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Machine tool design: आईआईटी बीएचयू को मिली मशीन टूल डिजाइन की मंजूरी

Machine tool design: भारी उद्योग मंत्रालय के तहत वाराणसी में स्थापित होंगी मशीन टूल्स डिजाइन की उत्कृष्टता केंद्र

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 25 नवंबरः Machine tool design: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (काशी हिन्दू विश्वविद्यालय) में मशीन टूल डिजाइन पर उत्कृष्टता केंद्र को भारी उद्योग मंत्रालय ने मंजूरी दी है। भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में एक उद्योग भागीदार के रूप में एचएमटी मशीन टूल्स लिमिटेड के साथ सेंटर ऑफ एक्सलेन्स की स्थापना की जा रही है। जो भारतीय कैपिटल गुड्स सेक्टर, फेज-II में प्रतिस्पर्धा विस्तार के भारत सरकार की योजना के अधीन है।

मालूम हो कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान देश की प्रमुख तकनीकी संस्थानों में से एक है। इसकी स्थापना के बाद से उच्च शैक्षणिक मानकों को बनाए रखा गया है। संस्थान के सैकड़ो पूर्व छात्रों ने इंजीनियरिंग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई है। इसी तरह, एचएमटी मशीन टूल्स लिमिटेड, भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के प्रशासनिक नियंत्रण में, धातु काटने और धातु बनाने की मशीन टूल्स और उपकरणों के निर्माण और बिक्री व्यवसाय करने में लगी हुई है।

एचएमटी मशीन टूल्स लिमिटेड ने कई महत्वपूर्ण मशीनों के लिए ऑर्डर निष्पादित किए हैं और रणनीतिक क्षेत्र से प्रतिष्ठित ऑर्डर प्राप्त किए हैं। यह उम्मीद की जाती है कि आईआईटी (बीएचयू) जैसे अकादमिक संस्थान और प्रतिष्ठित उद्योग, एचएमटी के बीच सहयोग “मेक इन इंडिया” की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान होगा।

अधिष्ठाता, अनुसंधान एवं विकास प्रोफेसर विकाश कुमार दुबे ने बताया कि, पिछले कुछ महीनों के दौरान योजना और निर्माण की धारणा को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में निदेशक, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी, प्रो. प्रमोद कुमार जैन के नेतृत्व में और उद्योग भागीदार, एचएमटी मशीन टूल्स लिमिटेड के साथ संयुक्त रूप से कई बैठकें आयोजित की गईं।

कुछ बैठकों में भारी उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के संकाय सदस्यों और विशेषज्ञों ने संस्थान में मशीन टूल्स डिजाइन पर उत्कृष्टता केंद्र की आवश्यकता के साथ-साथ इस उत्कृष्टता केंद्र द्वारा संबोधित किए जाने वाले रुचि के क्षेत्रों की पहचान करने पर चर्चा की।

उन्होने आगे बताया कि सीओई का लक्ष्य पूंजीगत सामान क्षेत्र में वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाना है और अनुसंधान और विकास गतिविधियों में शामिल उद्योग भागीदारों, आईआईटी (बीएचयू) वाराणसी के प्रतिष्ठित अकादमिक का उपयोग करके पूंजीगत सामान क्षेत्र में आर एंड डी गतिविधियों का विस्तार करना है। सीओई द्वारा पूंजीगत सामान क्षेत्र के प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की जाएगी।

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भारतीय विनिर्माण उद्योग ने पिछले पांच दशकों में सीएनसी मशीनों और अन्य उन्नत मशीनरी सहित मशीन टूल्स की एक विस्तृत श्रृंखला का उत्पादन करते हुए एक लंबा सफर तय किया है। हालांकि, विनिर्माण उद्योग में नवीनतम तकनीक को बनाए रखने और दुनिया में बेहतरीन के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक ठोस आर एंड डी कार्यक्रम का अभाव है।

इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने संस्थान को अपनी प्रतिष्ठित रक्षा कॉरिडोर परियोजना में एक प्राथमिक नॉलेज पार्टनर नामित किया है, और संस्थान ने उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईआईडीए) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। रक्षा उत्पादों से संबंधित कई कंपनियां और स्टार्ट-अप रक्षा से संबंधित उत्पादों में भाग ले रहे हैं।

संस्थान के अधिष्ठाता (आर एंड डी), प्रो. विकास कुमार दुबे ने कहा कि मशीन टूल्स डिज़ाइन पर यह उत्कृष्टता केंद्र इन कंपनियों को रक्षा कॉरिडोर परियोजना को बढ़ावा देने के लिए घटकों/मशीनों के निर्माण, परीक्षण और संयोजन में भी पूरा करेगा।

इसके अलावा, संस्थान में दो सेक्शन 8 कंपनियां काम कर रही हैं, I3F फाउंडेशन और DST समर्थित I-DAPT हब फाउंडेशन, जो इनक्यूबेशन और स्टार्ट-अप का समर्थन करते हैं। नया सीओई मौजूदा दो सेक्शन 8 कंपनियों के साथ संस्थान में एक मजबूत स्टार्ट-अप और इनक्यूबेशन इकोसिस्टम स्थापित करेगा।

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