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लेह में कोविड -19 परीक्षण सुविधा की स्थापना

डीआरडीओने उच्च उन्नतांश अनुसंधान रक्षा संस्थान (डीआईएचएआर), लेह में कोविड -19 परीक्षण सुविधा की स्थापना की

23 JUL 2020 by PIB Delhi

      डीआरडीओ ने केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में कोरोना मामलों की पहचान के उद्देश्य से परीक्षण की दर को बढ़ाने के लिए लेह स्थित प्रयोगशाला, उच्च उन्नतांश अनुसंधान रक्षा संस्थान (डीआईएचएआर) में कोविड -19 परीक्षण सुविधा की स्थापना की है। परीक्षण सुविधा संक्रमित व्यक्तियों पर निगरानी रखने में भी मदद करेगी। यह सुविधा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के सुरक्षा मानकों और दिशानिर्देशों के अनुरूप है। लद्दाख के लेफ्टिनेंट गवर्नर श्री आर के माथुर ने 22 जुलाई 2020 को इस सुविधा केंद्र का उद्घाटन किया।

      डीआईएचएआरकी परीक्षण सुविधा, प्रति दिन 50 नमूनों की जांच करने में सक्षम है। इस सुविधा का उपयोग लोगों को कोविड परीक्षण का प्रशिक्षण देने के लिए भी किया जा सकता है। भविष्य के जैव-खतरों से निपटने में और कृषि-पशुओं की बीमारियों के लिए आर एंड डी गतिविधियों को पूरा करने में इस  सुविधा से बहुत मदद मिलेगी।

      अपने संबोधन में, एलजी श्री आरके माथुर ने कोविड -19 से लड़ने में डीआरडीओ के प्रयासों की सराहना की और डीआईएचएआर में यह सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रक्षा विभाग, अनुसंधान एवं विकास के सचिव एवं डीआरडीओ के चेयरमैन डॉ जी सतीश रेड्डी को धन्यवाद दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस सुविधा से संक्रमित व्यक्तियों के इलाज में मदद मिलेगी।

      उपराज्यपाल ने परीक्षण सुविधा का भी निरीक्षण किया। उन्हें परीक्षण सुविधा के जैव-सुरक्षा पहलू तथा शोधकर्ता, स्वास्थ्य पेशेवरों और पर्यावरण की सुरक्षा और परस्पर-संदूषण को कम करने के एहतियाती उपायों के बारे में भी जानकारी दी गई।

      इस अवसर पर डीआईएचएआर के निदेशक डॉ ओपी चौरसिया, कमांडेंट, ब्रिगेडियर जेबी सिंह, एनआरआईएसआर, लेह की निदेशक डॉ पद्मा गुरमीत,   एसएनएम अस्पताल, लेह के सीएमओ डॉ मुतुप दोरजे व अन्य डॉक्टर, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की टीम उपस्थित थी।

      डीआईएचएआर, डीआरडीओ की जीवन-विज्ञान प्रयोगशालाओं में से एक है, जो ठंडे शुष्क कृषि-पशु प्रौद्योगिकियों पर काम कर रही है। प्रयोगशाला औषधीय और सुगंधित पौधों की जांच और पहचान कर रही है ताकि उनका उपयोग रक्षा उद्देश्यों के लिए किया जा सके। प्रयोगशाला अधिक ऊंचाई और ठंडे रेगिस्तानी क्षेत्रों के लिए ग्रीनहाउस प्रौद्योगिकियों पर भी काम कर रही है।

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