Krishna Janmashtami: नन्द के भवन में गूँजी है किलकारी, सुना है नटखट श्याम आयो है: आशीष बादल
Krishna Janmashtami: खूब झूमो सब, खेलो होली, उड़ाओ अबीर ग़ुलाल, आज ब्रज में म्हारो नन्दलाल आयो है..
भरे अंधियारे में बो धरा पे आयो है,
मेघा ने भी बाके आवे को जश्न मनायो है.
नन्द के भवन में गूँजी है किलकारी,
सुना है नटखट श्याम आयो है..
जनम भले बाको देवकी -वासुदेव ने दओ,
लेकिन लालन पालन को सौभाग्य तो यशोदा-नन्द ने पायो है.
खूब बज रये घंटा -घड़ियाल चहूँ ओर,
माखन-चोर साक्षात् पृथ्वी लोक पे जो आयो है.
बचपन से ही भांति भांति की लीला दिखायी,
भयंकर से राक्षसों को पल भर में तारो है..
खूब सताओ सखियन को बाने क्षण क्षण,
लेकिन कोनहूँ के हाथ वो कान्हा कभऊं न आयो है.
एक तरफ राधा संग मिलकर अमर प्रेम रचायो,
दूजी ओर रुक्मणी को कृष्ण कहलायो है..
बीच सभा में रक्षा करी बाने द्रोपदी की भाई होके,
तो सुदामा के लाने एक सच्चे मित्र को फ़र्ज निभायो है.
खूब झूमो सब, खेलो होली, उड़ाओ अबीर ग़ुलाल,
आज ब्रज में म्हारो नन्दलाल आयो है..
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