Phoolo jhano aashirwad abhiyan

Phoolo jhano aashirwad abhiyan: हड़िया-दारू बेचनेवाली बहनों को फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से मिल रहा सम्मानजनक जीवन

Phoolo jhano aashirwad abhiyan: इस अभियान की वजह से हजारों महिलाओं की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है

रांची, 27 अक्टूबरः Phoolo jhano aashirwad abhiyan: फूलो-झानो आशीर्वाद अभियान से जुड़कर झारखण्ड की हजारों महिलाओं की जिंदगी में बड़ा बदलाव आया है। पहले जो महिलाएं आर्थिक मजबूरियों की वजह से सड़क किनारे बैठकर हड़िया और शराब बेचती थीं उन्हें अब रोजगार के सम्मानजनक कार्यों से जोड़ा जा रहा है।

Phoolo jhano aashirwad abhiyan: गौरतलब है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश के बाद गरीबी की वजह से हडिया दारू बेचनेवाली महिलाओं को इन कामों से मुक्ति दिलाया जा रहा है। उन्हें सम्मान के साथ दूसरे रोजगार से जोड़ा जा रहा है। अब महिलाएं बकरी पालन, बतख पालन, मुर्गी पालन सहित अन्य व्यवसायों से जुड़ रही है।

चाय नाश्ते के साथ किराना दुकान भी चला रही है बोकारो की अंजू देवी

इस योजना की सफलता की सैकड़ों कहानियां है। ऐसी ही कहानी बोकारो के पेटरवार प्रखंड की अंजू देवी की है। अंजू देवी परिवार का भरण पोषण करने के लिए गांव में ही हड़िया बेचती थी। उसका पति मजदूरी करता है पर रोज मजदूरी नहीं मिलने से परिवार को आर्थिक संकटों का सामना करना पड़ता था। अंजू यह काम छोड़ना चाहती थी।

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अंजू सखी मंडल से जुड़ी है जहां से उसे 10,000 रुपये का ऋण मिला। इससे उसने चाय-नाश्ते की दुकान खोली। जब दुकान में ग्राहकों की भीड़ बढ़ी तो अंजू को समूह से दोबारा 20,000 रुपये का ऋण लिया। उसने चाय दुकान के बगल में किराना (राशन) की दुकान खोल ली। अब उसे प्रतिदिन 400 से 500 रुपये की आमदनी हो जाती है।

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गाय और बकरी पालन से जुड़ी गुड़िया देवी

एक और प्रेरक कहानी हजारीबाग जिले के दारू प्रखण्ड के अन्तर्गत रचंका गांव की निवासी गुड़िया देवी की है। गुड़िया देवी खराब आर्थिक स्थिति के कारण हड़िया बेचने पर मजबूर थी। घर काफी मुश्किल से चल पाता था। जरूरत पड़ने पर गांव के महाजन एवं माईक्रो फाइनांस से ऋण लेना पड़ता था। ऐसे ही समय में गुड़िया देवी जेएसएलपीएस के माध्यम से गुलाब आजीविका महिला समूह से जुड़ी। जेएसएलपीएस से गुड़िया को क्षमतावर्धक प्रशिक्षण में शामिल होने का मौका मिला।

बता दें कि फूलो झानों आर्शीवाद अभियान के तहत महिलाओं की काउंसेलिंग कर हड़िया-दारू की बिक्री छोड़ने के लिए प्रेरित किया जाता है। गुड़िया देवी ने भी काउंसेलिंग के बाद हड़िया बेचने का काम बंद कर दिया। उसने घर पर ही गाय और बकरी पालन का काम शुरू किया। उसे 15,000 रुपये का लोन मिला। लोन से गुड़िया देवी ने गाय और बकरी खरीदी। अब गुड़िया देवी गाय तथा बकरी का दूध बेचकर परिवार का पालन अच्छे से कर रही है।

जंजी के जीवन में आया बदलाव

फूलो झानो आशीर्वाद अभियान से जुड़कर गोड्डा जिले के महागामा प्रखंड स्थित महादेव बथान गांव की निवासी जंजी कुमारी की जिंदगी में भी सकारात्मक बदलाव आया है। जंजी ने इंटर तक पढ़ाई की है। पति बेरोजगार था इसलिए जंजी कुमारी को मजबूरी में हड़िया बेचकर परिवार चलाना पड़ता था। इसके बाद जंजी कुमारी गुलाब आजीविका सखी मंडल से जुड़ी। वह समूह की सक्रिय सदस्यों में से एक थी।

जेएसएलपीएस से उसने समूह संचालन और लेखांकन पर प्रशिक्षण लिया। समूह से उसे ऋण मिला जिसके बाद उसने घर पर ही चाय नाश्ता की दुकान खोली है। जंजी नहीं चाहती है कि उसके बच्चे हड़िया दारू बेचने के कारोबार से जुड़े इसलिए उसने हड़िया की बिक्री पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है। वह नशे के खिलाफ जागरुकता अभियान से भी जुड़ी है। अब जंजी कुमारी की जिंदगी खुशहाली और सम्मान के साथ कट रही है।

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