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Vibrant Gujarat-Vibrant Kutch: कच्छ जिले में आज करोड़ों रुपए से अधिक का निवेश कार्यान्वित…

  • कच्छ के कंडला तथा मुंद्रा बंदरगाह मिलकर देश के कुल कारगो का 30 प्रतिशत हैंडल करते हैं
  • कच्छ में आयोजित होने वाला रणोत्सव विश्वभर के पर्यटकों के लिए सर्वाधिक आकर्षण

Vibrant Gujarat-Vibrant Kutch: भूकंप से पहले केवल 2500 करोड़ रुपए के निवेश के समक्ष आज कच्छ जिले में 1,40,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कार्यान्वित

गांधीनगर, 20 अक्टूबर: Vibrant Gujarat-Vibrant Kutch: मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में गुजरात में आगामी जनवरी महीने में आयोजित होने वाली वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट 2024 के भाग के रूप में हाल में राज्यभर में ‘वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट डिस्ट्रिक्ट’ कार्यक्रम चल रहा है। इसके अंतर्गत राज्य के 33 ज़िलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।

इसी क्रम में गत 10 अक्टूबरॉ को राज्य के कच्छ जिले में ‘वाइब्रेंट गुजरात-वाइब्रेंट कच्छ’ कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में 1500 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान 3370 करोड़ रुपए के 139 MoU हुए। गुजरात के कच्छ जिला आज अनेक प्रकार की औद्योगिक इकाइयों की उपस्थिति से गतिशील है और राज्य सरकार द्वारा वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट के आयोजनों के कारण पिछले 20 वर्षों में कच्छ जिले ने करोड़ों रुपए का निवेश आकर्षित किया है।

22 वर्ष पहले 26 जनवरी, 2001 को आए भीषण भूकंप ने कच्छ में बहुत भारी विनाश किया था। उस समय गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री तथा भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कच्छ जिले और वहाँ बसने वाले लोगों के उत्थान के लिए सक्रिय प्रयास शुरू किए। उनके दूरदर्शितापूर्ण नेतृत्व में कच्छ के विकास के लिए विभिन्न पहलों व योजनाओं को लागू किया गया और कच्छ का आर्थिक कायाकल्प होना शुरू हुआ। इसमें नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आज गुजरातियों के समक्ष एक नया ही कच्छ साकार हुआ है, जहाँ अनेक औद्यगिक इकाइयाँ स्थित हैं। भूकंप से पहले कच्छ में 2500 करोड़ रुपए का निवेश था, जिसके समक्ष आज जिले में 1,40,000 करोड़ रुपए से भी अधिक का निवेश कार्यान्वित है और हर वर्ष जिले में अधिकाधिक निवेश आ रहा है। कच्छ जिले में स्थापित उद्योग हाल में 3.5 लाख से अधिक कामगारों को रोज़गार प्रदान कर रहे हैं।

विभिन्न प्रकार के उद्योगों से गतिशील है कच्छ जिला

कच्छ जिले के दूरस्थ पश्चिम कोने में अल्ट्राटेक सिमेंट तथा सांघी सिमेंट के प्लांट्स स्थित हैं, जो विश्व के सबसे बड़े सिमेंट प्लांट्स में एक हैं। कच्छ जिला सबमर्ज्ड आर्क वेल्डिंग पाइप उत्पादन क्षमता की दृष्टि से विश्व का दूसरा सबसे बड़ा हब है। वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड, जिंदल सॉ लिमिटेड, रत्नमणि मेटल्स एंड ट्यूब्स लिमिटेड आदि जैसी बड़े स्तर की इकाइयाँ ज़िले में स्थित हैं।

कच्छ में विश्व का दूसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल प्लांट यानी वेलस्पन इंडिया लिमिटेड का प्लांट स्थित है, जो मुख्यत: पश्चिमी देशों में निर्यात करता है। कच्छ में जिला मुख्यालय भुज में BKT की विशाल कृषि एवं औद्योगिक टायर निर्माता इकाई स्थित है।

