Kasi tamil sangamam

Kasi tamil sangamam: बीएचयू में चल रहे काशी तमिल संगमम का हुआ समापन

  • “काशी-तमिल संगमम” ने काशी में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार कर दिया है- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

Kasi tamil sangamam: “काशी-तमिल संगमम” भारत की दो महान सांस्कृतिक धरोहरों का अद्भुत संगम है- केंद्रीय गृह मंत्री

रिपोर्टः डॉ राम शंकर सिंह

वाराणसी, 16 दिसंबर: Kasi tamil sangamam: उत्तर व दक्षिण के रिश्ते की प्रगाढ़ता के लिए बीएचयू के एंफीथिएटर मैदान में चल रहे काशी-तमिल संगमम् का शुक्रवार को संकल्पों के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने लोगों को एक भारत-श्रेष्ठ भारत का संदेश दिया।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने काशी तमिल संगमम के एक माह तक के आयोजन को अलौकिक बताते हुए कहा कि यह भारत की दो महान सांस्कृतिक धरोहरों का अद्भुत संगम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काशी तमिल संगमम की कल्पना की पूर्णाहुति होने जा रही है। हालांकि ये पूर्णाहुति नहीं है। यह भारतीय संस्कृति के दो उटुंग शिखर, तमिलनाडु की संस्कृति, दर्शन, भाषा, कला, ज्ञान और विश्व में जिसकी मान्यता है, ऐसी काशी की सांस्कृतिक विरासत के मिलन की शुरुआत है।

उन्होंने कहा कि लंबे समय से हमारे देश की संस्कृतियों को जोड़ने का प्रयास नहीं हुआ था। प्रधानमंत्री ने काशी तमिल संगमम के माध्यम से सदियों बाद ये प्रयास किया है। ये प्रयास पूरे देश की भाषाओं और संस्कृतियों को जोड़ने का सफल प्रयास सिद्ध होगा। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि गुलामी के एक लंबे काल खंड में हमारी संस्कृति और विरासत को मलिन करने का प्रयास किया गया है। यह आनंद का विषय है कि भारत की आजादी के अमृतकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांस्कृतिक पुनर्जागरण का काम किया है।

उन्होंने विशेष रूप से जोर देते हुए कहा कि भारत अनेक संस्कृतियों, भाषाओं, बोलियों और कलाओं से बना हुआ देश है। मगर, इन सबके बीच में बारीकी से देखें तो उसकी आत्मा एक है और वह भारत की आत्मा है। दुनिया के अन्य देश जिओ पॉलिटिकल आधार बने हुए हैं, लेकिन भारत के साथ ऐसा नहीं है।

Amit shah

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आजादी के बाद एक समय ऐसा आया, जब देश की सांस्कृतिक एकता में जहर घोलने का प्रयास किया गया। लेकिन अब समय आ गया है, एक भारत श्रेष्ठ भारत की रचना करने का और वो भारत की सांस्कृतिक एकता से ही हो सकता है। उन्होंने काशीवासियों धन्यवाद देते हुए कहा कि तमिलनाडु से आए हुए सभी भाई-बहनों का काशीवासियों ने मन से स्वागत किया है। तमिलनाडु वाले काशी को कभी भूल नहीं सकते।

कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वणक्कम काशी व हर-हर महादेव के उद्घोष से लोगो का स्वागत करते हुए कहा कि काशी तमिल संगमम का शुभारंभ काशी के भूमि से हुआ। उन्होंने कहा कि काशी तमिल संगमम ने काशी में एक भारत, श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार कर दिया है। उन्होंने इस भव्य आयोजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आयोजन के लिए काशी को चुना जाना उत्तर प्रदेश के लिए बड़ी बात है। इस आयोजन में जिस तरह से काशीवासियों ने सहभागिता किया वो प्रशंसनीय है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतिनिधित्व करता है और तमिलनाडु भी इन सभी समानताओं को लेकर कला, संस्कृति, ज्ञान की उस प्राचीनतम परंपराओं का नेतृत्व करता है।

इन दोनों परंपराओं का काशी तमिल संगमम के माध्यम से अद्भुत संयोग एक नए संगम का निर्माण करता है, जो एक भारत श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को साकार करता है। तमिलनाडु के विभिन्न क्षेत्रों से अनेकों समूहों में आकर वहां के लोगों ने सभ्यता एवं संस्कृति के दृष्टि से प्रधानमंत्री की परिकल्पना एक भारत श्रेष्ठ भारत को देखा। कार्यक्रम के दौरान विगत एक माह में तमिलनाडु से आए लोगों ने काफी नजदीक से यहां के सभ्यता व संस्कृति को देखा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि काशी आध्यात्मिक व सांस्कृतिक राजधानी के साथ-साथ कला व संस्कृति का अद्भुत केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि काशी-तमिल संगमम पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दो प्राचीन परंपराएं एक साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की “एक भारत श्रेष्ठ भारत” के परिकल्पना को साकार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु में काफी समानताएं हैं।

प्रधानमंत्री के आत्म निर्भर भारत के परिकल्पना को साकार करने में उत्तर प्रदेश एवं तमिलनाडु में अनेकों समानताएं हैं। ओडीओपी के तहत “एक जनपद एक उत्पाद” के तहत दोनों प्रदेशों के उत्पादों में भी अनेक समानताएं हैं। आत्मनिर्भर भारत के परिकल्पना को साकार करने में दोनों प्रदेशों के उद्यम में भी एकरूपता है।

आपने कहा कि काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के कारण काशी पूरे दुनिया में दिद्वयान हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने “काशी-तमिल संगमम” में तमिलनाडु से आए लोगों से अपील करते हुए कहा कि तमिलनाडू के विभिन्न क्षेत्रों से लोगों को काशी आने के लिए वह प्रेरित करें।
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोदी@20 पुस्तक का तमिल अनुवाद का लोकार्पण किया।

स्वागत भाषण केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया। इस अवसर पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री किशन रेड्डी, मत्स्य पालन- पशुपालन व डेरी मंत्री डॉ. लोगनाथन मुरुगन, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व तमिलनाडु के राज्यपाल रवींद्र नारायण रवि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

ढाई हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने लिया संगमम् में भाग

बताते चले कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ की भावना को कायम रखने के लिए आयोजित काशी-तमिल संगमम् का प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 19 नवंबर को उद्घाटन किया था। इसका उद्देश्य तमिलनाडु व काशी के बीच सदियों पुराने संबंधों को पुनर्जीवित करना रहा। तमिलनाडु के शास्त्रीय व लोक कलाकारों, साहित्यकारों, उद्यमियों, किसानों, धर्मगुरुओं, खिलाड़ियों आदि के छोटे जत्थों में ढाई हजार से अधिक प्रतिनिधियों ने उत्सव में भाग लिया।

तमिलनाडु से आए समूहों ने काशी के अलावा प्रयागराज और अयोध्या का भी भ्रमण किया। सम्मेलन में उत्तर और दक्षिण के लोगों के बीच शिक्षा, कला और संस्कृति, साहित्य, खेल आदि के क्षेत्र में विभिन्न कार्यक्रमों के अलावा कला, फिल्म, हथकरघा और हस्तशिल्प आदि की प्रदर्शनियों का आयोजन किया गया। यह आयोजन एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के तहत की गई एक पहल है। शिक्षा के दो केंद्रों आइआइटी मद्रास व बीएचयू ने मिलकर इस कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की और शिक्षा मंत्रालय ने नोडल एजेंसी के रूप में काम किया।

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