2e70fc5c c7e7 415c b0cf 49fc665d79c3

Mau filariasis eradication workshop organized: मऊ में फाइलेरिया उन्मूलन पर कार्यशाला आयोजित

Mau filariasis eradication workshop organized: कार्यशाला में स्वास्थ्य विभाग के साथ फाइलेरिया मरीजों ने भी किया प्रतिभाग

मऊ, 02 फरवरीः Mau filariasis eradication workshop organized: फाइलेरिया उन्मूलन अभियान (Mau filariasis eradication workshop organized) के तहत मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभा कक्ष में सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा अधिकारियों, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के लिए कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें फाइलेरिया से ग्रसित मरीजों के उपचार और देखभाल पर चर्चा की गयी। फाइलेरिया प्रभावित अंगों की सही तरीके से साफ-सफाई का प्रदर्शन भी किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ श्याम नारायण दुबे ने बताया कि फाइलेरिया (Mau filariasis eradication workshop organized) को रोकने के लिये दवा का सेवन ही एकमात्र उपाय है। लोग किसी भी तरह की भ्रामक बातों और अफवाहों से बचें और दवा का सेवन वर्ष में एक बार जरूर करें। चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने क्षेत्रों में फाइलेरिया को लेकर लोगों को जागरूक करें।

पाथ संस्था की परामर्शदाता डॉ सुचिता शर्मा ने फाइलेरिया (Mau filariasis eradication workshop organized) ग्रसित मरीजों की देखभाल और साफ-सफाई का प्रदर्शन किया। शरीर के जिस भी अंग में फाइलेरिया है, उसकी नियमित आसानी से उपलब्ध हो जाने वाले सामान्य नल या हैंडपंप के जल से साफ-सफाई बेहद जरूरी है। इससे त्वचा के ऊपरी हिस्सों में संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

फाइलेरिया से प्रभावित अंगों में चोट लगने का खतरा भी ज्यादा होता है ऐसी स्थिति में मरीज की तकलीफ भी बढ़ जाती है। फाइलेरिया के मरीजों को मुलायम तल्ले वाले चप्पल पहनना चाहिये, कठोर पहनने से व रगड़ने से जख्म हो जाने की संभावना हो जाती है जो ऐसे मरीजों के लिये तकलीफदेह होता है।

क्या आपने यह पढ़ा…… CR EMU service: मध्य रेल पर ईएमयू (उपनगरीय) सेवा के गौरवशाली 97 वर्ष पूर्ण

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बीके यादव ने बताया कि साफ-सफाई के लिये मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निःशुल्क किट भी दी गई है।  प्रत्येक सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर किट जिले से भेजी गई है। वहां पर भी रोगियों को बुलाकर प्रशिक्षण के साथ किट बांटी जायेगी । प्रबन्धन और दिव्यांगता निवारण पर चर्चा करते हुए कुछ मरीजों पर डेमो (प्रदर्शन) भी दिखाया गया।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, वेक्टर वार्न डॉ आरबी सिंह ने बताया कि गत वर्ष 22 नवम्बर से 07 दिसम्बर तक चले सामूहिक दवा सेवन (एमडीए राउंड) कार्यक्रम की समीक्षा की गई। इसमें ब्लाकवार आंकड़ों का मूल्यांकन हुआ । भविष्य की भी योजना बनाई गयी। फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को इलाज के तहत 12 दिन तक दवा सेवन करना है। प्रथम वर्ष में चार बार तीन-तीन माह पर, दूसरे वर्ष में तीन बार चार-चार माह पर एवं तीसरे साल में दो बार छः-छः माह पर दवा का सेवन नियमित रूप से करना है। 

जिला मलेरिया अधिकारी बेदी यादव ने बताया कि संक्रमण के बाद लक्षण दिखने में कई वर्ष लग जाते हैं। तब तक लसिका तन्त्र क्षतिग्रस्त हो जाता है। इसलिये फाइलेरिया की रोकथाम और जल्द पता लगाने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये चिकित्सा कर्मचारियों को संवेदीकृत किया गया है। कार्यशाला में समस्त अधीक्षक, स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी, मलेरिया निरीक्षक एवं अन्य कर्मचारीगण मौजूद रहे।

Hindi banner 02