कंडला SEZ और मुंद्रा SEZ

देश के निर्यात को वेग देने वाले दो महत्वपूर्ण विशेष आर्थिक अंचल (स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन यानी SEZ) कच्छ जिले में कार्यरत हैं। कच्छ स्पेशल इकोनॉमिक जोन (KASEZ) एशिया में पहला और भारत में प्रमुख मल्टी-प्रोडक्ट स्पेशल इकोनॉमिक जोन में एक है।

KASEZ का भौतिक निर्यात वित्तीय वर्ष 1996-97 में 7 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्तीय वर्ष 2021-22 में 9172 करोड़ रुपए हुआ है। हाल में KASEZ में 316 ऑपरेशनल इकाइयाँ हैं, जिनमें देश के लगभग 10 प्रतिशत कार्यकारी SEZ हैं। अकेला KASEZ 28,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोज़गार का सृजन करता है और SEZ से लगभग 30 प्रतिशत निर्यात पूरे भारत में करता है।

कच्छ के मुंद्रा स्थित अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड भारत का सबसे बड़ा मल्टी-प्रोडक्ट पोर्ट आधारित SEZ है, जिसमें हाल में 67 इकाइयाँ कार्यरत हैं। मुंद्रा पोर्ट वित्तीय वर्ष 2021-22 में 150.24 मैट्रिक टन (MT) कारगो हैंडल कर भारत के किसी भी पोर्ट पर कारगो हैंडल करने के मामले में प्रथम स्थान पर है। जिले के कंडला तथा मुंद्रा बंदरगाह मिलकर आज देश के कुल कारगो का 30 प्रतिशत हैंडल कर रहे हैं।

देश में उत्पादित कुल नमक का 30 प्रतिशत उत्पादन कच्छ जिले में

औद्योगिक उपयोग तथा खाद्य उपभोग के लिए देश में उत्पादित कुल नमक का 30 प्रतिशत यानी अनुमानित 200 लाख मैट्रिक टन वार्षिक नमक उत्पादन कच्छ में होता है। जिले में 30 से अधिक खाद्य नमक की रिफ़ाइनरियाँ हैं, जो फ़्री-फ़्लो आयोडाइज़्ड नमक बनाती हैं। इसके अतिरिक्त; कच्छ जिले में ब्रोमीन का उत्पादन करने वाली इकाइयाँ स्थित हैं, जो हाल में वार्षिक अनुमानित 37,000 मैट्रिक टन ब्रोमीन का उत्पाद करती हैं।

साथ ही जिले में स्थित अदाणी विल्मार, कारगिल, बंज आदि जैसी खाद्य तेल रिफाइनरियाँ खाद्य तेल का प्रसंस्करण (प्रोसेसिंग) करती हैं। जिले में स्पॉन्ज आयरन, टीएमटी बार, इंगोट तथा अन्य स्टील उत्पादों का उत्पादन करने वाले कई स्टील प्लांट्स हैं। इसके अतिरिक्त; जिले में बेंटोनाइट एवं ब्लीचिंग मिट्टी के उत्पादक भी हैं।

कच्छ का हैंडीक्राफ़्ट क्षेत्र

कच्छ जिला समग्र देश में अपनी अद्भुत कलाकृतियों के लिए विख्यात है। कच्छ की लगभग 20 कलाएँ आइडेंटिफाइड कलाएँ हैं और हाल में 2 कलाएँ (कच्छी शॉल तथा कच्छी एम्बॉइडरी) को GI टैग प्राप्त है। कच्छ में हर साल नवंबर से फ़रवरी यानी चार महीनों के लिए आयोजित होने वाला रणोत्सव आज विश्वभर के पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र बना है, जिसके कारण कच्छ के पर्यटन क्षेत्र को वेग मिला है।

इसके चलते कच्छ के हैंडीक्राफ़्ट्स के स्थानीय कलाकारों को विशाल बाजार एवं आर्थिक लाभ मिल रहे हैं। फलस्वरूप पिछले कुछ वर्षों में कच्छ में पंजीकृत कारीगरों की संख्या में निरंतर वृद्धि हुई है। हाल में जिले में 25,000 से अधिक पंजीकृत कारीगर हैं। केन्द्र सरकार की ‘एक जिला एक उत्पाद’ (वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट यानी ODOP) योजना के अंतर्गत इस क्षेत्र को औपचारिक बनाने और निर्यात को वेग देने का प्रयास किया जा रहा है।

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