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Sawan maas: आ गया है सावन मास…!

!! आ गया है सावन मास…!!! (Sawan maas)

Rajesh rajawat
राजेश राजावत -“ओजस”
दतिया, मध्य प्रदेश

Sawan maas: डाल -डाल लहरा रही है
कोयल बाग में गा रही है
प्रकृति ने श्रृंगार किया
शाम की लाली छा रही है
पपीहा की बुझ गई प्यास
आ गया है सावन मास…!

सोलह सावन सखी सजे
बच्चो के भी अलग मजे
सुहानी बहुत फुहार लगे
देखो बदलो में नगाड़े बजे
सखी मन लग गई आस
आ गया है सावन मास…!

डाली-डाली झूले पड़ गए
झूले सखी अंबर चढ़ गए
सब के मन खुशी भर गए
घर-घर में तुलसी गड़ गए
लगे समय बड़ा ही खास
आ गया है सावन मास…!

देखो फसल झूम रही है
हवा हरियाली चूम रही है
मेढ़क मार रहे टिटकरी
धीरे-धीरे कभी बारी-बारी
खुशी से है मन उल्लास
आ गया है सावन मास…!

प्रिय मिलने प्रीतम आए
उनको देख के मन हर्षाए
ओजस गल बहियां सुहाए
दिल भी प्रीत मल्हारें गाए
कितना खूबसूरत एहसास
आ गया है सावन मास…!

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