Legal awareness camp

Legal awareness camp: तहसील सदर में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं थीम पर आधारित विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ

Legal awareness camp: जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद लता त्रिपाठी के दिशा निर्देशन मे हुआ आयोजन

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 15 सितंबरः Legal awareness camp: उ.प्र. राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के राज्य कार्य योजना 2021-22 व जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश के आदेशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव कुमुद लता त्रिपाठी के दिशा निर्देशन में आज बुधवार को तहसील सदर में विधिक जागरूकता कार्यक्रम सोशल डिस्टेसिंग एवं Covid-19 के बचाव हेतु शासन द्वारा जारी गाइडलाइन का नियमानुसार पालन करते हुए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं With Special Reference to PCPNDT Act 1994, Provision and benefits of ADR mechanism with special reference to Mediation and Lok Adalat, awareness about the plea-bargaining, rights of senior citizen, rights of disaster-victims and victims of Covid-19 की थीम पर आधारित विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।

Legal awareness camp: इस अवसर पर विधिक सचिव कुमुद लता त्रिपाठी द्वारा प्लीबारगेनिंग, सीनियर सिटीजन के अधिकार व कानून तथा कोरोना काल के पीड़ितो के अधिकार तथा व कानून एवं उनके लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर विस्तार से जानकारी दी गयी, एवं साथ-साथ विधिक सचिव द्वारा घरेलू हिंसा कानून के विस्तार से चर्चा करते हुए शिविर मे आये हुए महिलाओं और व्यक्तियो की समस्यायों को सुनते हुए उसका निराकरण करने का भी प्रयास किया गया।

Legal awareness camp: विधिक सचिव द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा दी जाने वाली निःशुल्क विधिक सहायता एवं उ.प्र. पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना के बारे में विस्तार से बताते हुए विधिक सेवा प्राधिकरण केन्द्र पर स्थापित मीडियेशन सेन्टर के बारे में भी बताया गया कि किस प्रकार यहां मध्यस्थ के माध्यम से लोक अपने मुकदमों को सुलह समझौते के आधार पर निस्तारित करा सकते है एवं साथ ही साथ विधिक सचिव द्वारा बताया गया कि समय समय पर होने वाले लोक अदालतो मे कैसे अपने मामलो का निस्तारण सुलह समझौते के आधार पर करवाया जा सकता है। इसके निर्णय अन्तिम रूप से दोनो पक्षो पर बाध्यकारी होते है। दोनो ही पक्ष निर्णय से संन्तुष्ट रहते है।

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लोक अदालतो के आदेशो की कोई अपील भी नही होती। इस प्रकार इन निर्णय मे संतुष्टि कारक अन्तिमता होती है और विवाद का अंत होता है। इन्ही बातों को और लोक अदालत के लाभो को बताते हुए विधिक सचिव द्वारा आगामी माह मे होने वाली राष्ट्रीय लोक अदालत जो कि 11 दिसम्बर को आयोजित होने वाली है के प्रति भी आमजन को जागरूक किया गया। विधिक सचिव द्वारा उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया तथा अनुसूचित जाति अनुसूचित जन-जाति के बच्चो को कोविड-19 से बचाव के बारे मे भी जागरूक किया गया।

उक्त अवसर पर नंद किशोर कलाल उप जिलाधिकारी सदर, शैलेन्द्र कुमार वर्मा एस.डी.एम. ट्रेनिंग, निर्भय भास्कर सुलह समझौता अधिकारी सदर ने निःशुल्क विधिक सहायता के संबंध में अपने-अपने विचार व्यक्त किये। डॉ. अनिश बनर्जी एडवोकेट द्वारा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की कार्यशैली तथा निःशुल्क विधिक सहायता से संबंधित प्राविधानो के बारे मे अपने-अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम के अंत में निर्भय भास्कर सुलह समझौता अधिकारी सदर, वाराणसी द्वारा धन्यवाद ज्ञापन किया गया। उक्त अवसर पर मीडिया कर्मी व आमजन उपस्थित रहें।

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