हिचकी भगाए गाजर (Wild Carrot)
(Wild Carrot) गाजर का 125 ग्राम रस को खाली पेट सुबह तीन दिनों तक लगातार पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं ।
- वानस्पतिक नाम- Daucus carota (डौकस कैरोटा)
- कुल- एपिएसी (Apiaceae)
- हिन्दी- गाजर, गागर
- अंग्रेजी- कैरट, क्वीन एत्रेस लेस, वाईल्ड कैरट ( Carrof, Qucen Asse’s Lace, Wild Carrot)
- संस्कृत- गर्जरा, नारंगावर्णका
गाजर एक चिरपरिचित सब्जी है जो भिना-भित्र व्यंजनों में इस्तेमाल की जाती हैं। गाजर की पैदावार पूरे भारतवर्ष में की जाती है। गाजर का वानस्पतिक नाम डौकस कैरोटा है। गाजर में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, चयी, फॉस्फोरस, स्टार्च तथा कैल्शियम के अलावा केरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है। गाजर के सेवन से शरीर मुलायम और सुन्दर बना रहता है तथा शरीर में शक्ति का संचार होता है और वजन भी बढ़ता है। बच्चों को गाजर का रस पिलाने से उनके दाँत आसानी से निकलते हैं और दूध भी ठीक से पच जाता है।
जिन्हें पेट में गैस बनने की शिकायत हो उन्हें गाजर का रस या गाजर को उबालकर उसका पानी पीना चाहिए। आदिवासियों के अनुसार गाजर के रस की 4-5 बूँदे नाक के दोनों छेदों में डाली जाए तो हिचकी दूर होती है । हिचकी को दूर करने के लिए गाजर को पीसकर सूँघने से लाभ मिलता है। पातालकोट के आदिवासी हर्बल जानकारों के अनुसार गाजर का रस शहद के साथ लेने से वीर्य गाढ़ा होता है और नपुंसकता दूर होती हैं
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डॉग- गुजरात के आदिवासी गाजर के बीज (25 ग्राम) लेकर पीस लेते हैं और उन महिलाओं के देते हैं जिन्हें मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानियाँ हो । इनका मानना है कि गाजर के बीजों को पीसकर पानी में छानकर पीने से बंद मासिक धर्म पुन: शुरू हो जाता है। गाजर का 125 ग्राम रस को खाली पेट सुबह तीन दिनों तक लगातार पीने से पेट के कीड़े मर जाते हैं ।