Ramlala Janmotsav: रामलला गर्भगृह में रखी गई स्वर्ण अक्षरों से लिखी रामायण; जानें खासियत और रामनवमी की तैयारी
Ramlala Janmotsav: 500 सालों के बाद पहली बार रामलला अपने गर्भगृह में जन्मोत्सव मनाएंगे
अयोध्या, 14 अप्रैल: Ramlala Janmotsav: अयोध्या राममंदिर के गर्भगृह मे सोने के अक्षरों से लिखी रामायण स्थापित हो चुकी है। इस गोल्ड प्लेटेड रामायण के पन्ने सुनहरे रंग के है जो देखने मे बेहद खूबसूरत है। इस रामायण को बनाने का खर्च लगभग 5 करोड़ रुपये आई है। इस ग्रंथ को बनाने मे जो खर्च आया है वह मध्यप्रदेश कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी सुब्रमण्यम लक्ष्मीनारायण ने दान किया है।
बता दें कि सोने की रामायण को पत्थर के आसन पर रखा गया है. रामायण का वजन 1.5 क्विंटल से भी ज्यादा है. इसका जो प्रत्येक पेज है वो तांबे से बनाया गया है, जो 14 x12 इंच का है। वहीं हर पन्नों पर 24 कैरेट सोने की परत चढ़ाई गई है. इन पर राम चरित मानस के छंद अंकित किए गए हैं. रामायण में मौजूद 500 पन्नों पर 10,902 छंद हैं। हर पन्नों पर 14 गेज के 12 इंच की 3 किलोग्राम तांबे की प्लेट का इस्तेमाल करके बनाया गया है. इसको बनाने में 151 किलो तांबे और 3 से 4 किलो सोने का इस्तेमाल हुआ है.
श्रीराम लला जन्मोत्सव की तैयारी
श्रीराम जन्मभूमि ट्रस्ट रामलला के जन्मोत्सव यानि की रामनवमी की जोर शोर से तैयारी में लगा है। और हो क्यों नहीं जो 500 सालों के बाद यह मौका आया है। इसलिए इस दिन को लेकर मंदिर खास तैयारी मे लगा है। 17 अप्रैल को रामनवमी का त्योहार है। रामनवमी के दिन ही भगवान राम का जन्म हुआ था।
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500 सालों के बाद पहली बार रामलला अपने गर्भगृह में जन्मोत्सव मनाएंगे। मंदिर ही नहीं पूरी अयोध्या नगरी को सजाया जा रहा है। सांस्कृतिक कार्यक्रम भजन बहुत कुछ विशेष होगा राम जन्म उत्सव पर। पहली बार रामलला के ललाट पर सूर्यतिलक होगा। इस पल को निहारने के लिए करोड़ों राम भक्तों को इंतजार है की वे रामनवमी के दिन रामलला के दर्शन कर सकें। दुनिया पहली बार रामनवमी पर राम जन्म उत्सव का नजारा देखेगी।
भगवान राम लला के दर्शन कीजिए अद्भुत छवि मेरे राम की
एकटक सब सोहहिं चहुँ ओरा।
— Shri Ram Janmbhoomi Teerth Kshetra (@ShriRamTeerth) April 14, 2024
रामचन्द्र मुख चंद चकोरा॥
तरुन तमाल बरन तनु सोहा।
देखत कोटि मदन मनु मोहा॥ pic.twitter.com/GHKfqF4vGO
मंदिर ट्रस्ट से मिली जानकारी के अनुसार रामनवमी पर रामलला सोने और चांदी से बुने और विशेष डिजाइन किए गए वस्त्र पहनेंगे। इस विशेष वस्त्र को दिल्ली से अयोध्या विशेष विमान से लाया जाएगा। मंदिर और श्रीरामलला के शृंगार के लिए दिल्ली और कर्नाटक से फूल लाए जाएंगे। 56 प्रकार के व्यंजन का भोग लगेगा साथ ही वेद पुराण का पाठ भी किया जाएगा।
रामनवमी के दिन दोपहर 12 बजे रामलला का अभिषेक सूर्यतिलक से सूर्य देवता करेंगे। 12 बजे के बाद गर्भगृह रामभक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। साथ ही गूंज उठेगा मंदिर श्रीराम लला की जयनाद से ।
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