Scholarship scheme for Sanskrit students

Scholarship scheme for Sanskrit students: सीएम योगी ने संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की विधिवत शुरुआत की

Scholarship scheme for Sanskrit students: संस्कृत केवल देववाणी ही नहीं बल्कि भौतिक समाज की तमाम समस्याओं के समाधान करने का भी माध्यम बने-सीएम योगी

  • सीएम योगी ने विद्या की राजधानी काशी से संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की विधिवत शुरुआत की
  • मुख्यमंत्री के एक क्लिक से 69195 संस्कृत छात्रों के बैंक खातों में पहुंची 586 लाख रूपये छात्रवृत्ति धनराशि
  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा काशी विश्वनाथ एवं काशी के कोतवाल कालभैरव का विधिवत दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया
  • मुख्यमंत्री ने काजीसराय के पास स्थापित विशाल हनुमान प्रतिमा का पूजन अर्चन एवं परिक्रमा कर लोकार्पण किया
google news hindi

रिपोर्ट: डॉ राम शंकर सिंह
वाराणसी, 27 अक्टूबर:
Scholarship scheme for Sanskrit students: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सर्वविद्या की राजधानी काशी से रविवार को उत्तर प्रदेश के समस्त संस्कृत विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के संस्कृत विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति योजना की विधिवत शुरुआत की। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय परिसर के दीक्षा प्रांगण में आयोजित भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कंप्यूटर के माउस को क्लिक कर प्रदेश के 69195 संस्कृत विद्यार्थियों के बैंक खाते में एक साथ 586 लाख रूपये की धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में स्थानांतरित किया।

बैंक खातों में छात्रवृत्ति की धनराशि डिजिटली ट्रांसफर होने पर मौके पर मौजूद छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे। इसमें विश्वविद्यालय के 36 विद्यार्थी शामिल हैं।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मंच से प्रतीकात्मक रूप से सुहानी, पूजा शुक्ला, रंजना, कृष्णा, आर्यन, अभिनव मिश्रा, स्मिता, अमन, योगेश दुबे, प्रिंस पाण्डेय, हर्ष मिश्रा सहित 12 बच्चों को छात्रवृत्ति उपलब्ध करायी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज का कार्यक्रम संस्कृत एवं भारतीय संस्कृति के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं। संस्कृत भाषा को भारतीय संस्कृति के ऊर्जा का स्वर बताया। इसी ऊर्जा से हर व्यक्ति आह्लादित हो। गरीब एवं असहाय बच्चो के लिए छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन संस्कृत भाषा का क्यों उपेक्षा किया गया यह समझ से परे है। अब तक संस्कृत के 300 बच्चों को ही छात्रवृति की व्यवस्था रही। संस्कृत के प्रथमा से आचार्य तक के सभी बच्चों को छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए संस्कृत विद्यालयों को बच्चों का फार्म आदि भरवाने की औपचारिकता पूर्ण कराते हुए प्रयास करना होगा।

यह भी पढ़ें:- IITBHU convocation ceremony: आई आई टी बी एच यू का दीक्षांत समारोह 28 ऑक्टूबर को

गुरुकुल की परंपरा को पुनर्जीवित करने वाली संस्थाओं को खोलने के लिए लोगो का आह्वान करते हुए सीएम योगी ने कहा कि ऐसे विद्यालयों को प्रदेश की उनकी सरकार तत्काल मान्यता देगी और ऐसी संस्थाओं को स्वतंत्रता भी रहेगी। संस्कृत केवल देववाणी ही नहीं बल्कि भौतिक समाज की तमाम समस्याओं के समाधान करने का भी माध्यम बने। अच्छा थीसिस लिखने वाले छात्रों के लिए भी प्रदेश सरकार स्कॉलरशिप की व्यवस्था करने जा रही है। उन्होंने एक मनीषी के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए संस्कृत एवं उसके साहित्य को भारत का सबसे बड़ा खजाना बताया।

