Varanasi Navratri mahotsav: राजेंद्र प्रसाद घाट पर आयोजित नवरात्रि महोत्सव में माँ दुर्गा को समर्पित संगीत निशा से माहौल हुआ दुर्गामय
Varanasi Navratri mahotsav: लोगों की आस्था ऐसी जगी मानो साक्षात किसी देवी दरबार में हाजिरी लगा रहे हों
- गंगा तट पर निकली रस गंगा
- राकेश तिवारी के देवी गीतों ने समा बाँध दिया
- डॉ. जया राय के नृत्य ने खूब तालियां बटोरी
- हम भक्तों के भवन बिराजे…..
- 07 से 15 अक्टूबर तक शिव की नगरी में प्रथम बार मनाया जा रहा है नवरात्रि महोत्सव
रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 09 अक्टूबर: Varanasi Navratri mahotsav: डॉ राजेन्द्र प्रसाद घाट पर चल रहे नवरात्रि महोत्सव की दूसरी सांस्कृतिक संध्या पर गायक कलाकार आनंद किशोर मिश्र व राकेश तिवारी ने अपने देवी गीतों की प्रस्तुति कर गंगा तट पर स्वर गंगा प्रवाहित की। कार्यक्रम के प्रारम्भ में युवा सितार वादक नीरज मिश्र के सितार से निकली झंकार ने सभी को आह्लादित किया। इसके बाद आनंद किशोर मिश्र ने अपने भजनों को गंगा व देवी दुर्गा को समर्पित किया।इसी क्रम में गायक राकेश तिवारी ने हम भक्तों के भवन बिराजे, पूर्ण हमारे काज करें व जय दुर्गे जगदम्बे भवानी मंगल करणी हरणी दयानी को अपने मुक्त कंठ से गाकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। लोगों की आस्था ऐसी जगी मानो साक्षात किसी देवी दरबार में हाजिरी लगा रहे हों।
इससे पूर्व पर्यटन विभाग, आश्रय सेवा संस्थान व सुबह ए बनारस के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस नव दिवसीय नवरात्रि महोत्सव (Varanasi Navratri mahotsav) की दूसरी संध्या का उत्तर प्रदेश के पर्यटन, संस्कृति, धर्मार्थ कार्य एवं प्रोटोकॉल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ0नीलकंठ तिवारी व डॉ वीरेंद्र प्रताप सिंह, डॉ रत्नेश वर्मा, दीपक मिश्रा महन्त शंकरपुरी ने दीप प्रज्ज्वलन कर शुभारम्भ किया। मंत्री डॉ0 नीलकंठ तिवारी ने मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि शिव की नगरी काशी में पहली बार नवरात्रि महोत्सव का आयोजन किया गया है। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यटकों में वृद्धि के साथ- साथ स्थानीय स्तर पर नवरात्रि महोत्सव का महत्व विख्यात होगा।
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इस महोत्सव का उद्देश्य जनपद वाराणसी में नवरात्रि (Varanasi Navratri mahotsav) के अवसर पर अधिक से अधिक पर्यटकों को आकर्षित करना एवं स्थानीय कलाकारों को मंच प्रदान करना है। जिससे यहां की कला, संस्कृति को बढ़ावा मिले एवं पर्यटन का विकास हो। काशी समस्त देवी देवताओं की नगरी है। काशी के लोग हर छोटे से छोटे पर्व को भी उल्लास से मनाते हैं। काशी में आने वाले पर्यटक के साथ साथ स्थानीय श्रोतागण यहां के कार्यक्रमों को हृदय में संजोते हैं तथा अन्य लोगों को बताते भी हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय मे उत्तर प्रदेश सरकार धार्मिक व पर्यटन विषय को बढ़ावा देने हेतु कई कार्यक्रम कर रही है।
इसके उपरांत काशी में विभिन्न क्षेत्रों में अपनी विशिष्ट पहचान स्थापित करने वाली विभूतियों का अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह प्रदान कर मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी द्वारा सम्मानित किया गया। जिसमें साहित्यिक कवि सुदामा तिवारी “सांड़ बनारसी”, व्यापारी नेता सुरेश तुलस्यान, वैदिक विद्वान वेंकटरमन घनपाठी, काशी विद्वत परिषद के रामनारायण द्विवेदी, अधिवक्ता राम अवतार पांडेय, शिवदत्त द्विवेदी, डॉ.शिव कुमार जायसवाल, अजय द्विवेदी, डॉ अजय जायसवाल, रवि जायसवाल, डॉ. रेवती साकलकर, डॉ.आकांक्षा सिंह, डॉ. ऋतु गर्ग, डॉ.निशा सिंह, सौम्या धरण, पूर्व पार्षद ऊषा तिवारी, स्मिता पाटिल, डॉ.ममता सिंह, रेखा पारिख, अर्चना त्रिवेदी, डॉ पुष्पा जायसवाल, ममता जायसवाल आदि थे।
Varanasi Navratri mahotsav: कार्यक्रम का संयोजन सुबह ए बनारस के प्रमोद कुमार मिश्रा, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव व व पवन शुक्ला ने किया। संचालन डॉ.प्रीतेश आचार्य ने किया। इस अवसर पर डॉ आलोक श्रीवास्तव, मनोज सिंह काका, साधना वेदांती, नलिन नयन मिश्र, सुनील शुक्ला, गोपाल गुप्ता, संदीप चौरसिया, अनूप जायसवाल, रमेश तिवारी आदि उपस्थित थे।
सांस्कृतिक संध्या में डॉ जया राय के निर्देशन में युवा कथक कलाकारों ने महिषासुर मर्दिनी स्वरूप पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया। बनारस घराने के प्रतिनिधि युवा कलाकार अभिषेक मिश्र एवं शिवांग मिश्र के प्रिय बंधु ने सितार की मनमोहक जुगलबन्दी पेश कर सभी आनंद प्रदान किया।
नवरात्रि महोत्सव के तीसरे दिन आयोजित इस सांस्कृतिक कार्यक्रम निशा में शनिवार को अंशुमान महाराज सरोद, गणेश पाठक एवं व्यास जी मौर्य द्वारा गायन तथा सुनिधि पाठक द्वारा नृत्य से मां दुर्गा को समर्पित प्रस्तुति की जायेगी।