जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में, ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में।

जो दिखाई देते हैं संकीर्णता के पक्ष में।ऐसे लोगों से नहीं मैं मित्रता के पक्ष में। ज़हर था बातों में उनकी जानते थे सब मगरआ गए कुछ लोग उनकी धृष्टता … Read More

करो कर्म “धर्म और आस्था” साथ – साथ रखो, आत्मविश्वास अनंत अपार खुद पर: ममता कुशवाहा

धर्म और आस्था धर्म और आस्था को कहते ईश्वर का प्रतीकमानतेे है लोग ध्यान करो ईश्वर का अनंततो होता है मनवांछित इच्छा पूरा उनकाकुछ इस तरह से हो जाते है … Read More

मातृत्व प्रेम से बढ़कर ना देखा, अनमोल बंधन इस जगत में हमने

मातृत्व प्रेम मातृत्व प्रेम से बढ़कर ना देखाअनमोल बंधन इस जगत में हमनेना करना कभी अपमान इनकाजो जननी हमारी,करती हमसे निस्वार्थ प्रेम , हर डगर, हर मुश्किलों में देती साथहमारी … Read More

प्यासी है दिल की नदिया, सागर में इसे सामने दो !!

ख्वाब  नए  लहराने दो !सबके दिल पर छाने दो !! आँखों में एहसास भरो !प्यासे  को  पैमाने  दो !! तन्हा – तन्हा रहते क्यों !महफ़िल  में  दीवाने दो !! उसके … Read More

इक दीप जलाया था तेरे इश्क़ का हमने ! झूठी है मुहब्बत तो दिखाने के लिए आ !!

आ शीशा ए दिल तोड़ के जाने के लिए आ !तू मुझसे ख़फ़ा है तो जमाने के लिए आ !! इल्ज़ाम मेरे सर तेरी रुसवाई का आया !दुनिया का भरम … Read More

रास्ता मुश्किल है आसान नहीं है, रुक जाना भी तो समाधान नही है।

रास्ता मुश्किल है आसान नहीं हैरुक जाना भी तो समाधान नही है। दर्द थकान पसीना पैरों में जलनकिसी भी शै से वो परेशान नही है। दोराहो चौराहों के असमंजस भी … Read More

मिली न मुस्कान हमे सौगात की ! कद्र उनको नही मेरे जज्बात की !

मिली न मुस्कान हमे सौगात की !कद्र उनको नही मेरे जज्बात की ! हम उनके  ख्यालों  में  खोए  रहे !गुज़रती  रही  रात  नगमात  की ! सरकता रहा वक़्त पल-पल यहाँ … Read More

માણસ હરેક પળ કઈંક કેહવા માંગે છે.. ચીસો પાડીને કદાચ..

खामोशियाँ बेवजह नहीं होती..कुछ दर्द भी आवाज़ छीन लेते है.. || દરરોજનું દરેક વ્યક્તિ કેટલું બોલવાનું પસંદ કરતુ હશે.કેટલી ભાષાઓ અને કેટલાય શબ્દો,બધુજ વ્યક્ત કરી શકે એટલા વાક્યો… અને એક … Read More

उम्मीदों का सफर

एक रचनाकार हूँ मै निर्माण करने में लगा हूँ,मै व्यथा का सोला सिंगार करने मे लगा हूँ ||देखा है मैने अँधेरे में अपनी परछाई को साथ छोडते हुए,इसलिए बहुत कुछ … Read More

ना जाने जिंदगी का ये कैसा दौर है, घर खामोश है, और ‘online’ शोर है.!

કયાંક વાંચેલું મને બહુ ગમ્યું અને તમને પણ ગમેજ.. કેમ કે reality માં પણ એવુજ થઇ રહ્યું છે.જેના સાક્ષી આપણે રોજ બનીએ છીએ.. અને આપણી રીતેજ વિચારોની અદાલતમાં પોતાનો કેસ … Read More