आज छठा दिन हैं। आज के दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप यानि मां कात्यायनी की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। कहा जाता है कि मां कात्यायनी सफलता और यश का प्रतीक हैं। वे सिंह पर सवार होने वाली देवी है, जो चतुर्भुज हैं। वे अपनी दो भुजाओं में कमल और तलवार धारण करती हैं। आइए जानें मां कात्यायनी की पूजा विधि, मंत्र, प्रिय फूल, भोग और आरती के बारे में…

मां कात्यायनी का प्रिय फूल और रंग

मां कात्यायनी को लाल रंग काफी पसंद हैं। इस वजह से पूजा में आप मां को लाल रंग के गुलाब का फूल अर्पित करें। इससे मां कात्यायनी आप पर प्रसन्न होंगी, उनकी कृपा आप पर रहेगी।

मां कात्यायनी का प्रिय भोग

मां कात्यायनी को शहद काफी प्रिय है, इसलिए आज पूजा के समय मां कात्यायनी को शहद का भोग जरूर लगाएं। ऐसा करने से स्वयं के व्यक्तित्व में निखार आता हैं।

मां की पूजा विधि

आज सुबह नहाने के बाद व्रत और मां कात्यायनी की पूजा का संकल्प लेते हैं। उसके बाद मां कात्यायनी को स्मरण करके उनका गंगाजल से अभिषेक करें। फिर उनको वस्त्र, लाल गुलाब का फूल या लाल फूल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य आदि अर्पित करेँ। इस दौरान उनके मंत्रों का जाप करें, फिर शहद का भोग लगाएं। इसके बाद दुर्गा चालीसा और मां कात्यायनी की कथा आदि का पाठ करें। अंत में घी के दीपक से मां की आरती करें।

मां कात्यायनी पूजा मंत्र

चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी।।
मां देवी कात्यायन्यै नमः

मां की आरती

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा। जय जय अम्बे…
कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी। जय जय अम्बे…
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की। जय जय अम्बे…

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो। जय जय अम्बे…
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे। जय जय अम्बे…

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