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Liver problems: बिना शराब पीएं लिवर की इस समस्या के शिकार हैं 40 प्रतिशत भारतीय, जानें लक्षण और बचाव के तरीके

Liver problems: शराब न पीने के बावजूद 40 प्रतिशत भारतीय लोग नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज समस्या के शिकार हैं

हेल्थ डेस्क, 11 जुलाईः Liver problems: शराब पीना स्वास्थ्य के लिए कई तरह से नुकसानदायक होता हैं। एक तो आप इसके आदी हो जाएंगे साथ ही साथ इसके सेवन से आपको कई तरह की बीमारियां अपना शिकार बना सकती हैं। इसका सबसे अधिक दुष्प्रभाव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक लिवर पर देखने को मिलता है। अधिक शराब पीने वालों में लिवर की कमजोरी, लिवर में सूजन, सिरोसिस और गंभीर मामलों में लिवर फेलियर की समस्या तक देखने को मिलती हैं।

किंतु क्या आप जानते हैं कि लिवर की कुछ बीमारियां शराब न पीने वाले लोगों में भी हो सकती हैं। खासकर नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज ऐसी ही तेजी से बढ़ती एक समस्या है, जिससे शराब न पीने वाले लोग भी काफी परेशान नजर आ रहे हैं। इतना ही नहीं आंकड़े बताते हैं कि शराब न पीने के बावजूद 40 प्रतिशत भारतीय लोग इस समस्या के शिकार हैं।

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज की समस्या किसी को भी हो सकती हैं, इसके कारण पेट में दर्द से लेकर पाचन से संबंधित कई तरह की समस्याएं बने रहने का खतरा हो सकता हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार सभी लोगों के इस समस्या के लक्षणों के बारे में जानकारी होनी चाहिए जिससे स्थिति का समय रहते निदान किया जा सके। ऐसे में आइए इस बीमारी के बारे में विस्तार से जानें….

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जानिए क्यों होती है यह समस्या

नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर डिजीज के प्रमुख कारणों का पता नहीं चल पाया हैं। लेकिन माना जाता रहा है कि कुछ स्थितियां इसके जोखिमों को बढ़ा देती हैं, जिसके बारे में सभी लोगों को विशेष सतर्कता बरतती रहनी चाहिए। शोधों से पता चलता है कि जिन लोगों का वजन अधिक हैं उनमें इस समस्या के विकसित होने का खतरा बढ़ जाता हैं। इसके अलावा खून में ट्राइग्लिसराइड्स या एलडीएल (बैड) कोलेस्ट्रॉल की अधिकता, मधुमेह या हाई ब्लड प्रेशर के कारण भी एनएएफएलडी का जोखिम बढ़ जाता हैं।

जानें कैसे करें इसकी पहचान

विशेषज्ञों के बताए अनुसार फैटी लीवर की समस्या बिना किसी लक्षण के भी हो सकती हैं। आमतौर पर इसका निदान नियमित रक्त परीक्षण की स्थिति में ही हो पाता हैं। हालांकि कुछ लोगों में इस स्थिति में संकेतों के आधार पर समस्या की पहचान की जा सकती हैं।

  • पेट में दर्द बना रहना
  • थकान-कमजोरी महसूस होना
  • त्वचा या आंखों का पीला पड़ना
  • त्वचा पर मकड़ी जैसी रक्त वाहिकाएं नजर आना
  • पेट से संबंधित दिक्कतों का बढ़ना

जानें इसके इलाज और बचाव

आमतौर पर एनएएफएलडी की स्थिति में यदि आपमें लक्षण नहीं है तो किसी विशेष उपचार की जरूरत नहीं होती हैं। हालांकि जीवनशैली में बदलाव करने से आपके लिवर में वसा के निर्माण को नियंत्रित किया जा सकता हैं। उपचार और बचाव के रूप में सबसे पहले वजन को कम करने स्वस्थ आहार और व्यायाम को जीवनशैली का हिस्सा बनाने पर जोर दिया जाता हैं। अगर आपको पहले से ही कोई समस्या है तो कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लिसराइड्स, रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए दवा दी जा सकती हैं।

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