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Noise pollution more likely to cause heart attack: ध्वनि प्रदूषण से हवाई अड्डा क्षेत्रों में दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा; चौकाने वाली रिपोर्ट

Noise pollution more likely to cause heart attack: ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए खतरा है, हवाई अड्डे के क्षेत्र में दिल का दौरा पड़ने से 20 में से 1 की मौत होती है

अमेरिका, 26 मार्च: Noise pollution more likely to cause heart attack: शोर-शराबे वाले इलाकों में रहने वाले लोगों को दिल का दौरा पड़ने की संभावना ज्यादा होती है। संयुक्त राज्य अमेरिका में न्यू जर्सी मेडिक्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह आंकड़ा उस क्षेत्र तक बढ़ जाता है जहां हवाई अड्डा स्थित है। इन क्षेत्रों में दिल के दौरे की दर 72% तक बढ़ जाती है।

रिपोर्ट के अनुसार, दिल का दौरा पड़ने (Noise pollution more likely to cause heart attack) से होने वाली 20 में से 1 मौत ध्वनि प्रदूषण के कारण होती है। तीव्र ध्वनि के कारण व्यक्ति खराब नींद या गंभीर तनाव से ग्रस्त हो जाता है। शोधकर्ता और हृदय रोग विशेषज्ञ प्रोफेसर अबेला मोरेरा का कहना है कि हृदय रोग के साथ-साथ रक्तचाप और मधुमेह के लिए ध्वनि प्रदूषण को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। यह शोध हमें यह सोचने में मदद कर सकता है कि ध्वनि प्रदूषण और वायु प्रदूषण हृदय के लिए खतरनाक हैं।

Noise pollution more likely to cause heart attack

शोधकर्ताओं ने कहा कि 2018 में दिल के दौरे की घटनाओं को क्रॉस-चेक किया गया है। जिस क्षेत्र में ध्वनि का स्तर 65 डेसिबल के आसपास होता है, उसे ध्वनि प्रदूषण वाला क्षेत्र कहा जाता है। शोध से पता चला है कि इस क्षेत्र में रहने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। यहां स्थिति ऐसी है जैसे एक ही कमरे में दिन-रात एक मुस्कुराते हुए व्यक्ति के साथ रहना। तेज आवाज से व्यक्ति न केवल चिड़चिड़ापन बल्कि खराब नींद और बहरापन भी पैदा कर सकता है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, ध्वनि का स्तर रात में 30 डेसिबल और दिन में 50 डेसिबल होना चाहिए। अत्यधिक ध्वनि स्तर शरीर में रक्त वाहिकाओं को अनुबंधित करने, हृदय गति को बढ़ाने और रक्तचाप को बढ़ाने का कारण बनते हैं।

Noise pollution more likely to cause heart attack: शोधकर्ताओं ने लगभग 16,000 हार्ट अटैक के मरीजों को ध्वनि के विभिन्न स्तरों पर रखा। 1938 में एक शांत जगह पर दिल का दौरा पड़ने से एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई। जबकि शोरगुल वाले इलाके में प्रति लाख 3336 लोगों की मौत हुई है। हालांकि शोध में यह पता नहीं चल पाया है कि ध्वनि प्रदूषण दिल के दौरे का कारण कैसे बनता है।

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