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Rudra Pratap Singh: सहकारिता आंदोलन के लोकप्रिय जन नेता रूद्र बाबू नहीं रहे

Rudra Pratap Singh: मिर्ज़ापुर के मंझवा से दो बार विधायक और मुलायम सरकार में मंत्री रहे रूद्र प्रताप सिंह

रिपोर्ट : डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 23 मई:
Rudra Pratap Singh: पूर्वी उत्तर प्रदेश में सहकारिता आंदोलन के शलाका पुरुष और पूर्व मंत्री रूद्र प्रताप सिंह नहीं रहे .वे 87 वर्ष के थे इनके जाने से पूर्वांचल ने न केवल एक लोकप्रिय जन नेता को खोया बल्कि सहकारिता आंदोलन की भी अपूरणीय क्षति हुई है.

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मूलतः रामपुर कैलहट ,चुनार जिला मिर्ज़ापुर के रहने वाले रूद्र बाबू को सहकारिता के क्षेत्र में कार्य करने की प्रेरणा अपने पिताजी से मिली थी .इनके पिताजी बाबू गिरिजा शंकर सिंह जी आजादी की संग्राम में प्रमुख सेनानियों में एक थे . गिरिजा बाबू ने पराधीन भारत में ही समाज के दबे , कुचले ,असहाय लोगो और गरीब किसानो की मदद हेतु सहकारिता को माध्यम बनाया . आम जनता ने भी इनका बखूबी साथ दिया .गिरिजा बाबू के संरक्षण में उनके पुत्र रूद्र प्रताप सिंह (Rudra Pratap Singh) ने समाज सेवा का व्रत लिया और युवा काल से ही सहकारिता के माध्यम से किसानो और गरीबों के हर संभव मदद मे तल्लीन हो गए .

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गिरिजा बाबू की छत्रछाया और रुद्रप्रताप सिंह (Rudra Pratap Singh) की समाज सेवा और सहकारिता के प्रति लगनशीलता ने उन्हें जन जन में लोकप्रिय बना दिया . इनकी लोकप्रियता ने ही 80 के दशक में पूर्वांचल में कांग्रेस के बटबृक्ष , पंडित कमलापति त्रिपाठी के पुत्र और उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री लोक पति त्रिपाठी को मंझवा विधानसभा सभा क्षेत्र से हराया .

रूद्र बाबू को कांग्रेस ने उनकी प्रतिभा के अनुसार सम्मान नहीं दिया . 1988 में जब वी पी सिंह , राम धन , आरिफ मोहम्मद खां , अरुण नेहरू , संजय सिंह ने कांग्रेस से अलग होकर जनमोर्चा का गठन किया ,तब रूद्र बाबू ने जनमोर्चा को पूर्वांचल में मजबूती प्रदान किया था .उनके मेहनत और जन लोकप्रियता के कारण ही 1989 के चुनाव में उन्हें मंझवा क्षेत्र से जनता दल का टिकट मिला. इस बार उन्होंने फिर जीत हासिल किया और मुलायम सिंह यादव के प्रथम मुख्यमंत्रित्व काल में रूद्र बाबू मंत्री बनाये गए .आजीवन जन सेवा को अपना मूल मंत्र मानने वाले रूद्र बाबू ने राजनीति में ईमानदारी और सदाचारिता की उच्च माप दंड स्थापित किया .

उनके निधन पर मिर्ज़ापुर की सांसद अनुप्रिया पटेल ने गहरा शोक प्रकट किया और उन्हें सहकारिता जगत का पुरोधा बताया . वाराणसी में रूद्र बाबू से जुड़े पारिवारिक , राजनैतिक और सामाजिक संगठन के लोगो ने उनके निधन पर अपनी हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की है . शोक संवेदना व्यक्त करने वालो में प्रेम प्रकाश नारायण सिंह , सुरेश सिंह , सदानंद राय , गोपाल राय , नरेन्द्र सिंह , राम नारायण सिंह , अखिलेश सिंह , अमित सिंह , डॉ संजय राय , अविनाश सिंह, कौशल सिंह , अतुल राय , के . यन .राय , अनिल राय , अरविन्द राय , शिव मुनि राय आदि प्रमुख रहे .

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