संस्कृत के छात्रों को आश्वस्त किया कि वे मन लगाकर पढ़ाई करे, सरकार उनके हर सुविधा का ख्याल रख रही है। मुख्यमंत्री ने संस्कृत विद्यालय, महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर शीघ्र ही भर्तियां करने की व्यवस्था करने के लिए कहा, तब तक उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में अध्यापकों की व्यवस्था करने पर भी विशेष जोर दिया। ताकि बच्चों की शिक्षा व्यवस्था सुचारू रूप से चलती रहे। उन्होंने संस्कृत को वैज्ञानिक भाषा के दृष्टि से भी आगे बढ़ाए जाने पर विशेष जोर दिया। मुख्यमंत्री कहा कि संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के पुरातन संस्कृति का संवर्धन किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमन्त्री के नेतृत्व में भारत की सभ्यता, संस्कृति उठ खड़ी हुई है जिसको संस्कृत द्वारा उचित समय दिया जायेगा। संस्कृत केवल देववाणी ही नहीं है बल्कि भौतिक जगत की सभी समस्याओं की वैज्ञानिक बिधि भी है। संस्कृत को बढ़ाने हेतु शोध के कार्यों को आगे बढ़ाया जाये जिसके लिए सरकार शोध छात्रवृत्ति भी लेकर आएगी। उन्होंने महर्षि अरविंद के भारतीय संस्कृति को आगे बढ़ाने में दिये योगदान को भी सभी के सामने रखा। दुनिया का हर वो व्यक्ति जो सर्वागीण विकास का पक्षधर है वो संस्कृत के विकास का भी पक्षधर है। काशी फिर से साँस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का केंद्र बने इस दिशा में सभी लोग पुनः प्रयास करें।

BJ ADS

उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि दुनिया का सांस्कृतिक एवं विद्या की राजधानी काशी में 235 वर्षीय पुराना है, संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय। जो देव भाषा का संरक्षण एवं संवर्धन कर रहा है।भगवाधारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के होने से हमारी संस्कृति को बलवती होने को निश्चित रूप से बल मिलता है।

उन्होंने कहा की भारत संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना की धरा है और अगर संस्कृत सुरक्षित नहीं रही तो फिर संस्कृति खतरे में पड़ जायेगी। उन्होंने कहा कि सनातन को अक्षुण रखने में हमारा भगवा बहुत बड़ा रोल अदा करता है। कुलपति ने कहा की मुख्यमंत्री ने अपने सुशासन के बल पर भारत का हृदयस्थल उत्तर प्रदेश को एक नयी दिशा दी है। किसी अभाव से जो विद्यार्थी शिक्षा से वंचित रह जाते हैं उनको ये छात्रवृत्ति बहुत संबल देगी। दुनिया जब बूढ़ी हो रही तब भारत जवान हो रहा उसको सही दिशा दिखाने को आप जैसा नेतृत्व कर्ता बड़ा रोल अदा कर सकता है।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री का स्वागत उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय, कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा, अध्यक्ष काशी विश्वनाथ न्यास परिषद प्रो0नागेंद्र पाण्डेय आदि लोगों ने किया।समारोह में विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय के अलावा अध्यक्षता कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने किया। कार्यक्रम में स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविन्द्र जायसवाल, आयुष एवं खाद्य सुरक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, अध्यक्ष जिला पंचायत पूनम मौर्या, एमएलसी हंसराज विश्वकर्मा, पूर्व मंत्री एवं विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव, विधायक टी राम, विधायक सुनील पटेल सहित भारी संख्या में छात्र एवं प्रोफेसर प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा काशी विश्वनाथ एवं काशी के कोतवाल कालभैरव का विधिवत दर्शन पूजन कर आशीर्वाद लिया। तत्पश्चात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबतपुर मार्ग पर काजीसराय के पास स्थापित विशाल हनुमान प्रतिमा का पूजन अर्चन एवं परिक्रमा कर लोकार्पण किया।

देश की आवाज की खबरें फेसबुक पर पाने के लिए फेसबुक पेज को लाइक करें