Teacher day

Teacher day: मुझको टीचर की पिटाई से बड़ी दहशत थी: वाजिद हुसैन “साहिल”

!! शिक्षक दिवस !! (Teacher day)

Teacher day, Wajid Husain Sahil
वाजिद हुसैन “साहिल”, सेंधवा जिला बड़वानी

कभी सेहरा कभी दरिया के किनारे सीखा
कहीं थोड़ा कहीं ज़्यादा कही सारे सीखा

ये भी सच है के अभी सीख रहा हूं लेकिन
जो भी सीखा में सभी लफ्ज़ करारे सीखा

मुझको टीचर की पिटाई से बड़ी दहशत थी
पढ़ना लिखना तो मैं बस खौफ के मारे सीखा

जिसने पहचान कराई थी कलम से मेरी
मुझपे शिक्षक के ये एहसान है सारे, सीखा

फिर ग़ज़ल के मुझे उस्ताद ने गुर सिखलाए
रौशनी, फूल, घटा, चांद, भी बारे सीखा

मेरा दोनों ही से कुछ ऐसा रहा है नाता
मैं तो उर्दू को भी हिंदी के सहारे सीखा

ज़िंदगी की सभी उलझन को किनारे रख कर
कैसे उलझी हुई जु़ल्फों को संवारे, सीखा

दौलते इल्म अकड़ से नहीं मिलती “साहिल”
ये हुनर हमने तो दामन को पसारे सीखा

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