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Workshop on guidance & counceling: वाराणसी में निर्देशन एवं परामर्श पर पंच दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

  • शिक्षा विभाग तथा निर्देशन एवं परामर्श प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वाधान में शुरू हुआ कार्यशाला

Workshop on guidance & counceling: बीएचयू स्थित गाइडेंस सेल के संस्थापक समन्यवयक प्रोफेसर पी सी शुक्ला एवं स्टूडेंट कऊंन्सलर नित्यानंद तिवारी ने दिया सारगर्भित व्याख्यान

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 14 जूनः Workshop on guidance & counceling: भारत में महिला शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान हासिल करने वाले शताब्दी पुराना, वसंत महिला महाविद्यालय, राजघाट, वाराणसी में ”निर्देशन और परामर्शः नये आयाम, हस्तक्षेप और रणनीतियाँ” नामक ज्वलंत विषय पर पंच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ हुआ।

कॉलेज के शिक्षा-विभाग तथा निर्देशन एवं परामर्श प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि बीएचयू के पूर्व प्रमुख/डीन एवं गाइडेंस सेल के संस्थापक समन्वय प्रो.पी.सी.शुक्ला एवं विशिष्ट अतिथि बीएचयू के करियर डेवलपमेन्ट सेंटर के स्टूडेंट काउन्सलर नित्यानंद तिवारी रहें।

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Workshop on guidance & counceling: कार्यक्रम के आरंभ में एम एड की छात्रा मेधा चतुर्वेदी ने मंगलाचरण का पाठ किया। संगीत विभाग की छात्राओं ने मधुर स्वर में कुलगीत प्रस्तुत की। महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो.अलका सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए आयोजक मंडल को बधाई दीं। आपने विषय की गंभीरता का उल्लेख करते हुए कहा कि, शिक्षा के साथ-साथ गाइडेंस और काउन्सलिंग समय की मांग हैं। इसके माध्यम से विद्यार्थियों में बढ़ते टेंशन एवं डिप्रेशन को काफी हद तक कम किया जा सकता हैं।

Workshop on guidance & counceling: इस पंचदिवसीय महत्वपूर्ण कार्यशाला के आयोजन संबंधी विषय-वस्तु की संक्षिप्त जानकारी दिया डॉ.अमृता कात्यायनी ने। मुख्य अतिथि प्रो.पी.सी.शुक्ला का परिचय विभागाध्यक्षा प्रो.सुजाता साहा ने दिया। मुख्य अतिथि प्रो.पी.सी.शुक्ला ने कार्यशाला का उद्घाटन भाषण देते हुए इसकी उपयोगिता एवं महत्ता पर प्रकाश डाला।

Workshop on guidance & counceling: आपने परामर्श संबंधी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की, साथ ही साथ बताया कि जब तक साधारण बर्ताव प्रभावित नहीं होता तब तक परामर्श की आवश्यकता नहीं पड़ती…. आजकल भारत में विद्यार्थियों में सर्वाधिक गुस्से और तनाव की स्थिति बढ़ गई हैं, जो उचित परामर्श न मिलने के कारण उनमें आत्महत्या जैसेे भावनाओं को जन्म दे रहे हैं।

प्रोफेसर शुक्ला ने अपने व्यावसायिक जीवन में परामर्श संबंधी विभिन्न अनुभवों को साझा किया और कहा- बच्चों को कहने की जगह तथा परामर्शदाता को सुनने की वजह चाहिए…. इत्यादि। इस अवसर पर छात्राओं द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों के आशातित उत्तर और सुझाव दिए गए। प्रो.पी.सी.शुक्ला का धन्यवाद ज्ञापन उनकी पूर्व छात्रा रही प्रो.सुजाता साहा ने किया।

बी.एड.चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राओं द्वारा परामर्शदाता और परामर्शप्रार्थी के संबंध नामक विषय पर वीडियो फिल्म प्रस्तुत किया गया। डॉ.पूनम श्रीवास्तव ने विशिष्ट अतिथि नित्यानन्द तिवारी का परिचय दिया। अपने उद्बोधन में नित्यानंद तिवारी का करियर निर्देशन और परामर्श नामक विषय पर व्याख्यान हुआ। उन्होंने छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का यथोचित उत्तर दिया।

कार्यशाला का सफलता पूर्वक संचालन डॉ संगीता मारक ने तथा धन्यवाद ज्ञापन मनोविज्ञान विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.वेद प्रकाश रावत ने दिया।

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