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Hospital bed: प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में कोविड के मरीजों को अब अस्पताल में बेड मिलने में नहीं है कोई समस्या

Hospital bed: वाराणसी शहर में कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध आक्सीजन बेड की संख्या लगभग 700 थी जो आज बढकर लगभग 1800 यानी ढाई गुना से ऊपर हो गयी है।

रिपोर्ट: राम शंकर सिंह

वाराणसी, 09 मई: Hospital bed: काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर (KCRC) के तहत कोविड की रोकथाम के लिए प्रधानमंत्री के पूर्व सचिव एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य अरविन्द कुमार शर्मा, कमिश्नर दीपक अग्रवाल, जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा, ए सी ऍम ओ डॉ संजय राय एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य कर्मियों, सरकारी एवं निजी क्षेत्र के डाक्टरों, रेवेन्यू, पुलिस एवं विकास अधिकारियों तथा आशा वर्कर एवं ग्राम कर्मचारियों की टीम के साथ अविरत प्रयास चालू है। कोविड मरीजों के उपचार के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को चुस्त-दुरस्त बनाने एवं मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर चिकित्सा व्यवस्था का विस्तार एवं फैलाव का सफल प्रयास किया गया।

एक महीना पहले वाराणसी जिले में आर0टी0- पी0सी0आर0 टेस्ट करने की क्षमता दैनिक 5-6 हजार थी। वो बढकर आज दोगुना से ज्यादा हो गयी है। लगभग 12 हजार के ऊपर दैनिक टेस्ट की क्षमता अब वाराणसी में हो गयी है। आर0टी0-पी० सी०आर० टेस्ट की रिपोर्ट मिलने में एक महीना पहले पाँच दिन से एक सप्ताह का समय लगता था. अब यह रिपोर्ट 24 घन्टे या उससे भी कम समय में उपलब्ध हो रही है। इसका कारण है कि RNA Extraction के लिए दो नई आटोमैटिक मशीनें सी०एस०आर० के माध्यम से लगवाई गयीं।

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एक महीना पहले वाराणसी शहर में कोविड मरीजों के लिए उपलब्ध (Hospital bed) आक्सीजन बेड की संख्या लगभग 700 थी जो आज बढकर लगभग 1800 यानी ढाई गुना से ऊपर हो गयी है। कई तत्कालीन अस्पतालों में बेड की संख्या बढाने के साथं कई नये अस्पतालों में कोविड मरीजों के उपचार की व्यवस्था करायी गयी जिसमें बी०एच०यू० का ट्रामा सेन्टर एवं भाभा कैंसर अस्पताल भी शामिल है। कई निजी अस्पतालों को प्रोत्साहित कर उन्हें आवश्यक व्यवस्था मुहैया कराकर कोविड मरीजों के उपचार के लिए तैयार किया गया। लगभग 600 आक्सीजन सिलेण्डर (400 डी-टाईप और 200 बी0-टाईप) की अतिरिक्त व्यवस्था की गयी जिनमे से 400 अन्य राज्यो से मगाये गये ।

आक्सीजन बाहर से लाकर स्थानीय अस्पतालों (Hospital bed) को उपलब्ध कराने का काम युद्धस्तर पर किया गया उसके चलते वाराणसी में किसी अस्पताल में भर्ती मरीजों को कष्ट का सामना नही करना पड़ा। इसी के साथ 600 LPM का आक्सीजन प्लान्ट मंडल अस्पताल में लगाया गया। रामनगर अस्पताल में भी आक्सीजन प्लान्ट शुरू हो चुका है। अन्य भी इस तरह के प्लान्ट शीघ्र ही कार्यरत हो जायेंगे। 1077 सहित काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर के 20 टेलीफोन नम्बरों पर 24 घन्टे सम्पर्क एवं मार्ग-दर्शन की व्यवस्था की गयी। एम्बुलेन्स, शव वाहिनी एवं दाहसंस्कार वगैरह सेवाओं के लिए अलग-अलग नम्बर जारी किये गये और ये सेवाएं चौबीस घन्टे दी जा रही है।

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आज की स्थिति में कोविड के मरीजों को अस्पताल में भर्ती मिलने में कोई समस्या नहीं है। मरीजों के उपचार के लिए रेमडेशिविर इंजेक्शन सहित दवाओं की या किसी प्रकार के संसाधन की कोई समस्या नहीं है। संकमित मरीजों के उपचार के साथ-साथ संकमण को रोकने के लिए
अधिकारी,कर्मचारी तथा स्वास्थ्य कर्मियों की टीम बनाकर सर्वे करने एवं दवा पहुचाने की व्यवस्था की गयी है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को 24 घन्टे खुला रखकर लोगों से सम्पर्क में रहने की व्यवस्था की गयी है। ब्लाक स्तर पर कन्ट्रोल रूम की व्यवस्था की गयी है। कोविड मरीजों को अस्पताल लाने के लिए कन्ट्रोल रूम में वाहन की व्यवस्था करायी गयी है।

वाराणसी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण के लक्षण दिखने वाले व्यक्तियों को कोविड की दवाओं की किट बड़े पैमाने पर पहुचायी जा रही है। जिससे वे घर पर ही दवा. खाकर ठीक हो सके और अन्य लोगों को सकमित होने से बचाया जा सके। अधिकारियों ने जनसामान्य को आवश्स्त किया है कि काशी कोविड रिस्पोन्स सेन्टर के प्रयासों से एवं जनता के सहयोग से वाराणसी के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कोविड की परिस्थिति नियंत्रण में है। किसी को भी आवश्यकतानुसार पर्याप्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की पूरी व्यवस्था है।

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