प्रधानाचार्य स्कूल के गार्डियन:98% रिजल्ट के पीछे उनका नेतृत्व: उप मुख्यमंत्री सिसोदिया


मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के 19 स्कूलों के प्रधानाचार्यों से की मुलाकात। बातचीत के जरिये उनके अनुभव को समझने की कोशिश ताकि उन मुद्दों को समझा जा सके जहाँ हमें और काम करने की ज़रूरत है

Manish Sisodia 2807 01

प्रधानाचार्यों ने साझा किए अपने अनुभव। कहा, बेहतर नतीजों के पीछे मिशन बुनियाद की सोच।हर प्रधानाचार्य की अपनी अलग कहानी। हम एक दूसरे से सीखें और अपनी कमियों को दूर करें। आने वाले सालों में यही अनुभव शत प्रतिशत नतीजों का रास्ता दिखायेगा। – उप मुख्यमंत्री सिसोदिया

रिपोर्ट: महेश मौर्य दिल्ली
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने स्कूल में पिछली बार की तुलना में इस बार सबसे ज्यादा पास पर्सेटेज या क्वालिटी इंडेक्स में बढ़त दर्ज  करने वाले सरकारी स्कूलों के 19 प्राचार्यों से आज बातचीत की। 
श्री सिसोदिया ने कहा कि स्कूल में प्राचार्य ही सभी बच्चों के अभिभावक हैं, इसलिए उनपर सबसे ज्यादा दायित्व है। श्री सिसोदिया ने कहा कि आपके नेतृत्व पर हमें पूर्ण भरोसा है और बार्ड परीक्षाओं में शानदार रिजल्ट आपलोगों की बदौलत ही संभव हुआ है। 
दिल्ली सचिवालय में आयोजित इस बैठक में श्री सिसोदिया ने खास तौर पर उन रणनीतियों के बारे में बात की जिसके कारण बोर्ड परीक्षाओं में अच्छे नतीजे हासिल हुए। श्री सिसोदिया ने भविष्य में शत-प्रतिशत नतीजे हासिल करने की दिशा में सुझाव भी मांगे और अब तक की कमियों पर भी खुलकर विचार मांगे।
श्री सिसोदिया ने कहा कि पांच साल पहले जब दिल्ली में श्री अरविंद केजरीवाल जी के नेतृत्व में सरकार बनी थी, तब हमने शिक्षा को पहली प्राथमिकता में रखा था। आज लगता है कि हमारा वह निर्णय बिल्कुल सही था। हमें पांच साल के भीतर काफी उत्साहवर्द्धक नतीजे देखने को मिले हैं। समाज के ऐसे पीछे छूटे हुए वंचित तबके के बच्चे भी अब अच्छी तरह पढ़कर टाॅपर बन रहे हैं और मां-बाप का नाम रोशन कर रहे हैं। 
श्री सिसोदिया ने कहा कि दसवीं और बारहवीं बोर्ड परीक्षाओं में शानदार प्रदर्शन के पीछे आपके शिक्षण दृष्टिकोण और रणनीतियों को समझने तथा आपको व्यक्तिगत रूप से बधाई देने के उद्देश्य से आपको आमंत्रित किया है। हम इस पर भी खुलकर चर्चा करें कि अब तक क्या कमी रह गई और आगे हम किस रणनीति पर चलें ताकि शत-प्रतिशत परिणाम हासिल हों।  
श्री सिसोदिया ने कहा कि इस बातचीत के जरिए हम आपके अनुभव को समझने की कोशिश कर रहे हैं ताकि उन मुद्दों को समझा जा सके जहां हमें काम करने की जरूरत है। श्री सिसोदिया ने कहा कि हर प्राचार्य के पास सफलता और अनुभवों की अपनी अलग कहानी है। हम एक दूसरे से सीखें और अपनी कमियों को दूर करें। आने वाले वर्षों में यही अनुभव हमें शत प्रतिशत नतीजों का रास्ता दिखाएंगे।
चर्चा के दौरान कई प्रायार्यों ने कहा कि मिशन बुनियाद के कारण शानदार सफलता मिली है। जो बच्चे किसी वजह से पढ़ाई में पीछे छूट गए थे, उनके लिए विशेष व्यवस्था करने के कारण काफी सकारात्मक माहौल बना। उन बच्चों को भी एहसास हुआ कि विद्यालय को उनकी चिंता है। इसलिए उन्होंने पूरी लगन से पढ़ाई की। 
चर्चा में यह बात भी सामने आई कि ईएमसी कक्षाओं में माइंडफुलनेस गतिविधियों ने छात्रों में एकाग्रता बनाने में मदद की। इसने कक्षा में शिक्षकों-छात्रों को जोड़ने में मदद की। पहले धारणा थी कि शिक्षक केवल तेज, स्मार्ट, मुखर बच्चों पर ध्यान देते हैं। लेकिन इन कक्षाओं के कारण शिक्षकों ने उन सभी छात्रों के साथ बातचीत की जो संकोची स्वभाव के थे या कक्षा में कम बात करते थे। ईएमसी कक्षा के कारण अब ऐसे छात्र बिना किसी हिचक के शिक्षकों के सामने अपनी बात रखते हैं। इस तरह ईएमसी क्लास से सकारात्मक बदलाव लाया है। 
बैठक में यह बात भी सामने आई कि अच्छे रिजल्ट के कारण बच्चों का आत्मसम्मान बढ़ा है। उन्हें अब यह बताने में कोई संकोच नहीं होता कि वे सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं। अब इन हमारे स्कूलों के प्रति सबका नजरिया बदल गया है। इसका श्रेय हमारे उन शिक्षकों और छात्रों को जाता है, जो लगातार प्राइवेट स्कूल के छात्रों को भी मात दे रहे हैं।